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ताजा समाचार -दिल्ली में कांग्रेस का ‘हाथ’ AAP के साथ,किसान आज मनाएंगे काला दिन,पाकिस्तान में कुछ भी संभव,चार देशों को 54,760 टन प्याज बेचेगी सरकार

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 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस द्वारा पैदा किये गये राजनीति में विश्वसनीयता के संकट को समाप्त किया है। ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नया समन जारी किया है।

 दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्म्युला भी लगभग तय हो गया है। आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में अब किसी प्रकार की कोई बड़ी अड़चन नहीं रह गई है। सभी चीजों को लेकर सहमति बन गई है और जल्द ही दोनों पार्टियां मिलकर औपचारिक रूप से सीटों की घोषणा करेंगी। माना जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत तक या अगले हफ्ते दोनों पार्टियां साथ मिलकर चुनाव लड़ने का औपचारिक ऐलान कर देंगी।

दिल्ली में 4-3 का फॉर्म्युला पर बात पक्की
आम आदमी पार्टी के सूत्रों का दावा है कि दिल्ली में 4-3 के फॉर्म्युले पर बात पक्की हो गई है। एमसीडी और दिल्ली विधानसभा चुनावों के पिछले परफॉर्मेंस और अपने वोट बैंक की मजबूत स्थिति को देखते हुए आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 में से 5 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को भी 3 सीटें देने पर आम आदमी पार्टी सहमत हो गई है। सीटों का निर्धारण जातिगत समीकरण, जनाधार, जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की स्थिति और वोट बैंक को देखते हुए किया गया है। सूत्र बता रहे हैं कि नई दिल्ली, साउथ दिल्ली, नॉर्थ-वेस्ट और वेस्ट दिल्ली सीट पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ सकती है। वहीं ईस्ट, नॉर्थ-ईस्ट और चांदनी चौक सीट कांग्रेस को मिल सकती है।

ये तीन सीटें आ सकती हैं कांग्रेस के हाथ
दिल्ली की राजनीति में 2013 के बाद से लगातार कमजोर होती अपनी पकड़ के बावजूद कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अच्छा परफॉर्मेंस किया था। साउथ और नॉर्थ-वेस्ट को छोड़कर बाकी पांचों सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी। उसका वोट शेयर भी साढ़े 22 पर्सेंट रहा था जबकि आप का 18 प्रतिशत से कुछ अधिक था। पिछले एमसीडी चुनाव में कांग्रेस ने जिन 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से ज्यादार नॉर्थ-ईस्ट और साउथ वेस्ट दिल्ली की सीटें थीं। ऐसे में ईस्ट और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट कांग्रेस के लिए मुफीद मानी जा रही थी। इसके अलावा चांदनी चौक में भी कांग्रेस लगातार अपने पुराने जनाधार को मजबूत करने में लगी हुई है। ऐसे में आम आदमी पार्टी इस सीट को भी कांग्रेस को देने पर सहमत हो गई है।

इन सीटों पर AAP की पकड़दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की दिल्ली के ग्रामीण इलाकों, झुग्गी बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों के वोट बैंक पर मजबूत पकड़ है। नॉर्थ-ईस्ट और साउथ दिल्ली में तो पिछली बार पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी। वहीं वेस्ट और नई दिल्ली में भी पार्टी को कांग्रेस के सहयोग से अपना जनाधार बढ़ाने में मदद मिल सकती है। कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए वेस्ट दिल्ली के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा जहां वेस्ट दिल्ली में ‘आप’ के लिए बड़े मददगार साबित हो सकते हैं तो वहीं नई दिल्ली में भी सीएम अरविंद केजरीवाल किसी ऐसे युवा चेहरे को उतारने की तैयारी में हैं, जो बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सके। सूत्रों का यह भी कहना है कि हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, गुजरात और गोवा में दोनों पार्टियों के बीच सीटों पर बनी सहमति के बाद ही दिल्ली में गठबंधन का यह फॉर्म्युला तय हो पाया है।

किसान आज मनाएंगे काला दिन, 26 को आक्रोश रैली निकालने का एलान

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब-हरियाणा के बीच जींद की खनौरी सीमा पर किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राज्य के गृहमंत्री अनिल विज पर हत्या का मामला दर्ज करने और मृतक परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है।मोर्चा ने घटना के विरोध में शुक्रवार को काला दिवस मनाने, सोमवार को देशभर के राजमार्गों पर ट्रैक्टर आक्रोश रैली निकालने और 14 मार्च को दिल्ली में किसान-मजदूर महापंचायत का एलान किया है।

