अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

ताजा समाचार – नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट में अवध बिहारी चौधरी ही असल खिलाड़ी,जान बचाने की जद्दोजहद करते रहे पुलिसकर्मी

Share

‘मौत की सवारी’: क्षमता से ज्यादा बच्चे बैठा बिना बीमा दौड़ी वैन, रोड पर पड़े थे खून से लथपथ मासूम, मचा हाहाकार

Kanpur School Van Accident, more children sitting than its capacity, innocent children were lying on the road

कानपुर में जीटी रोड पर अरौल में जो वैन ट्रक और लोडर के बीच फंसकर हादसे का शिकार हुई थी, वह मौत की सवारी बनकर सड़क पर दौड़ रही थी। क्योंकि जिस वैन में चालक बच्चे थे, उसका न तो इंश्योरेंस था और न ही कॉमर्शियल श्रेणी में दर्ज थी। इसके साथ ही आठ सीटर क्षमता वाली गाड़ी में चालक ने अवैध रूप से 11 बच्चे भी बैठा रखे थे।

खास बात यह है कि स्कूल से संबद्ध जिस वैन से रोजाना बच्चे आते जाते थे। गुरुवार को जब उस वैन की जगह दूसरी वैन बच्चों को लेने पहुंची तो स्कूल प्रबंधन ने भी वैन, चालक या सीटिंग क्षमता संबंधी दस्तावेज चेक करना जरूरी नहीं समझा। साथ ही यह भी देखना मुनासिब नहीं समझा कि जिस वैन में बच्चे ले जाए जा रहे हैं, वह टैक्सी परमिट की है और चालक के पास व्यवसायिक ड्राइविंग लाइसेंस है या नहीं।

धड़ल्ले से दौड़ रहे ओवरलोड वाहन, मगर सालभर में चालान सिर्फ छह
अवैध ढंग से क्षमता से ज्यादा बच्चे लेकर शहरभर में स्कूली वैन सड़कों पर खुलेआम दौड़ रही हैं। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में इन्हें देखा जा सकता है, लेकिन संभागीय परिवहन कार्यालय आरटीओ के अधिकारियों को वह नहीं दिखती। एक जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2024 के बीच बिना पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के स्कूली बच्चों को ढो रही 276 मारुति वैन के चालान व इनमें 65 को सीज करने की कार्रवाई का दावा किया गया।

कामर्शियल व्हीकल में दर्ज नहीं है वैन
हालांकि इस पूरी मियाद के दौरान अधिकारी महज छह मारुति वैन की ही ओवरलोडिंग में चालान कर सकें। आरटीओ राजेश सिंह ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त वैन कामर्शियल व्हीकल में दर्ज नहीं है। साथ ही बच्चों की सुरक्षा के मानक भी पूरे नहीं थे, इसलिए वाहन स्वामी पर कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधन अगर यह जांच लेता तो शायद ओवरलोड वैन से स्कूल से घर के लिए न निकल पाते।

वैन के परखच्चे उड़े, खून से लथपथ बच्चे सड़क पर गिरे
आंकिन गांव में ट्रक से टकराने के बाद वैन के परखचे उड़ गए। खून से लथपथ बच्चे भी सड़क पर तितर-बितर होकर जीटी रोड पर गिरने लगे। बच्चों के सिर, हाथ, छाती, पैर में गंभीर चोटें आईं। प्रत्यक्षदर्शी रामकुमार, शिवकुमार ने बताया कि वह अरौल से आंकिन की ओर जा रहे थे। जीटी रोड के निर्माण में लगे पानी के टैंकर भी काम में लगे थे। उसी दौरान एक लोडर ने वैन में टक्कर मार दी।

दुर्घटना देख और सुनकर ग्रामीणों व परिजनों में मचा हाहाकार
इसके बाद वैन ट्रक से टकरा गई। मौके पर पहुंचे अभिवावक सुबोध द्विवेदी ने बताया कि जब वे मौके पर पहुंचे तो बच्चे जीटी रोड पर ही तड़प रहे थे। उन्होंने तत्काल एम्बुलेंस और 108 नंबर पर सूचना दी, तब बच्चों को अस्पताल भेजा गया। ग्रामीणों ने लोडर चालक ऋषि कटियार को दबोचकर पुलिस को सौंप दिया। उप जिलाधिकारी रश्मि लांबा ने बताया कि जीटी रोड निर्माण में लगे ट्रकों का हादसे से कोई लेना देना नहीं है।

