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लखीमपुर कांड हादसा नहीं अपितु हत्या है !

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-निर्मल कुमार शर्मा,

दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित,ईमानदार, निष्पृह व बेखौफ सत्य समाचारों के लिए जाने जानेवाले ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन ऑफ लंदन मतलब बीबीसी के हिस्ट्री ऑफ आइडियाज सीरीज़ में दार्शनिक नाइजल वारबर्टन के अनुसार प्लेटो का कथन है कि ‘सत्ता के शीर्ष पर बैठनेवाले लोगों का विशेष रूप से प्रशिक्षित दार्शनिक और विद्वान लोगों का होना अत्यावश्यक है,जिनकी ईमानदारी और वास्तविकता की गहरी समझ आम लोगों से ज्यादे हो,ऐसे ही सद् गुणों से संपन्न ईमानदार,सच्चरित्र, अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान व प्रतिबद्ध लोग ही देश की जनता पर शासन करने की संस्था संसद या सत्ता के शीर्ष प्रतिष्ठानों के लिए चुने जाने चाहिए। ‘


लेकिन कितने दुर्भाग्य की बात है कि लोकतंत्र के उक्त आदर्श स्थिति के ठीक विपरीत वर्तमान भारतीय राजनीति और इस देश की शीर्ष संस्थाओं यथा इस देश की तमाम राज्यों की विधान सभाओं और केन्द्र के संसदभवन में आज इस देश की सत्ता को चलाने वालों में 43 प्रतिशत सांसद और विधायक दागी,बलात्कारी,दंगाजीवी, मॉफिया,हत्यारे और अपराधिक छवि के अपराधी माननीय विधायकजी,सांसदजी,मंत्रीजी,गृहमंत्रीजी,मुख्यमंत्री जी और प्रधानमंत्रीजी बनकर बैठे हुए हैं !लोकसभा के कुल 542 सांसदों में 233 सांसद उक्तवर्णित उपमाओं से (कु )सुशोभित कुलकलंक और राष्ट्रकलंक बैठे हुए हैं !यक्षप्रश्न है ऐसी विषम और विकट परिस्थिति में इस देश की जनता कैसे सुखी,शिक्षित,खुशहाल रह सकती है और यहाँ का लोकतंत्र कैसे सुरक्षित रह सकता है ?

Lakhimpur Violence: MoS Home's Son Ashish Mishra Summoned; UP Police's  Probe Ongoing