मोर्चा ने घटना के विरोध में शुक्रवार को काला दिवस मनाने, सोमवार को देशभर के राजमार्गों पर ट्रैक्टर आक्रोश रैली निकालने और 14 मार्च को दिल्ली में किसान-मजदूर महापंचायत का एलान किया है। किसानों ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री, सीएम व विज के पुतले जलाने की घोषणा भी की है।

एसकेएम नेताओं की चंडीगढ़ में हुई बैठक में ये फैसले किए गए। बैठक में जोगिंदर उगराहां, दर्शनपाल, रविंदर पटियाला, बलबीर राजेवाल, युद्धवीर सिंह, हन्नान मौला, राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं ने हिस्सा लिया। किसान आंदोलन के समर्थन व शुभकरण की मौत के विरोध में  किसान संगठनों ने पंजाब में तीन घंटे हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया। वहीं, हरियाणा में चढ़ूनी गुट ने  सड़क जाम किया।

अंबाला पुलिस ने की घोषणा- किसान नेताओं पर होगी रासुका के तहत कार्रवाई 
किसान नेताओं के खिलाफ अंबाला पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की घोषणा की है। पुलिस ने कहा, किसान नेताओं के भड़काने पर शंभू सीमा पर किसान पत्थरबाजी कर रहे हैं। इसके कारण 30 जवानाें को चोटें आई हैं, एक पुलिसकर्मी को ब्रेन हैमरेज हुआ है और दो की मौत हो चुकी है। 

सरकार किसान हित के लिए प्रतिबद्ध

  • केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र किसान हित में काम करने को प्रतिबद्ध है। हमने किसानों से कहा है कि मिलकर हल निकालना चाहिए ताकि सबके लिए लाभदायक हो।
  • केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने किसान को समृद्ध, सशक्त और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। आगे भी निर्णय किसानों के हित में ही लिया जाएगा। 

गांवों और छोटे किसानों का जीवन बेहतर बनाने में जुटे
सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिये देश के गांवों और छोटे किसानों का जीवन सुधारने को प्राथमिकता दे रही है। विकसित भारत का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए बिना संभव नहीं है।
-नरेंद्र मोदी, पीएम, गुजरात के एक समारोह में 

14 मार्च को रामलीला मैदान में होगी किसानों की महापंचायत

भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर सिंह राज्यवाल ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने पंजाब में घुसकर हम पर फायरिंग की और हमारे ट्रैक्टर भी तोड़ दिए। हरियाणा के सीएम और हरियाणा के गृह मंत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। किसान के मौत की न्यायिक जांच कराई जाए। 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों की ‘महापंचायत’ होगी।

 महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का निधन

Former Lok Sabha Speaker Manohar Joshi passes away in Mumbai at 87

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी का 87 वर्ष की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी का 87 वर्ष की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के कारण बुधवार को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।  जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। वह चिकित्सकों की देखरेख में थे। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को 21 फरवरी को यह समस्या हुई थी। शिवसेना नेता को पिछले साल मई में ब्रेन हैमरेज के बाद इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

पाकिस्तान में कुछ भी संभव है, क्योंकि सेना की मर्जी पर आई और गई है हर सरकार

विगत आठ फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव हुए और उसी दिन आधी रात तक अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सबसे कद्दावर नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपनी हार की गिनती शुरू कर दी। हालांकि पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ को चौथी बार मुल्क का प्रधानमंत्री बनाने के लिए सुरक्षा प्रतिष्ठान ने उनकी राह की सभी कानूनी बाधाओं को हटा दिया था, लेकिन वह खैबर पख्तुनख्वा प्रांत के मनसेरा एबोटाबाद की अपनी सुरक्षित सीट भी इमरान खान की पीटीआई समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार के हाथों हार बैठे। नवाज शरीफ इस सदमे से अब तक उबर नहीं पाए हैं और सार्वजनिक नजरों से बचते फिर रहे हैं।