घटना के बाद स्कूल संचालक को पड़ा अटैक, कानपुर रेफर
अरौल में हुए हादसे के बाद जीपीआरडी एजूकेशन सेंटर के एक बच्चे की मौत और 10 बच्चों के घायल होने की सूचना पर स्कूल का संचालन करने वाले अमन पटेल सीएचसी बिल्हौर पहुंचे। खून से लथपथ बच्चों को देख वे जमीन पर गिर गए। सीएचसी प्रभारी डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि दिल का दौरा पड़ा था। ऑक्सीजन लगाकर उन्हें हैलट भेजा गया है। हादसे के करीब तीन घंटे बाद जीपीआरडी कॉलेज की प्रबंधन सदस्यों में से पारुल पटेल सीएचसी पहुंचीं। पारुल पटेल ने हादसे को लेकर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। स्कूल का संचालन कृष्णा पटेल की तीन बेटियां विधायक सिराथू पल्लवी पटेल, पारुल पटेल व अमन पटेल कर रही हैं।

घायल बच्चों को समय से हैलट पहुंचाने के लिए बनाया 60 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर
सड़क हादसे में बच्चों के घायल होने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के साथ ही पुलिस सक्रिय हो गई। कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी आनन-फानन हैलट पहुंचे गए। वहीं घायल बच्चे समय से हैलट लाए जा सकें, इसके लिए अरौल से हैलट तक करीब 60 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। रास्ते में पांच एसीपी और कई थानेदारों को यातायात संभालने की जिम्मा सौंपा गया। साथ ही एंबुलेंस को एस्काॅर्ट करते हुए बिल्हौर सीएचसी से हैलट तक लाया गया।

अरौल हादसे में एक बच्चे की मौत,11 घायल
अरौल थाना क्षेत्र के जीटी रोड आंकिन में जीपीआरडी एजूकेशन सेंटर की एक स्कूल वैन छुट्टी के बाद घर-घर बच्चे छोड़ने जातें स्कूल के समीप ही हाइवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें एक बच्चें की मौत हो गई जबकि चालक सहित 11 अन्य बच्चे बुरी तरह घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए सीएचसी में प्राथमिक उपचार के उपरांत हैलट कानपुर रेफर किया गया है। सहायक पुलिस आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे अरौल थाना क्षेत्र के जीटी रोड किनारे आंकिन गांव स्थित जीपीआरडी एजूकेशन सेंटर की एक निजी वैन छुट्टी जिसे हलपुरा गांव के निवासी चालक हरिओम कटियार चला रहा था।

ये बच्चे हुए हैं घायल
दुर्घटना में कक्षा आठ की छात्रा समृद्धि द्विवेदी, कक्षा चार के आंकित द्विवेदी, निष्ठा दीक्षित पुत्री देवेंद्र, यश तिवारी (13) पुत्र आलोक तिवारी, कृतिका पुत्री सरवन, सूर्यांत तिवारी पुत्र सतीश, अभिनंदन पुत्र गणेश, अनिका पुत्र अभिषेक और एश्वर्य पुत्र सुबोध सहित वरैइनपुरवा गांव के देवांक पुत्र प्रमोद घायल हो गया। दुर्घटना देख आसपास के लोगों ने जैसे-तैसे सभी घायलों को क्षतिग्रस्त वैन से निकालकर सीएचसी भेजा, जहां डाक्टरों ने कक्षा सात के छात्र यश तिवारी को मृत घोषित कर दिया, जबकि समृद्धि व अंकित को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। वहीं पुलिस ने वैन चालक को हिरासत में लिया है।

 पत्थर शरीर पर पड़ते रहे, जान बचाने की जद्दोजहद करते रहे पुलिसकर्मी; यहां पर ली शरण

Haldwani Violence: Stones kept falling on the body, people kept struggling to save their lives.