सबसे दुःख की बात यह है कि विधायक या सांसद बनने से पूर्व के अपने जीवन में किए गये जघन्यतम् अपराध के अपराधी अपनी जोड़़तोड़,छलकपट,धूर्तता,लंपटता,साम-दाम-दंड-भेद आदि कुटिल चालों से अपने को किसी तरह निर्दोष साबित कर खुद को इस संसदीय व्यवस्था के शीर्ष पर पहुँचने में कामयाब हो गये हैं ! लेकिन सत्ता के शीर्ष पर पहुंच कर भी वे अपने कुकृत्यों को करने से बाज नहीं आ रहे हैं ! उदाहरणार्थ लखीमपुर खीरी हत्याकांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित विशेष जांच टीम के आरोपपत्र के अनुसार इस राष्ट्रराज्य के गृहराज्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठा एक अपराधिक प्रकृति के व्यक्ति ने अपने गृहजनपद लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर नामक स्थान पर आहूत एक किसान गोष्ठी में बीते 25 सितंबर 2021 को आंदोलनरत किसानों द्वारा विरोध में काला झंडा दिखाने पर सार्वजनिक मंच से किसानों को धमकाने के अंदाज़ में बोला कि ‘सुधर जाओ,नहीं तो हम दो मिनट में सुधार देंगे ! ‘ इस असंसदीय व अमर्यादित बयान के बाद ही आंदोलनरत किसानों में आक्रोश बढ़ना शुरू हो गया,जिसका अंजाम 3 अक्टूबर 2021को 4 किसानों,एक नौजवान पत्रकार सहित 8 लोगों की मौत के रूप में सामने आ गया !
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित विशेष जांच टीम के अनुसार गृहराज्यमंत्री टेनी मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और उसके साथी 14 अन्य आरोपियों के खिलाफ 5000 पृष्ठों का आरोप पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है,जिसमें गृहराज्यमंत्री टेनी मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है,पिछले साल 3 अक्टूबर 2021को हुई इस दुःखद घटना में 4 किसानों और 1 पत्रकार सहित कुल 8 लोगों की जानबूझकर निर्ममतरीके से हत्या कर दी गई थी,इस आरोप पत्र के अनुसार गृहराज्यमंत्री टेनी मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा इस हिंसा की साजिश रचने के लिए अपने 12 अन्य साथियों के साथ 3 अक्टूबर मतलब वारदात के दिन से काफी पहले से इस घटना को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए जोरदार ढंग से तैयारी किया था ! एसआईटी के मुख्य अभियोजन अधिकारी ने गृहराज्यमंत्री टेनी मिश्रा के साले वीरेंद्र शुक्ला पर सबूत छिपाने का आरोप लगाते हुए उस पर भी आईपीसी की धारा -201 लगाकर उसे 14वाँ आरोपी बना दिया है ।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित विशेष जांच टीम के आरोपपत्र के अनुसार गृहराज्यमंत्री के 25 सितम्बर 2021 को लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर नामक जगह पर दिए गए भड़काऊ भाषण के बाद ही इस मामले की शुरूआत हुई ! प्रदर्शनकारी किसानों को सबक सिखाने के लिए गृहराज्यमंत्री के बेटे ने सोची-समझी साजिश के तहत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर अपने घर लौटते किसानों के ऊपर अपनी गाड़ी चढ़ाकर उनकी क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी थी ! वारदात के समय शामिल अपनी थार गाड़ी में मंत्रीबेटा आशीष मिश्रा खुद मौजूद था उसके दोस्त अंकित दास के साथी नंदन सिंह बिष्ट ने आशीष मिश्रा के रायफल से किसानों पर फायरिंग भी की थी,खुद गृहराज्यमंत्री टेनी मिश्रा ने 25 सितम्बर 2021को संपूर्णानगर में एक किसान गोष्ठी में काले झंडे दिखानेवाले किसानों को सुधर जाने की सरेआम धमकी दिया था,इससे नाराज किसानों ने 3 अक्टूबर को टेनी मिश्रा के गाँव में आयोजित दंगल के एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के दौरे पर हेलीपैड पर ही विरोध करने का फैसला लिया था,आशीष मिश्रा ने अपनी थार गाड़ी के काफिले को किसान जिस रास्ते से अपने घर लौट रहे थे रूटडायवर्जन की सूचना की जानकारी होने के बावजूद अपना काफिला ले गया और किसानों को रौंदते हुए उनकी निर्मम हत्या कर दिया ! सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दुर्घटनास्थल पर आशीष मिश्रा के न होने की सूचना एकदम झूठी पाई गई है !