वास्तव में सुरक्षा प्रतिष्ठान, जिसने विजेताओं की सूची से पीटीआई को बाहर रखने के लिए गैरकानूनी तरीके से हर तरह की कोशिश की, को भारी झटका लगा, क्योंकि कैदी नंबर 804 (जेल में इमरान खान की कैदी संख्या) से जुड़े निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत हासिल की। लेकिन इमरान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों के पास बहुमत का वह जादुई आंकड़ा नहीं है कि वे केंद्र में सरकार बना सकें। नतीजे घोषित होने के लगभग दो हफ्ते तक पूरा मुल्क और दुनिया भर में हर कोई इंतजार करता रहा, लेकिन राजनेता न तो गठबंधन सरकार बनाने पर कोई फैसला कर पाए और न ही सहमत हो पाए।

कराची शेयर बाजार गिरने लगा और कार्यवाहक सरकार के मुताबिक बजट घाटा बढ़कर 85.4 खरब डॉलर तक पहुंच गया। सुधारों और महत्वपूर्ण विदेशी फंडिंग में देरी के कारण बने गतिरोध ने अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड की बिकवाली को बढ़ावा दिया और मुल्क में आर्थिक संकट के और अधिक बढ़ने की विश्लेषकों की आशंका को बल मिला। घटती विदेशी मुद्रा के साथ पाकिस्तान आर्थिक संकट में था, अगले दो महीनों में एक अरब बॉन्ड भुगतान के कारण उस पर और दबाव बढ़ेगा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ उसका तीन अरब डॉलर का फंडिंग कार्यक्रम 12 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। वित्त मंत्रालय के पूर्व सलाहकार और सस्टेनेबल डेवलपमेंट पॉलिसी इंस्टीट्यूट के साजिद अमीन ने कहा कि ‘यदि कोई भी पार्टी सामान्य बहुमत नहीं जुटा पाती है, तो पाकिस्तान गंभीर राजनीतिक और आर्थिक संकट के दौर में प्रवेश कर जाएगा।’ यह संकट इतना गहरा गया कि आर्थिक पतन से चिंतित सुरक्षा प्रतिष्ठान ने पीपीपी और पीएमएल-एन को एक सख्त संदेश भेजा कि बस बहुत हो चुका, अगर छह दौर की वार्ता के बाद भी वे सरकार की घोषणा नहीं कर पाए, तो वे उनके लिए फैसले लेंगे।

रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान ने जेल में इमरान खान से बात करने के लिए भी एक मध्यस्थ भेजा कि वह नौ मई, 2023 की तबाही और फौजी प्रतिष्ठानों पर हमले में अपनी भूमिका कबूल कर लें, तो अपने निर्दलीय उम्मीदवारों को सत्ता में शामिल कर सकेंगे और उन्हें इस्लामाबाद स्थित उनके आवास बनिगाला ले जाया जाएगा, जिसे फिलहाल एक उप-जेल में तब्दील कर दिया गया है और जहां उनकी पत्नी बुशरा बीबी को रखा गया है। लेकिन इमरान खान ने अपने प्रसिद्ध दो शब्दों में जवाब दिया-बिल्कुल नहीं। जाहिर है कि पाकिस्तान के इतिहास में सबसे विवादास्पद चुनाव में धांधली करने वाला सुरक्षा प्रतिष्ठान अब हाथ मल रहा है।

सुरक्षा प्रतिष्ठान के करीबी माने जाने वाले सीनेटर मुशाहिद हुसैन (पीएमएल-एन) ने मानो सेना के संकेत पर सीनेट में बिल्कुल सटीक कहा कि यदि पीएमएल-एन, पीपीपी और पीटीआई मिलकर कोई फैसला नहीं लेते हैं, तो सैन्य मुख्यालय फैसला करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति में सबसे बड़ी जिम्मेदारी नवाज शरीफ की है। पीपीपी के आसिफ अली जरदारी और पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ को जैसे ही सेना का संदेश मिला, आधी रात में जल्दबाजी में उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके घोषणा की कि अब उनके पास बहुमत साबित करने के लिए जादुई आंकड़ा है और वे गठबंधन सरकार बनाएंगे। शहबाज शरीफ सदन के भावी नेता होंगे, जबकि आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति होंगे। जरदारी यह पद पीपीपी सरकार के दौरान पहले भी संभाल चुके हैं। गठबंधन सरकार की घोषणा के बाद बुधवार सुबह में शेयर बाजार में 1,000 से ज्यादा अंकों की बढ़ोतरी हुई। विश्लेषकों ने इस बढ़त का श्रेय सरकार गठन पर आम सहमति को दिया। नई गठबंधन सरकार का नाम पीडीएम-2.0 रखा गया है। यह वही पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट सरकार है, जिसने अविश्वास प्रस्ताव से इमरान के हटने के बाद करीब एक साल तक शासन किया और जिसे आम नागरिकों के लिए सबसे खराब सरकार के रूप में याद किया जाता है। नवाज शरीफ के लिए परेशानी की बात यह है कि पीपीपी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने से इन्कार कर दिया है, पर पंजाब में राज्यपाल एवं मंत्री पद की मांग की है।

पीपीपी का कहना है कि वह सदन के नेता के रूप में शाहबाज शरीफ के लिए वोट करेगी और नेशनल असेंबली में मुद्दे के आधार पर समर्थन भी करेगी, लेकिन संघीय सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं लेगी। पंजाब में पीएमएल-एन ने निर्दलीय और पीपीपी की मदद से बहुमत जुटा लिया है और नवाज शरीफ ने घोषणा की है कि उनकी बेटी और राजनीतिक उत्तराधिकारी पंजाब की मुख्यमंत्री होंगी। इस तरह पंजाब के इतिहास में पहली बार कोई महिला मुख्यमंत्री होंगी। इस बीच पीटीआई ने उदारवादी इस्लामी पार्टी पाकिस्तान सुन्नी तहरीक के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है, क्योंकि सुरक्षा प्रतिष्ठान ने पीटीआई को अपने चुनाव चिह्न ‘बल्ले’ का उपयोग करने से वंचित कर दिया था, इसलिए उसके उम्मीदवारों को निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा। वे निचले सदन में पीपीपी के साथ विपक्ष की सीट पर बैठेंगे, जिससे यह संसदीय इतिहास में सबसे मजबूत विपक्ष बन जाएगा, जो सरकार के हर कदम को रोकने की ताकत भी रखेगा। राजनीति संभावनाओं की कला है और कौन जानता है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक इशारे पर कल क्या होगा, क्योंकि संयुक्त विपक्ष के पास कमजोर शहबाज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त संख्या है। ब्रिटिश इंडिया से आजाद होने के बाद 1970 में पहली बार पाकिस्तान में प्रत्यक्ष आम चुनाव हुए थे। लेकिन 2024 के आम चुनाव ने दिखा दिया कि इसका सबसे बड़ा शिकार जम्हूरियत है।

आखिर किस बड़ी मुसीबत की ओर इशारा कर रही है ‘डूम्सडे क्लॉक’

Scientists issue doomsday clock warning as Earth's life-sustaining capabilities become more endangered

धरती की जीवनदायिनी क्षमताओं के अधिक संकटग्रस्त होने के बीच हाल ही में वैज्ञानिकों ने नई चेतावनी जारी की है। इसे डूमस्डे क्लाक चेतावनी कहा जा रहा है। विश्व में ‘डूमस्डे क्लॉक’ अपनी तरह की एक प्रतीकात्मक घड़ी है, जिसकी सुइयों की स्थिति के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया जाता है कि विश्व किसी बहुत बड़े संकट की आशंका के कितने नजदीक है। इस घड़ी का संचालन ‘बुलेटिन ऑफ एटोमिक साइंटिस्ट्स’ नामक वैज्ञानिक संस्थान द्वारा किया जाता है। इसके परामर्शदाताओं में 15 नोबेल पुरस्कार विजेता भी हैं। ये सभी मिलकर प्रति वर्ष तय करते हैं कि इस वर्ष घड़ी की सुइयों को कहां रखा जाए।

इस घड़ी में रात के 12 बजे को धरती पर बहुत बड़े संकट का पर्याय माना गया है। घडी की सुइयां रात के 12 बजे के जितने नजदीक रखी जाएगी, उतने ही बड़े संकट से धरती (व उसके लोगों व जीवों) के संकट की स्थिति मानी जाएगी। 2024 में इन सुइयों को (रात के) 12 बजने में 90 सेकंड पर रखा गया है। संकट के प्रतीक 12 बजे के समय से इन सुइयों की इतनी नजदीकी 2023-24 के अतिरिक्त कभी नहीं रही। दूसरे शब्दों में, यह घड़ी दर्शा रही है कि इस समय धरती किसी बहुत बड़े संकट के सबसे करीब है।