यह आंखोंदेखी है। अतिक्रमण हटाने के लिए टीम के पहुंचते ही माहौल में तनाव बढ़ने लगा था। हर तरफ से लोग जुटने लगे। पुलिस ने बैरिकेडिंग वाली जगह से लोगों को हटने को कहा तो तकरार हो गई। पुलिस ने धकेलने की कोशिश की तो दूसरी ओर से भी जोर आजमाइश और नारेबाजी होने लगी। हर तरफ से लोग जुटने लगे। पुलिस ने बैरिकेडिंग वाली जगह से लोगों को हटने को कहा तो तकरार हो गई। पुलिस ने धकेलने की कोशिश की तो दूसरी ओर से भी जोर आजमाइश और नारेबाजी होने लगी। 

तनाव के बीच पहुंची जेसीबी ने अवैध निर्माण ध्वस्त करना शुरू किया तो पथराव शुरू हो गया। एक पत्थर मेरे चेहरे पर पड़ने वाला था, जिसे हाथ से रोका तो अंगुली सूज गई। बगल में खड़े प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि …आप देख रहे हैं यह ठीक नहीं हो रहा है। लोग कानून हाथ में ले रहे हैं। 

अभी यह बात पूरी होती कि एक पत्थर फिर आ गिरा। इसके बाद उपद्रवियों ने हमला तेज कर दिया। जिस मुख्य रास्ते से आए थे, वहां पर खड़े वाहनों को आग लगा दी। जहां खड़े थे, वहां 112 पुलिस की जीप में आग लगा दी गई। इसके बाद तीन तरफ से पथराव होने लगा। बचने की कोई गुंजाइश नहीं थी। मेरे सामने कई पुलिसकर्मी घायल हो रहे थे, पुलिस की बचाव और जवाब देने की कोशिश नाकाफी साबित हो रही थी। ऐसे में विकल्प था कि जान बचाने के लिए मौके से हटें। 

आगे बढ़े तो फिर अराजक तत्वों ने घेरकर पथराव कर दिया। इसमें कई पत्थर पीठ और पैरे में लगे। लड़खड़ाते हुए आगे बढ़े और टेंपो में छिप गए, फिर एक भवन में आसरा लिया। हर तरफ अपशब्दों और मारों की आवाज गूंज रही थी। एक बार लगा कि शायद…यहां से कभी निकल नहीं सकेंगे। पुलिसकर्मी भी हताश होने लगे थे।

हर तरफ बदहवासी और चिंता थी…बीते वर्षों में कई बार मौका आया कि जब तनाव बढ़ा, पर ऐसा नहीं हुआ कि हालात बेकाबू हो जाएं। पर इस घटना ने शहर को एक ऐसा जख्म और दाग दे दिया, जो आने वाले सालों में शायद ही भर सकें।

नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट में अवध बिहारी चौधरी ही असल खिलाड़ी, नियम बताएंगे भी, मनवाएंगे भी

28 जनवरी को सरकार बदलते ही भारतीय जनता पार्टी ने सबसे पहले बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भिजवाया था, ताकि 14 दिनों की नोटिस अवधि के बाद जब सरकार का बहुमत परीक्षण हो तो सहूलियत हो। लेकिन, सत्ता की कुर्सी से सीधे विपक्ष में आयी लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने अंतिम दांव बचाए रखा। हवा उड़ाई गई कि चौधरी को लालू ने पद छोड़ने कह दिया है, जबकि यह मनगढंत ही था। ‘अमर उजाला’ ने जो लिखा था, वही हुआ। आगे भी हो रहा है।

अध्यक्ष के रूप में अवध बिहारी चौधरी ने सप्तदश बिहार विधानसभा के 11वें सत्र का औपबंधिक कार्यक्रम जारी किया। इस कार्यक्रम में पारंपरिक रूप से एक सूची है, जिससे सत्तारूढ़ दलों का परेशान होना लाजिमी है। सूची में विधानसभा की नियम, विशेषाधिकार एवं सामान्य प्रयोजन समिति के अध्यक्ष के रूप में भी चौधरी का ही नाम है। मतलब, वह फ्लोर टेस्ट के दौरान नियम बताएंगे भी और इस समिति के अध्यक्ष के रूप में उसे मानने के लिए दबाव भी डालेंगे।  सप्तदश बिहार विधानसभा के 11वें सत्र का औपबंधिक कार्यक्रम राष्ट्रीय जनता दल कोटे से अध्यक्ष की भूमिका में कायम रहे अवध बिहारी चौधरी ने ही जारी किया। वह विस की नियम-विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष भी हैं। मतलब समझना बहुत मुश्किल नहीं। 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें