टीएमसी का अर्थ ‘तू, मैं और करप्शन’ है: मोदी,कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा राजस्थान के धौलपुर से फिर शुरू हुई,ऋषि सुनक ने ब्रिटिश लोकतंत्र की रक्षा के लिए भावुक अपील की,औरंगाबाद में पीएम मोदी ने कहा कि बिहार ने एक बार फिर डबल इंजन ने पकड़ ली रफ्तार,भाजपा की पहली सूची: प्रधानमंत्री समेत 195 नाम, 28 महिलाओं और OBC वर्ग के 57 नेताओं को मौका
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद कर दिया है। पार्टी ने शनिवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने बताया कि 16 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 195 सीटों के उम्मीदवार तय कर दिए गए हैं। बाकी सीटों पर मंथन चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे। अमित शाह गांधीनगर से चुनावी मैदान में होंगे। 34 केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों के नाम भी इस सूची में हैं। इसके अलावा दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी को भी लोकसभा का टिकट दिया गया है।भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इससे पहले गुरुवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में देर रात तक इन नामों पर चर्चा की थी।
भाजपा की पहली सूची में क्या खास?
- 195 नामों का एलान
- 34 केंद्रीय व राज्य मंत्रियों का नाम सूची में
- 28 महिलाओं को मौका
- 47 युवा उम्मीदवार, जिनकी उम्र 50 साल से कम है
- 27 नाम अनुसूचित जाति से
- 18 प्रत्याशी अनुसूचित वर्ग से
- 57 नाम अन्य पिछड़ वर्ग से
किस राज्य से कितनी सीटों पर प्रत्याशियों का एलान?
विनोद तावड़े ने बताया कि उत्तर प्रदेश की 51, पश्चिम बंगाल की 26, मध्य प्रदेश की 24, गुजरात की 15, राजस्थान की 15, केरल से 12, तेलंगाना से नौ, असम से 11, झारखंड से 11, छत्तीसगढ़ की 11, दिल्ली की पांच, जम्मू-कश्मीर की दाे, उत्तराखंड की तीन और अरुणाचल, गोवा, त्रिपुरा, अंडमान-निकोबार और दमन और दीव की एक-एक सीट पर प्रत्याशी तय किए गए हैं।
यहां देखें भाजपा की पूरी सूची
किसे-कहां से टिकट
- वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- अंडमान-निकोबार से विष्णुपदा रे
- अरुणाचल वेस्ट से किरण रिजिजू
- अरुणाचल ईस्ट से तापिर गाव
असम
- करीमगंज से कृपानाथ मल्ला
- सिलवर से परीमल शुक्ला वैद्य
- आटोनोमस से अमर सिंह
- गुवाहाटी से बिजुली कलिता मेदी
- मंगलदोई से दिलीप सहकिया
- तेजपुर से रणजीत दत्ता
- नौगांव से सुरेश बोरा
- कलियाबौर से कामाख्य प्रसाद तासा
- जोरहाट से तपन कुमार गोगोई
- ड्रिबूगढ़ से सर्वानंद सोनोवाल
- लखीमपुर से प्रधान बरोआ
छत्तीसगढ़
- सरगुजा से चिंतामणि महाराज
- रायगढ़ से राधेश्याम राठिया
- जाजगीर चंपा से कमलेश जांगड़े
- कोरबा से सरोज पांडे
- बिलासपुर से तोखन साहू
- राजनंदगांव संतोष पांडे
- दुर्ग से विजय बघेल
- रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल
- महासमुंद से रूपकुमारी चौधरी
- बस्तर से महेश कश्यप
- कांकेर से भजराज नांद
दमन एवं दीव
- दमन एवं दीव से लालूभाई पटेल
दिल्ली
- चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल
- उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी
- नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज
- पश्चिमी दिल्ली से कमलजीत सहरावत
- दक्षिणी दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी
गोवा
- उत्तर गोवा से श्रीपद येस्सो नाइक
गुजरात
- कच्छ से विनोदभाई लखमाशी चावड़ा
- बनासकांठा से रेखाबेन हितेशभाई चौधरी
- पाटण से भरतसिंहजी दाभी
- गांधीनगर से अमित शाह
- अहमदनगर पश्चिम से दिनेशभाई कोडरभाई मकवाना
- राजकोट से परषोत्तम रुपाला
- पोरबंदर से मनसुखभाई मंडाविया
- जामनगर से पूनमबेन माडम
- आणंद से मितेशभाई रमेशभाई पटेल
- खेड़ा से देवुसिंह चौहान
- पंचमहल से राजपालसिंह महेंद्रसिंह जाधव
- दाहोद से जसवन्तसिंह भाभोर
- भरूच से मनसुखभाई वसावा
- बारडोली से प्रभुभाई नागरभाई वसावा
- नवसारी से सीआर पाटिल
जम्मू एवं कश्मीर
- उधमपुर से जितेंद्र सिंह
- जम्मू से जुगल किशोर शर्मा
झारखंड
- राजमहल से ताला मरांडी
- दुमका से नील सोरेन
- गोड्डा से निशिकांत दुबे
- कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी
- रांची से संजय सेठ
- जमशेदपुर से विद्युत बरण महतो
- सिंहभूम से गीता कोड़ा
- खूंटी से अर्जुन मुंडा
- लोहारदगा से समीर उरांव
- पलामू से विष्णु दयाल राम
- हजारीबाग से मनीष जयसवाल
केरल
- कासरगोड से एम.एल. अश्विनी
- कण्णूर से सी.रघुनाथ
- वडकरा से प्रफुल्ल कृष्ण
- कोजिक्कोड से एम.टी. रमेश
- मलप्पुरम से अब्दुल सलाम
- पोन्नानी से निवेदिता सुब्रमण्यन
- पालक्कड से सी. कृष्णकुमार
- त्रिशूर से सुरेश गोपी
- अलपुझा से शोभा सुरेंद्रन
- पत्तनमतिट्टा से अनिल के. एंटनी
- अट्टिंगल से वी. मुरलीधरन
- तिरुवनंतपुरम से राजीव चन्द्रशेखर
मध्य प्रदेश
- मुरैना से शिवमंगल सिंह तोमर
- भिंड से संध्या राय
- ग्वालियर से भारत सिंह कुशवाह
- गुना से ज्योदिरादित्य सिंधिया
- सागर से लता वानखेड़े
- टीकमगढ़ से वीरेन्द्र खटीक
- दमोह से राहुल लोधी
- खजुराहो से वीडी शर्मा
- सतना से गणेश सिंह
- रीवा से जनार्दन मिश्र
- सीधी से राजेश मिश्रा
- शहडोल से हिमाद्री सिंह
- जबलपुर से आशीष दुबे
- मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते
- होशंगाबाद से दर्शन सिंह चौधरी
- विदिशा से शिवराज सिंह चौहान
- भोपाल से आलोक शर्मा
- राजगढ़ से रोडमल नागर
- देवास से महेंद्र सिंह सोलंकी
- मंदसौर से सुधीर गुप्ता
- रतलाम से अनिता नागर सिंह चौहान
- खरगोन से गजेन्द्र पटेल
- खंडवा से ज्ञानेश्वर पाटिल
- बैतूल से दुर्गा दास उइके
राजस्थान
- बीकानेर से अर्जुन राम मेघवाल
- चुरू से देवेंद्र झाझरिया
- सीकर से स्वामी सुमेधानंद सरस्वती
- अलवर से भूपेंद्र यादव
- भरतपुर से रामस्वरूप कोली
- नागौर से ज्याति मिर्धा
- पाली से पीपी चौधरी
- जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत
- बाड़मेर से कैलाश चौधरी
- जालैर से लुम्बाराम चौधरी
- उदयपुर से मन्नालाल रावत
- बांसवाड़ा से महेंद्र मालवीय
- चित्तौड़गढ़ से सीपी जोशी
- कोटा से ओम बिड़ला
- झालावाड़-बारां से दुष्यंत सिंह
तेलंगाना
- करीमनगर से बंढी संजय कुमार
- निजामाबाद से अरविंद धर्मपुरी
- जहीराबाद से बीबी पाटिल
- मल्काजगिररि से ईटेला राजेंदर
- सिकंदराबाद से जी. किशन रेड्डी
- हैदराबाद से माधवी लता
- चेलवेल्ला से कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी
- नगरकुर्नूल से पी. भरत
- भोंगीर से बोरा नरसैयाह गौड़
त्रिपुरा
- त्रिपुरा पश्चिम से बिप्लब कुमार देब
उत्तराखंड
- टिहरी गढ़वाल से माला राज्य लक्ष्मी शाह
- अल्मोड़ा से अजय टम्टा
- नैनीताल-उधमसिंह नगर से अजय भट्ट
उत्तर प्रदेश