‘डूमस्डे घड़ी’ के वार्षिक प्रतिवेदन में इस स्थिति के तीन कारण बताए गए हैं। पहली वजह यह है कि जलवायु बदलाव का संकट बढ़ रहा है। जलवायु बदलाव नियंत्रित करने की संभावनाएं समग्र रूप से धूमिल हुई हैं। दूसरी वजह यह है कि परमाणु हथियार नियंत्रित करने के समझौते कमजोर हुए हैं, जिससे परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ा है। तीसरी वजह यह है कि ए.आई. (आर्टीफिशयल इंटेलीजेंस) व जेनेटिक इंजीनियरिंग का बहुत दुरुपयोग हो रहा है, जिसका सुरक्षा पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इन तीन कारणों के मिले-जुले असर से आज विश्व बहुत बड़े संकट की आशंका की दहलीज पर पहुंच चुका है। और इस संकट को कम करने के लिए तुरंत कदम उठाना जरूरी है। सवाल यह है कि क्या ‘डूमस्डे घड़ी’ के इस अति महत्वपूर्ण संदेश को विश्व नेतृत्व समय रहते समझेगा? हाल के वर्षों में यह निरंतर स्पष्ट होता रहा है कि अब तो धरती की जीवनदायिनी क्षमता ही खतरे में है। जिन कारणों से हजारों वर्षों तक धरती पर विविधतापूर्ण जीवन पनप सका, वे आधार ही संकटग्रस्त हो चुके हैं।

इन अति गंभीर समस्याओं के समाधान को सर्वाधिक महत्व पूरे विश्व में मिले, इसे ध्यान में रखते हुए ‘धरती रक्षा अभियान’ (सेव द अर्थ कैंपेन) आरंभ किया गया है। इस अभियान का व्यापक उद्देश्य धरती की जीवनदायिनी क्षमता की रक्षा करना है। इसके दो विशिष्ट उद्देश्य हैं–पहला, धरती से सभी परमाणु हथियार व महाविनाशक हथियार समाप्त हों व दूसरे, धरती पर तापमान वृद्धि को तय मानक तक सीमित रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। इस अभियान का प्रथम प्रयास यह है कि मौजूदा दशक (2020-30) को वैश्विक स्तर पर ‘धरती रक्षा दशक’ के रूप में घोषित किया जाए। एक बड़ा सवाल हमारे सामने है कि आखिर इन गंभीर संकटों को समय रहते कैसे कम किया जाए। समय सीमा का सवाल इस कारण भी बहुत बड़ा है, क्योंकि जलवायु बदलाव के साथ टिपिंग पॉइंट भी जुड़े हैं। एक बार यह सीमा पार हो गई, तो फिर स्थितियां नियंत्रण से बाहर निकल सकती हैं। विश्व के शीर्ष विशेषज्ञ बता रहे हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए हमारे पास बस एक दशक बचा है।

एक बड़ी जरूरत इस बात की है कि धरती के जीवन पर मंडरा रहे अभूतपूर्व संकट की समझ अधिक लोगों तक पहुंचे। यह समझ सही परिप्रेक्ष्य में अधिक लोगों तक पहुंचेगी, तभी लोग अधिक संख्या में आगे आएंगे। इस समय इन मुद्दों की गंभीरता की जानकारी रखने वाले लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इन मुद्दों को न्याय व लोकतंत्र के मुद्दों से जोड़कर व्यापक समझ बनानेवाले लोगों की संख्या तो और भी कम है। ऐसी समझ बनाकर हमें धरती की रक्षा की वह राह निकालनी है, जो समता व सादगी, न्याय व लोकतंत्र की राह है। इस समय संकट और समाधान की सही समझ को अधिक लोगों तक पहुंचाना और उन्हें समाधान के प्रयासों से जोड़ना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

डीएचएफएल के पूर्व प्रवर्तकों के खाते होंगे अटैच

Accounts of former promoters of DHFL will be attached business news in hindi

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लि. (डीएचएफएल) के पूर्व प्रवर्तकों धीरज वधावन और कपिल वधावन के बैंक खातों के साथ-साथ शेयरों और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को अटैच करने का आदेश दिया। यह कार्रवाई कुल 22 लाख से अधिक का बकाया वसूलने के लिए की गई। सेबी ने वधावन बंधुओं पर जुर्माना लगाया था, जिसका भुगतान नहीं किया। 

सेबी के दो अलग-अलग नोटिस में लंबित बकाया की वसूली के लिए वधावन के बैंक, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड फोलियो को कुर्क करने का आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि वधावन बंधुओं में से प्रत्येक के 10.6 लाख रुपये के लंबित बकाया में प्रारंभिक जुर्माना राशि, ब्याज और वसूली लागत शामिल है। जुलाई 2023 में, नियामक ने प्रकटीकरण मानदंडों के उल्लंघन के लिए वधावन बंधुओं पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। 