पिछले साल 3अक्टूबर को ही किसानों ने तिकुनिया इंटर कॉलेज के पास गृहराज्यमंत्री टेनी मिश्रा की एक होर्डिंग को उसके गलतबयानी से रूष्ट होकर फाड़ दिया था,इससे नाराज आशीष मिश्रा अपने 12 अन्य साथियों के साथ किसानों की हत्या करने की वारदात को अंजाम दिया ।आशीष मिश्रा की रायफल को लेकर फायरिंग करने वाला नंदन सिंह बिष्ट आशीष मिश्रा के मित्र अंकित दास का दोस्त है । एसआईटी के अनुसार दंगल में शामिल होने आ रहे अंकित दास ने अपने ड्राइवर लतीफ उर्फ काले के सहयोग से काफी समय पहले से ही लखनऊ में ही घातक हथियारों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया था !अब तक गिरफ्तार किए गये किसानों के संभावित हत्यारोपियों में गृहराज्यमंत्री का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू,अंकित दास,नंदन सिंह बिष्ट, सत्यम त्रिपाठी,लतीफ उर्फ काले,शेखर भारती, सुमित जायसवाल,आशीष पांंडे,लक्कुश राणा,शिशुपाल,उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिपाठी,रिंकू राजा और धर्मेन्द्र बंजारा आदि हैं। गृहराज्यमंत्रीपुत्र आशीष मिश्रा समेत 13 सम्भावित हत्यारोपियों के खिलाफ सोची-समझी साजिश के तहत हत्या,हत्या की कोशिश करना, अंग-भंग करना,अवैध शस्त्र रखना और आर्म्स ऐक्ट की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गये हैं,एसआईटी के अनुसार टेनी मिश्रा के साले वीरेंद्र शुक्ला आईपीसी की अपराधिक धारा-201को इसलिए लगाया गया है,क्योंकि वह अपराधों को छिपाने का अपराधिक कुकृत्य किया है ! पिछले वर्ष 3अक्टूबर को किसानों को कुचलकर मारने की घटना के दिन भाजपा के नेताओं के काफिले में तीन गाड़ियां शामिल थीं,जिसमें से एक स्कार्पियो गाड़ी सबूत छिपाने के आरोपी टेनी मिश्रा के साले वीरेंद्र शुक्ला की भी थी ! इस गाड़ी को शिशुपाल चला रहा था । इस गाड़ी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस घटना से पूरे 16 दिन बाद संपूर्णानगर थाने के परसपुर गाँव से 19 अक्टूबर को बरामद किया है । गृहराज्यमंत्री का साला वीरेंद्र शुक्ला वर्तमान समय में पालिया ब्लॉक का प्रमुख है,वह पहले समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत का सदस्य बना था,उसके बाद वह बीजेपी में चला गया । उसका बेटा परसपुर किसान सहकारी समिति का चेयरमैन है इससे पहले वह खीरी-पीलीभीत गन्ना समिचि का अध्यक्ष था । कोर्ट की तरफ से गृहराज्यमंत्री के साले वीरेंद्र शुक्ला को 10 जनवरी 2022 तक कोर्ट में पेश होने के लिए सम्मन जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित विशेष जांच टीम के आरोपपत्र के अनुसार उक्त वर्णित सभी विवरणों से यह बात स्पष्टता और दृढतापूर्वक यह तथ्य शीशे की तरह साफ है कि लखीमपुर खीरी में अपनी गाड़ियों के काफिले से किसानों को बुरी तरह कुचलकर मारने के पैशाचिक वीभत्स कृत्य में इस राष्ट्रराज्य के वर्तमान समय में सत्ता पर निर्ल्लजतापूर्वक बैठा हुआ गृहराज्यमंत्री टेनी मिश्रा और उसका पुत्र आशीष मिश्रा दोनों ही मुख्य षड्यंत्रकारी और सूत्रधार हैं ! लेकिन हतप्रभ करनेवाली एक बात यह भी है कि एसआईटी के 5000 पृष्ठों वाले इस आरोप पत्र में इस घटना के मुख्य सूत्रधार और षड़्यंत्रकारी गृहराज्यमंत्री टेनी मिश्रा का कहीं नाम ही नहीं है ! अब यह कोर्ट विशेषकर सुप्रीमकोर्ट की महती जिम्मेदारी बनती है कि इन दरिंदों को कठोरतम् से कठोरतम् सजा निर्धारित कर उन पर अमल कराना सुनिश्चित करे । यह भी वास्तविकता और कटुयथार्थ है कि वर्तमान समय के भारतीय राजनैतिक परिदृश्य में आयकर विभाग,प्रवर्तन निदेशालय,सीबीआई,चुनाव आयोग,रिजर्व बैंक आदि कथित स्वायत्त संस्थाएं सत्तारूढ़ मोदीसरकार की पिंजरे की तोता मात्र बनकर रह गईं हैं,लोकतंत्र के इस चरम क्षरण की दुःस्वप्निलकाल में इस देश की जनता की उम्मीद बस सुप्रीमकोर्ट पर टिकी हुई है,अगर सुप्रीमकोर्ट भी अपने सत्य और न्याय के पथ से विचलित होता है तब उस त्रासदकाल में इस लोकतंत्र को तानाशाही हुकूमत के बूटों तले रौंदने से कोई भी बचा नहीं सकता ! यही परम् सत्य है ।

-निर्मल कुमार शर्मा, ‘राजनैतिक,सामाजिक विषयों पर निष्पृह,बेखौफ व स्वतंत्र लेखन ‘, गाजियाबाद,उप्र

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