शहर की प्रसिद्ध सराफा चौपाटी को लेकर नगर निगम द्वारा गठित समिति और व्यापारी एसोसिएशन की बैठक हुई। बैठक में चौपाटी की शिफ्टिंग के विकल्प, चौपाटी खुलने के समय और दुकानों की संख्या पर चर्चा हुई। बैठक में समिति ने चौपाटी की शिफ्टिंग के लिए लालबाग, गांधी हाॅल और संजय सेतु के विकल्प बताए, हालांकि व्यापारियों का कहना था कि चौपाटी मौजूदा स्थान पर ही रहे। वहां सुविधा और सुरक्षा के उपायों पर जोर दिया जाना चाहिए।ठक में समय का मुुद्दा भी उठा। एसोसिएशन ने बताया कि चौपाटी लगने का समय रात साढ़े 9 बजे है, लेकिन कई दुकानें आठ बजे ही लगने लगी है। पहले रात को 12 बजे तक चौपाटी बंद हो जाती थी, लेकिन बाद में उसका समय बढ़ाकर रात दो बजे कर दिया गया।
बैैठक में चौपाटी एसोसिएशन के पदाधिकारियों नेे कहा कि एसोसिएशन मेें 80 दुकानें पंजीकृत है, लेकिन चौपाटी में 200 से ज्यादा दुकानें लगती है। समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि चौपाटी में पहले बने बनाए व्यंजन बिकते थे, लेकिन समय के साथ फास्ट फूड, चायनिस व्यंजन भी बनाए जाने लगे है।
एक टंकी में तीन नोजल लगाकर गैस चुल्हे जलाए जाते है। यह खतरनाक स्थिति है। बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि चौपाटी अेाटलों के बजाए सड़क पर ही लगाई जाती है। इस कारण आने वालों के लिए जगह कम रहती है,जबकि ग्राहकों के लिए ज्यादा स्थान होना चाहिए।
समय से पहले लग रही दुकानें
बैठक में समय का मुुद्दा भी उठा। एसोसिएशन ने बताया कि चौपाटी लगने का समय रात साढ़े 9 बजे है, लेकिन कई दुकानें आठ बजे ही लगने लगी है। पहले रात को 12 बजे तक चौपाटी बंद हो जाती थी, लेकिन बाद में उसका समय बढ़ाकर रात दो बजे कर दिया गया। इस कारण रहवासियों को परेशानी होती है। मिक्सर की आवाज नींद में खलल डालती है।