बिरला समूह ने हरियाणा, पंजाब और तमिलनाडु में शुरू किए तीन पेंट संयंत्र
आदित्य बिरला समूह ने हरियाणा के पानीपत, पंजाब और तमिलनाडु में तीन नए डेकोरेटिव पेंट संयंत्र की शुरुआत की है। आने वाले समय में चेन्नई और बंगाल में भी संयंत्र खोलने की योजना है। आदित्य बिरला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला ने बृहस्पतिवार को पानीपत से पंजाब और तमिलनाडु के संयंत्रों का ऑनलाइन उदघाटन किया। ये सभी बिरला ओपस ब्रांड के तहत काम करेंगे, जिसका पिछले साल सितंबर में अनावरण हुआ था। बिरला ने कहा, उद्योग क्षमता में 40 फीसदी वृद्धि के साथ पेंट उद्योग में बड़ा बदलाव लाने के लिए नए प्लांट बनाए गए हैं। यह तेजी से बढ़ते 80 हजार करोड़ के डेकोरेटिव पेंट बाजार में समूह के प्रवेश का प्रतीक है।

चार-पांच माह में भारत ब्रांड चावल व आटे की 15-15 लाख टन तक बिक्री की उम्मीद
सरकार को उम्मीद है कि भारत ब्रांड के चावल और आटे की अगले चार-पांच महीनों में 15-15 लाख टन की बिक्री हो सकती है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा, अगर मांग ज्यादा होती है तो आपूर्ति भी हम अधिक करेंगे। चोपड़ा ने कहा, भारत आटे के लॉन्च के बाद से बाजार में इसकी कीमतें स्थिर हो गई हैं। जैसे आटे पर इसका प्रभाव पड़ा है, वैसे ही भारत चावल की कीमतों में नरमी सुनिश्चित होगी। भारत चावल की बिक्री फिलहाल कम है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें तेजी आएगी। अभी तक 3.5 लाख टन आटा और 20,000 टन चावल को भारत ब्रांड के तहत बेचा जा चुका है। सालाना आधार पर चावल के दाम 15 फीसदी तक बढ़े हैं। भारत चावल की खुदरा बिक्री और मार्च से रबी फसल के आगमन के साथ कीमतें कम होने की उम्मीद है। 

चार देशों को 54,760 टन प्याज बेचेगी सरकार
सरकार ने व्यापारियों को 31 मार्च तक बांग्लादेश, मॉरीशस, बहरीन और भूटान को 54,760 टन प्याज निर्यात करने की बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, हमने तत्काल प्रभाव से बांग्लादेश को 50,000 टन, मॉरीशस को 1,200 टन, बहरीन को 3,000 टन और भूटान को 560 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है।

बायजू : रवींद्रन को हटाने के प्रस्ताव पर मतदान आज
बायजू के शेयरधारक इसके संस्थापक-सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को हटाने के लिए लाए प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान करेंगे। हालांकि, मतदान का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा। उस दिन कर्नाटक हाई कोर्ट रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा। 

भारत एग्री को 500 करोड़ राजस्व की उम्मीद
भारत एग्री फर्टिलाइजर एवं रियल्टी को तीन वर्ष में 500 करोड़ के राजस्व की उम्मीद है। कंपनी को हाल में मुंबई में 35 मंजिल  के टॉवर के लिए मंजूरी मिली है। तीसरी तिमाही में इसकी आय 10.5% बढ़ी है। कंपनी की कई और प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना है। 

मेकमाई ट्रिप और गोवा सरकार के बीच करार
मेकमाई ट्रिप और गोवा सरकार के पर्यटन विभाग में शुक्रवार को एक समझौता हुआ। इसका मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ाना है। कंपनी के सह-संस्थापक राजेश मैगो ने कहा, हम गोवा सरकार के इस यात्रा को शुरू करने को लेकर काफी उत्साहित हैं।

नमक के विकल्प से उच्च रक्तचाप का खतरा 40 फीसदी कम, चीन में हुए अध्ययन में आया सामने

Salt substitute reduces the risk of high blood pressure by 40 percent study in China revealed