- कैराना से प्रदीप कुमार
- मुजफ्फरनगर से संजीव कुमार बालियान
- नगीना से ओम कुमार
- रामपुर से घनश्याम लोधी
- संभल से परमेश्वर लाल सैनी
- अमरोहा से कंवर सिंह तंवर
- गौतम बुद्धनगर से महेश शर्मा
- बुलंदशहर से भोला सिंह
- मथुरा से हेमा मालिनी
- आगरा से सत्यपाल सिंह बघेल
- फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर
- एटा से राजवीर सिंह (राजू भैया)
- आंवला से धर्मेन्द्र कश्यप
- शाहजहांपुर से अरुण कुमार सागर
- खीरी से अजय मिश्रा टेनी
- धौरहरा से रेखा वर्मा
- सीतापुर से राजेश वर्मा
- हरदोई से जय प्रकाश रावत
- मिश्रिख से अशोक कुमार रावत
- उन्नाव से साक्षी महाराज
- मोहनलालगंज से कौशल किशोर
- लखनऊ से राजनाथ सिंह
- अमेठी से स्मृति ईरानी
- प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता
- फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत
- इटावा से राम शंकर कठेरिया
- कन्नौज से सुब्रत पाठक
- अकबरपुर से देवेन्द्र सिंह “भोले”
- जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा
- झांसी से अनुराग शर्मा
- हमीरपुर से कुंवर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल
- बांदा से आरके सिंह पटेल
- फतेहपुर से निरंजन ज्योति
- बाराबंकी से उपेंद्र रावत
- फैजाबाद से लल्लू सिंह
- अम्बेडकरनगर से रितेश पांडेय
- श्रावस्ती से साकेत मिश्रा
- गोंडा से कीर्तिवर्धन सिंह
- डुमरियागंज से जगदम्बिका पाल
- बस्ती से हरीश द्विवेदी
- संतकबीरनगर से प्रवीण कुमार निषाद
- महराजगंज से पंकज चौधरी
- गोरखपुर से रवि किशन
- कुशीनगर से विजय कुमार दुबे
- बांसगांव से कमलेश पासवान
- लालगंज से नीलम सोनकर
- आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ
- सलेमपुर से रविन्द्र कुशवाहा
- जौनपुर से कृपा शंकर सिंह
- चंदौली से महेंद्र पांडेय
पश्चिम बंगाल
- कूच बिहार से निशिथ प्रमाणिक
- अलीपुरद्वार से मनोज तिग्गा
- बेलूरघाट से सुकांता मजूमदार
- मालदाहा उत्तर से खगेन मुर्मू
- मालदा दक्षिण से श्रीरूपा मित्रा चौधरी
- बहरामपुर से निर्मल कुमार साहा
- मुर्शिदाबाद से गौरी शंकर घोष
- राणाघाट से जगन्नाथ सरकार
- बनगांव से शांतनु ठाकुर
- जॉयनगर से अशोक कंडारी
- जादवपुर से अनिर्बान गांगुली
- हावड़ा से रथिन चक्रवर्ती
- हुगली से लॉकेट चटर्जी
- कांथी से सौमेन्दु अधिकारी
- घाटल से हिरण्मय चट्टोपाध्याय
- पुरुलिया से ज्योतिर्मय सिंह महतो
- बांकुड़ा से सुभाष सरकार
- बिष्णुपुर से सौमित्र खान
- आसनसोल से पवन सिंह
- बोलपुर से प्रिया साहा
29 फरवरी को हुई थी अहम बैठक
इससे पहले गुरुवार को पार्टी ने देर रात तक मंथन किया था। केंद्रीय चुनाव कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य सदस्यों ने कई नामों को अंतिम रूप दिया था।
2019 में भाजपा का प्रदर्शन
भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में 543 सीटों में से 436 पर उम्मीदवार उतारे थे। बाकी सीटें पार्टी ने सहयोगी दलों को दी थीं। जिन 436 सीटों पर भाजपा ने चुनाव लड़ा था, उनमें से पार्टी को 303 पर जीत मिली थी। यह आंकड़ा लोकसभा में बहुमत के आंकड़े 272 से भी ज्यादा था। इसके अलावा 72 सीटों पर भाजपा दूसरे नंबर, 31 सीटों पर तीसरे नंबर और 30 सीटों पर इससे भी नीचे रही थी, जबकि 51 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी।
2019 में किस गठबंधन का कैसा था प्रदर्शन?