नमक का उपयोग कम कर कोई विकल्प अपनाने से उच्च रक्तचाप 40 फीसदी कम हो जाता है और  निम्न रक्तचाप का खतरा भी नहीं रहता। जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, केवल नमक कम करने की तुलना में नमक के विकल्प का स्वस्थ रक्तचाप नियंत्रित करने का बेहतर समाधान है। इससे पहले अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने कहा था कि उच्च रक्तचाप से जूझ रहे लोगों के लिए एक दिन में 1.5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन हानिकारक हो सकता है। वहीं, डब्ल्यूएचओ का भी कहना है कि पांच ग्राम नमक (एक चौथाई चम्मच) में दो ग्राम सोडियम होता है। किसी भी वयस्क व्यक्ति को रोजाना दो ग्राम से ज्यादा सोडियम नहीं खाना चाहिए।

इस तरह किया अध्ययन
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने चीन में देखभाल सुविधाओं में रहने वाले वयस्कों में रक्तचाप पर सोडियम कम करने के प्रभाव का मूल्यांकन किया। डिसाइड-साल्ट नामक अध्ययन में 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 611 प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया। 313 प्रतिभागियों ने सामान्य नमक को नमक के विकल्प से बदल दिया। 298 प्रतिभागियों ने सामान्य नमक का उपयोग जारी रखा। नमक के विकल्प का उपयोग करने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप होने की संभावना 40 फीसदी कम हुई। इसके अलावा नमक का विकल्प अपनाने से उन्हें निम्न रक्तचाप भी नहीं हुआ।

ये हो सकते हैं विकल्प
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सेंधा नमक और काला नमक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। सादे नमक की तुलना में गुलाबी हिमालयन नमक भी बेहतर विकल्प है। प्राकृतिक प्रक्रिया की वजह से इसमें कई अन्य खनिज और तत्व मिले हुए होते हैं, जो साधारण नमक में देखने को नहीं मिलते। इसके अलावा नींबू के रस, लहसुन पाउडर, अदरक, लेमनग्रास और मार्जोरम का इस्तेमाल भी विकल्प के रूप में किया जा सकता है। मूल काली मिर्च, सूखा प्याज या प्याज पाउडर, पोषक खमीर, बाल्समिक, सेब साइडर और रेड वाइन सिरका, लाल शिमला मिर्च और ट्रफल  आयल भी विकल्प हो सकते हैं।

करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत दुनियाभर में हर साल
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, उच्च रक्तचाप हृदय रोग और मृत्यु के प्रमुख खतरों में से है। यह 1.4 अरब से अधिक वयस्कों को प्रभावित करता है और इसके कारण दुनियाभर में हर साल 1.08 करोड़ मौतें होती हैं। उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक सोडियम का सेवन कम करना है।

ममता बनर्जी बहुत डर गई हैं उनके जाने का वक्त हो गया है- भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल

संदेशखाली हिंसा पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि ममता बनर्जी भाजपा से बहुत डर गई हैं। उनके जाने का समय हो गया है। संदेशखाली में जो भयानक किस्सा हुआ है वे सभी को मालूम हो गया है, उसे वे छुपाना चाहती हैं और उसे मुख्य मुद्दे से भटकाने के लिए ये नाटक हो रहा है। उस ऑफिसर को किसने खालिस्तानी बोला है? हमने तो नहीं बोला है। हमने कल भी मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि अगर आपके पास वीडियो है तो उसे सामने लाएं। अगर भाजपा से किसी ने भी बोला है तो उसे सामने लाया जाए। 24 घंटे हो गए हैं अभी तक कोई वीडियो नहीं आया।

दिल्ली में लोकसभा सीट बंटवारे पर आप, कांग्रेस के बीच बातचीत अंतिम चरण में पहुंची

लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में सीट बंटवारे को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) एवं कांग्रेस के बीच बातचीत अंतिम चरण में है और दोनों पक्ष जल्द ही अपने गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। आप के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने सीटों के समझौते पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि आप दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली और नयी दिल्ली की सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी जबकि कांग्रेस चांदनी चौक, पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ‘जन विश्वास यात्रा’ पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “…जो जन विश्वास यात्रा निकाले हैं, वो परिवार विश्वास यात्रा निकालते तो ज्यादा बेहतर होता। जो व्यक्ति आज तक परिवार से बाहर ना निकला हो और आरोपों में घिरा रहा हो, वो क्या जन विश्वास यात्रा निकालेंगे?…”

Ramswaroop Mantri

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