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 351, कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को 90 और सपा-बसपा के गठबंधन को 15 सीटें मिली थीं।
भाजपा को अकेले मिला था बहुमत
2019 में भाजपा 303 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और अकेले ही उसने बहुमत के जादुई आंकड़े (272) को पार कर लिया था। इसके बाद कांग्रेस 52 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी। डीएमके को 24, तृणमूल कांग्रेस को 22 और वाईएसआरसीपी को 22 सीटें मिली थीं।
तो नेहरू और इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे पीएम मोदी!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18वीं लोकसभा के चुनाव में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और तीसरी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह उत्तर प्रदेश के एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन चुनावी जीत के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकते हैं। पीएम मोदी से पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू प्रयागराज जनपद के फूलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीन चुनाव जीते थे।
इसी तरह से इंदिरा गांधी रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 1977 का चुनाव छोड़ कर तीन चुनावों में जीत दर्ज की थी। पीएम मोदी वाराणसी से लगातार दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2024 में लगातार तीसरी बार वह काशी की जनता के बीच होंगे।
देश की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश की संसदीय सीटों से चुनाव जीत कर आठ राजनेता प्रधानमंत्री बने। इनमें पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी शामिल हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने प्रयागराज जिले के फूलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 1952, 1957 और 1962 का चुनाव जीता था।
इंदिरा गांधी ने रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 1967, 1971 और 1980 के चुनाव में जीत दर्ज की थी। देश में घोषित आपातकाल के बाद 1977 में हुए आम चुनाव में रायबरेली से इंदिरा गांधी को जनता पार्टी के राज नारायण ने शिकस्त दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव वाराणसी से जीत चुके हैं। 2024 में एक बार फिर वह काशी की जनता के बीच चुनावी मैदान में हैं।
काशीवासियों को 20 वर्ष से भा रहे बाहरी प्रत्याशी
काशीवासियों को गत 20 वर्ष से लोकसभा के चुनाव में बाहरी प्रत्याशी ही भा रहे हैं। वाराणसी से वर्ष 2004 का लोकसभा चुनाव देवरिया में जन्मे कांग्रेस नेता राजेश कुमार मिश्रा ने जीता था। वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव दिल्ली में जन्मे भाजपा के डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने जीता था। वर्ष 2014 से गुजरात के वडनगर ग्राम में जन्मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के सांसद हैं। इससे पहले वर्ष 1991 का लोकसभा चुनाव रायबरेली में जन्मे पूर्व आईपीएस श्रीष चंद्र दीक्षित ने भाजपा के सिंबल पर जीता था।
भाजपा ने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची में 33 सांसदों के टिकट काटे, जानें कौन सी हैं सीटें
भाजपा ने शनिवार शाम लोकसभा चुनाव के 195 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी की है। पहली सूची में भाजपा ने अपने 33 मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए हैं। इनके जगह नए चेहरों को शामिल किया गया है। भाजपा ने असम की 11 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा की है। इनमें छह तो मौजूदा सांसद हैं और पांच नए चेहरे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 11 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा की है। भाजपा में चार नए चेहरों को सूची में जगह दी है। भाजपा ने झारखंड में भी कुछ मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं। भाजपा ने मध्यप्रदेश के सात मौजूदा सांसदों को हटा दिया है। इनके जगह नए उम्मीदवारों को मैदान में खड़ा किया गया है।
इसके अलावा, भाजपा ने दिल्ली में भी बड़ा फेरबदल किया है। भाजपा ने सात में से अभी पांच सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें से चार मौजूदा सांसदों को बदल दिया गया है। भाजपा ने अपने गढ़ गुजरात में भी कटाई छंटाई की है। भाजपा ने 15 लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें में पांच मौजूदा सांसदों को हटा दिया है।
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इसके अलावा, भाजपा ने झारखंड में भी कुछ मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं। भाजपा ने मध्यप्रदेश के सात मौजूदा सांसदों को हटा दिया है। इनके जगह नए उम्मीदवारों को मैदान में खड़ा किया गया है।
किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, ओले और बारिश से बिछी गेहूं की फसल
पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में पिछले कई दिनों से आ रहे बदलाव के चलते 1 मार्च रात व 2 मार्च सुबह जिले भर में तेज हवाओं एवं ओलावृष्टि के साथ हुई बारिश से गेहूं, जौ एवं सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की फसल तो खेतों में पूरी तरह से बिछ गई। आलू की खेतों में खड़ी फसल के अलावा आम की फसल को भी बारिश से नुकसान हुआ है। ईंट भट्टों पर भी पथी हुई कच्ची ईंटों को नुकसान पहुंचा है। तहसील इगलास क्षेत्र के गोरई, बेसवां, गौंडा, हस्तपुर आदि समेत कई गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से गेहूं के साथ चली तेज हवाओं से खेतों में खड़ी गेहूं, जौ एवं सरसों की फसल गिर पड़ी। हरदुआगंज, अकराबाद, मडराक, गभाना, खैर, बरला आदि इलाकों में भी तेज हवाओं के साथ बारिश होने से खेतों में खड़ी फसलें बिछ गई।
गभाना, खैर, इगलास तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक फसलों को नुकसान होने की संभावना है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि बारिश से करीब आठ – दस फीसद तक गेहूं, सरसों व कुछ स्थानों पर आलू की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। तहसील इगलास क्षेत्र के गोरई, बेसवां, गौंडा, हस्तपुर आदि समेत कई गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से गेहूं के साथ चली तेज हवाओं से खेतों में खड़ी गेहूं, जौ एवं सरसों की फसल गिर पड़ी। हरदुआगंज, अकराबाद, मडराक, गभाना, खैर, बरला आदि इलाकों में भी तेज हवाओं के साथ बारिश होने से खेतों में खड़ी फसलें बिछ गई।
आलू की फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। ओले गिरने से गेहूं के अलावा सब्जी की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि होने से आम के बौर गिरने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। जिला कृषि अधिकारी अमित जायसवाल ने बताया कि जिले में तहसील कोल में आठ, अतरौली में तीन, खैर में दो, इगलास में 12, गभाना में दो मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।
अफसरों ने लिया जायजा
बारिश एवं ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का 2 मार्च को एडीएम वित्त एवं राजस्व मीनू राणा ने उप निदेशक कृषि यशराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी अमित जायसवाल, एसडीएम गभाना हीरालाल सैनी आदि के साथ गभाना क्षेत्र के सोमना, गभाना के आस-पास के कई गांवों में जाकर फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। एडीएम वित्त एवं राजस्व मीनू राणा ने बताया कि फसलों को आठ से दस फीसद तक नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर गेहूं की फसल हवा चलने से गिर गई है। उन्होंने बताया कि जिले भर में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है।
भाजपा फिर केंद्र की सत्ता में आई, तो आदिवासियों को वन क्षेत्र से बेदखल कर देगी, सीएम सोरेन का आरोप
लोकसभा चुनावों को लेकर पार्टियों में गहमागहमी शुरू हो गई है। मौसम के साथ सियासी पारा भी बढ़ता जा रहा है। भाजपा ने शनिवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने शनिवार को आरोप लगाया कि अगर देश में भाजपा की जीत होती है तो वह आदिवासियों को उनके कोयला और वन क्षेत्र से बेदखल कर देगी। इतना ही नहीं उनकी जमीन भी लूट लेंगे।सीएम ने दावा किया, ‘केंद्र ने संशोधनों के माध्यम से रणनीतिक रूप से आदिवासियों को जंगल, कोयला-असर वाले क्षेत्रों और अन्य स्थानों से बाहर निकालने की योजना बनाई है। अगर आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा नहीं हारी तो आदिवासियों को उनकी जमीन से उखाड़ दिया जाएगा।’
सदन से भाजपा विधायकों के वॉकआउट के बीच विधानसभा में अपने समापन भाषण के दौरान सीएम चंपई सोरेन ने आगे कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने वाले विभिन्न कानूनों में संशोधन करने का प्रयास किया। लेकिन राज्य में गठबंधन सरकार ऐसे प्रयासों का विरोध करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने वन अधिकार कानून में संशोधन किया है, जिसके तहत ग्राम सभा की शक्ति छीन ली गई है। इसी तरह, कोयला धारक क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम और छोटानागपुर किरायेदारी अधिनियम में संशोधन करने का प्रयास किया जा रहा है।
सीएम का दावा- भाजपा आदिवासियों को जमीन से बेदखल कर देगी
सीएम ने दावा किया, ‘केंद्र ने संशोधनों के माध्यम से रणनीतिक रूप से आदिवासियों को जंगल, कोयला-असर वाले क्षेत्रों और अन्य स्थानों से बाहर निकालने की योजना बनाई है। अगर आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा नहीं हारी तो आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया जाएगा।’
गौरतलब है कि 23 फरवरी से शुरू हुए विधानसभा के सात दिवसीय बजट सत्र को विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। सत्र के समापन दिन अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय विधेयक, 2024 पारित किया गया।
अध्यक्ष महतो ने बताया, ‘इस बजट सत्र में पिछले चार वर्षों में सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1,28,900 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया और सरकार ने 2029-30 तक झारखंड को 10 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है।’
सरकार का सख्त रुख: गूगल प्ले स्टोर पर भारतीय एप बहाल, अश्विनी वैष्णव के दखल के बाद बैकफुट पर आई कंपनी
गूगल ने बिल भुगतान विवाद में सरकार का कड़ा रुख देख भारतीय कंपनियों के एप प्ले स्टोर से हटाने का अपना फैसला पलट दिया है। उसने शनिवार को हटाए गए सभी एप प्ले स्टोर पर बहाल कर दिए। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के दखल के बाद कंपनी बैकफुट पर आ गई।गूगल ने शुक्रवार को बिल विवाद के चलते भारतीय टेक कंपनी इन्फो एज के नौकरी डॉट कॉम, 99 एकड़, जीवनसाथी और शिक्षा एप के साथ ही कूकू एफएम, भारत मैट्रिमोनी, ट्रूली मैडली, क्वैक-क्वैक, स्टेज और ऑल्टटी को हटा दिया था।
वैष्णव ने स्पष्ट कहा कि गूगल का यह रवैया मंजूर नहीं है। कोई एक बड़ी कंपनी भारतीय स्टार्टअप्स का भाग्य तय नहीं कर सकती। उन्होंने विवाद का जल्द हल निकालने के लिए प्रभावित कंपनियों और गूगल को अगले सप्ताह बैठक के लिए बुलाया है। वैष्णव ने कहा, भारत ने 10 वर्षों में एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न का मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। युवाओं और उद्यमियों की ऊर्जा को सही दिशा देनी चाहिए और इसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी की नीतियों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। भारत सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है। हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी, जिसकी उन्हें जरूरत है।
गौरतलब है कि गूगल ने शुक्रवार को बिल विवाद के चलते भारतीय टेक कंपनी इन्फो एज के नौकरी डॉट कॉम, 99 एकड़, जीवनसाथी और शिक्षा एप के साथ ही कूकू एफएम, भारत मैट्रिमोनी, ट्रूली मैडली, क्वैक-क्वैक, स्टेज और ऑल्टटी को हटा दिया था। इंफो एज के फाउंडर संजीव बिखचंदानी ने बताया कि उनके एप 9 फरवरी से गूगल की बिलिंग नीति का पालन कर रहे हैं। इसके बाद भी मनमाने तरीके से उनके एप को प्ले स्टोर से हटाया गया।
एप भुगतान पर शुल्क को लेकर विवाद
भारतीय कंपनियों और गूगल के बीच एप भुगतान पर शुल्क को लेकर विवाद है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने गूगल को आदेश दिया था कि वह 15 से 30 फीसदी शुल्क लगाने की पुरानी व्यवस्था को खत्म करे, जिसके बाद गूगल ने एप भुगतान पर 11-26 प्रतिशत शुल्क लगाना शुरू कर दिया। भारतीय कंपनियों ने गूगल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें गूगल के शुल्क पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई। इस मामले में अगली सुनवाई 19 मार्च को होनी है।
कोर्ट से निर्णय तक एप न हटाएं
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने गूगल से कहा है कि जब तक मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तब तक भारतीय कंपनियों के एप को प्ले स्टोर से नहीं हटाए जाएं।
जाटलैंड को साधने की कोशिश, सत्यपाल मलिक को अलीगढ़ में सपा से लड़ाने की चर्चा
रालोद का साथ छूटने के बाद समाजवादी पार्टी कांग्रेस को साथ लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटलैंड में संदेश देने के लिए प्रयासरत है। सपा ने पूर्व राज्यपाल और अलीगढ़ से पूर्व में सांसद रहे सत्यपाल मलिक से चुनाव लड़ने की पेशकश की है। पार्टी सूत्र इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगर ऐसा होता है तो पूरे पश्चिमी यूपी के जाटों के बीच इस सीट से एक संदेश जाएगा।सत्यपाल मलिक 1989 में इस सीट से जनता पार्टी के बैनर तले चुनाव जीते थे। बाद में 1996 में वे इसी सीट पर सपा के बैनर तले चुनाव लड़े, मगर हार गए थे। अब फिर से सपा ने उन्हें यह सीट देने का मन बनाया है।
कहने को जिले में सपा का खासा दखल है, जिले में पूर्व में उसके चार-चार विधायक भी जीते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में वह दूसरे और तीसरे नंबर की लड़ाई में रहकर पिछड़ जाती है। इस बार पश्चिमी यूपी के जाटों को संदेश देने के इरादे से सत्यपाल मलिक को यह सीट दी जा सकती है।
सत्यपाल मलिक 1989 में इस सीट से जनता पार्टी के बैनर तले चुनाव जीते थे। बाद में 1996 में वे इसी सीट पर सपा के बैनर तले चुनाव लड़े, मगर हार गए थे। अब फिर से सपा ने उन्हें यह सीट देने का मन बनाया है। अब देखना है कि सत्यपाल मलिक का क्या जवाब आता है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि दो से तीन दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी।
शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा सीट से उम्मीदवार बनाने पर पीएम मोदी का जताया आभार
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। विदिशा से लोकसभा का टिकट दिए जाने पर शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली में उतारे चार नए चेहरे
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने दिल्ली की सात में से पाँच सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। वर्तमान में राज्य की सभी सात सीटों पर कब्जा रखने वाली पार्टी ने पाँच में से चार नए चेहरों को टिकट दिया है।चांदनी चौक से व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल, नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज, पश्चिमी दिल्ली से पूर्व मेयर कमलजीत सेहरावत और दक्षिण दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी को टिकट दिया गया है। वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली से पार्टी ने एक बार फिर मनोज तिवारी पर भरोसा जताया है। भाजपा ने दिल्ली में अपने चार मौजूदा सांसदों पश्चिमी दिल्ली से प्रवेश वर्मा, चांदनी चौक से डॉ. हर्ष वर्धन, दक्षिण दिल्ली से रमेश बिधूड़ी और नई दिल्ली से केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी का टिकट काटा है।
लोकसभा चुनाव: बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में 195 उम्मीदवारों का ऐलान किया
लोकसभा चुनाव के बीजेपी ने आज 195 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। जिसमें पीएम मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे। आज जिन 195 उम्मीदवारों का ऐलान हुआ है। उसमें यूपी की 51, बंगाल 20, एमपी – 24, गुजरात – 15, राजस्थान – 15, केरल – 12 तेलंगाना 9 असम 11 झारखंड 11, छत्तीसगढ़ 11, दिल्ली की 5, जम्मू कश्मीर , उत्तराखंड 3, गोवा 1 त्रिपुरा 1, अंडमान और निकोबार 1 दमन दीव 1 सीट शामिल हैं।
DDA ने हाई प्रोफाइल शराब कारोबारी दिवंगत पोंटी चड्ढा के फार्महाउस को तोड़ा
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हाई प्रोफाइल शराब कारोबारी दिवंगत पोंटी चड्ढा उर्फ गुरदीप सिंह के दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर में करीब 10 एकड़ में फैले करीब 400 करोड़ रुपये के फार्म हाउस को कल ध्वस्त कर दिया। आज फार्महाउस की बची हुई जमीन पर बनी मुख्य इमारत को तोड़ने की कवायद चल रही है।
नफे सिंह राठी हत्याकांड के आरोपी दिलीप की रिमांड लेगी झज्जर पुलिस, अन्य आरोपियों की तलाश जारी
INLD के हरियाणा अध्यक्ष नफे सिंह राठी हत्याकांड पर झज्जर के एसपी अर्पित जैन ने कहा कि कल एक दिन पहले मिली चेतावनी वाली कॉल के आरोपी दिलीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। हम उसकी रिमांड लेंगे और उससे पूछताछ करेंगे। 6 अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। घटना में इस्तेमाल की गई कार बरामद कर ली गई है और FSL ने इसकी जांच की है। जिनकी पहचान हो गई है, उनके पीछे हमारी टीमें लगी हुई हैं। हम छापेमारी कर रहे हैं और हम उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का पत्ता कटा! लिस्ट से पहले ट्वीट कर लिया राजनीतिक पारी से संन्यास
पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सांसद जयंत सिन्हा को भी आगामी चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलेगा। संभवत: वह बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट से बाहर रह सकते हैं। जयंत सिन्हा ने खुद ट्वीट कर राजनीति से संन्यास का ऐलान किया है। सिन्हा ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैंने आदरणीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से अनुरोध किया है कि वे मुझे प्रत्यक्ष चुनावी कार्यों से मुक्त कर दें ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं।
UP में BJP की पहली लिस्ट में लोकसभा सीट मिसिंग वाले सिटिंग सांसदों में खलबली
केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के आधिकारिक ऐलान से पहले अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। बीजेपी की पहली लिस्ट में कुल 195 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 51 सियासी लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से घोषित किए गए हैं। यूपी में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं, जिनमें से 29 को छोड़कर शेष 51 पर भाजपा ने प्रत्याशी फाइनल कर दिए हैं। अब बाकी बची 29 सीटों में से कुछ सीटें सहयोगी दलों को जाएंगी, जबकि अन्य बची सीटों पर मंथन का दौर अभी जारी है। जिन सीटों पर मंथन का दौर भी जारी है, वहां के सेटिंग भाजपा सांसद सांसदों के खेमे में खलबली मची हुई है।
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से अभी भाजपा के कई सांसद ऐसे हैं जिन्होंने 2019 के पिछले चुनाव में जीत का परचम लहराया था। लेकिन पार्टी ने पहले लिस्ट में उनके उम्मीदवारी का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में खलबली मचाना तो स्वाभाविक है। ऐसे नेताओं की लिस्ट में कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह, गाजियाबाद से सांसद और पूर्व आर्मी चीफ वी.के. सिंह, बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी के साथ ही सुल्तानपुर से मेनका गांधी और पीलीभीत से वरुण गांधी शामिल हैं।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 51 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है, जिसमें से चार चेहरों को बदला गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी लोकसभा से चुनाव मैदान में उतरेंगे। वहीं राजधानी लखनऊ लोकसभा से राजनाथ सिंह, अमेठी से स्मृति ईरानी, गौतम बुद्ध नगर से महेश शर्मा, गोरखपुर से रवि किशन, आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ, मथुरा से हेमा मालिनी, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, लखीमपुर खीरी से अजय मिश्रा टेनी, कन्नौज से सुब्रत पाठक, फैजाबाद से लल्लू सिंह, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडे शामिल हैं।
कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को पहली लिस्ट में जगह नहीं मिली है। कुश्ती संघ के कार्यकाल के दौरान विवादों के घेरे में रहने वाले सिंह पर महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण का आरोप भी लगा है। आरोप सिद्ध नहीं हुए और सांसद की तरफ से इसे राजनीति से प्रेरित स्टंटबाजी करार दिया जाता रहा। हालांकि वह इस दौरान लगातार बयानबाजी करते रहे और गोंडा से अयोध्या तक अपना रसूख और दमखम दिखाने के प्रयास में लग रहे। सियासी गलियारों में उनका टिकट काटे जाने को लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म है। पहले लिस्ट में नाम नहीं होने के बाद बृजभूषण खेमे में खलबली मच गई है। दूसरी तरफ तिकोनिया कांड वाले लखीमपुर सांसद अजय टेनी को फिर से टिकट मिलना भी इसकी दूसरी तस्वीर सामने रख रहा है।
बदायूं से संघमित्रा मौर्य
यही हाल बदायूं से जीत करने वाली संघमित्रा मौर्य का भी है। उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य बीते दो-ढाई सालों से लगातार मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। बसपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे स्वामी प्रसाद भाजपा में शामिल हुए और फिर पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव के साथ समाजवादी पार्टी में चले गए। उन्हें जीत भी नहीं नसीब हुई और वह सपा में रहते हुए हिंदू धर्म सनातन प्रति पर लगातार निशान साधते रहे। अखिलेश को स्वामी प्रसाद की बयानबाजी का खामियाजा भी लगातार झेलना पड़ा। हालांकि अब उन्होंने सपा से भी किनारा कर लिया है लेकिन चर्चा है कि उनकी वजह से बेटी संघमित्रा को टिकट मिलना मुश्किल है।
देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी
पूर्वांचल की राजनीति में गोरखपुर और बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों में से आठ पर प्रत्याशी फाइनल कर दिए गए हैं। सभी पुरानी पुराने चेहरों को ही इस बार वरीयता दी गई है। हालांकि देवरिया लोकसभा की एकमात्र ऐसी सीट है, जिस पर कैंडिडेट का नाम फाइनल नहीं हुआ है। यहां से सेटिंग सांसद रमापति राम त्रिपाठी भाजपा के पुराने दिग्गज नेता हैं। उनका नाम लिस्ट में नहीं होने की वजह से को लेकर चर्चाएं तेज हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा की तरफ से ही कई अन्य नेता दावेदारी में लगे हुए हैं। कुछ लोग रमापति की उम्र का हवाला भी दे रहे हैं लेकिन उनके खेमे की तरफ से यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि जगदंबिका पाल, हेमा मालिनी और स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी तो बढ़ते हुए उम्र के बावजूद टिकट दिया गया है।
मेनका और वरुण गांधी का हाल
इसी तरह कुछ यही हाल पीलीभीत और सुल्तानपुर लोकसभा सीट का भी है। इंदिरा गांधी के दूसरे बेटे संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी और बेटे वरुण गांधी इन दोनों जगह से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सांसद हैं। हालांकि वरुण गांधी पिछले काफी समय से भाजपा की नीतियों को लेकर मुखर रहे हैं। सोशल मीडिया तथा जनता के बीच वह केंद्र की नरेंद्र मोदी और राज्य की योगी सरकार पर हमलावर रुख अपनाए रहते हैं। इस बात की चर्चा काफी पहले से हो रही थी कि भाजपा उनके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं ले रही है लेकिन 2024 के चुनाव में सांसदी का टिकट मिलना मुश्किल ही माना जाएगा। प्रथम सूची में नाम नहीं होने के बाद इस बात की चर्चा और भी तेज होने लगी है।
यूपी में भाजपा ने अपने सहयोगी दल रालोद, अपना दल, सुभासपा का और निषाद पार्टी को 6 सीटें देने का ऐलान किया है। अगर पहली सूची में 51 सांसदों के नाम आने के बाद इन 6 सहयोगी सीटों को भी जोड़ लिया जाए तब भी 80 में से 23 सीटें अभी ऐसी हैं, जिन पर प्रत्याशियों का चयन बाकी है। इस देश में से उपरोक्त कई सीट ऐसी हैं, जहां पर भाजपा के सिटिंग सांसद हैं। ऐसे में आगामी कुछ दिनों तक राजनीतिक गलियारों में चर्चा बने रहने की पूरी संभावना है। आगे की सूची में भाजपा किन सांसदों का टिकट कटती है और किन्हें देती है यह भी गौर करने वाली बात होगी।
उत्तर प्रदेश से 51 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा राजनाथ सिंह का लखनऊ से टिकट बरकरार रखा गया है। मथुरा से हेमा मालिनी, लखीमपुर खीरी से अजय मिश्रा टेनी, नोएडा से महेश शर्मा, आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव, गोरखपुर से रवि किशन, अमेठी से स्मृति इरानी को भी टिकट दिया गया है। नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा को श्रावस्ती से उम्मीदवार बनाया गया है। अपने बेटे की वजह से विवाद में रहने वाले कौशल किशोर को मोहनलालगंज से फिर टिकट दिया गया है। साध्वी निरंजन ज्योति के अयोध्या सीट से लड़ने के कयास थे लेकिन उन्हें फतेहपुर से टिकट दिया गया है। जगदंबिका पाल को लेकर भी कयास लग रहे थे कि उम्र की वजह से उनका टिकट कट सकता है लेकिन वह भी बीजेपी की पहली लिस्ट में जगह पाने में सफल रहे हैं।