प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के नासिक के कालाराम मंदिर में ‘स्वच्छता अभियान’ में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने सभी से देश भर के मंदिरों में स्वच्छता गतिविधियां चलाने की भी अपील की थी। उधर झारखंड उच्च न्यायालय ने मधुपुर उपचुनाव के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए गए विभिन्न बयानों से संबंधित भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज़ चार FIR को रद्द कर दिया है।
इंडिया गठबंधन:सीट बंटवारे और संयोजक के नाम पर चर्चा की उम्मीद
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए का मुकाबला करने के लिए गठित विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दलों के बीच कई मुद्दों को लेकर खींचतान जारी है। इस बीच, विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने आज अहम बैठक बुलाई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में गठबंधन को मजबूत करने, सीट-बंटवारे पर रणनीति बनाने और समूह का संयोजक बनाने पर चर्चा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पहले से निर्धारित कुछ कार्यक्रमों मों की वजह से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी आज सुबह होने वाली वर्चुअल बैठक में भाग नहीं लेंगी।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में विपक्षी गठबंधन का संयोजक नियुक्त करने पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि जेडीयू नीतीश कुमार को संयोजक बनाना चाहती है, लेकिन टीएमसी इसका विरोध कर रही है। टीएमसी के एक नेता ने कहा कि पार्टी को शुक्रवार शाम को बैठक के बारे में सूचित किया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री कुछ पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, जिसके कारण वह बैठक में शामिल नहीं हो सकती हैं। सूत्रों ने कहा कि टीएमसी ने यह बात रखी थी कि बैठक अगले हफ्ते बुलाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि टीएमसी इंडिया गठबंधन में बने रहने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता 13 जनवरी को सुबह 11:30 बजे जूम पर बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की जाएगी। इनमें सीट-बंटवारे पर चल रही वार्ता, 14 जनवरी को इंफाल से शुरू हो रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भागीदारी, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
वहीं, लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए कांग्रेस गठबंधन समिति के सदस्य आज दिल्ली में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं से मिलेंगे। यह बैठक मुकुल वासनिक के आवास पर होगी।
सरयू से जानिये अयोध्या के मुक्ति संघर्ष की दास्तां…टकराव और सियासी चालों के बीच शिलान्यास
ताला खोलने के खिलाफ हाशिम अंसारी की अपील हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दी थी। तभी सुना कि लखनऊ में वकील अब्दुल मन्नान के घर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों, चुनिंदा मुस्लिम नेताओं, वकीलों ने ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनाकर मस्जिद के लिए लड़ाई का एलान किया है।
ताला खोलने के खिलाफ हाशिम अंसारी की अपील हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दी थी। तभी सुना कि लखनऊ में वकील अब्दुल मन्नान के घर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों, चुनिंदा मुस्लिम नेताओं, वकीलों ने ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनाकर मस्जिद के लिए लड़ाई का एलान किया है।
मैं आनंदित थी। ताला खुलने से मेरे राम की पूजा-अर्चना का रास्ता साफ जो हो चुका था। ताला खोलने के खिलाफ हाशिम अंसारी की अपील हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दी थी। तभी सुना कि लखनऊ में वकील अब्दुल मन्नान के घर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों, चुनिंदा मुस्लिम नेताओं, वकीलों ने ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनाकर मस्जिद के लिए लड़ाई का एलान किया है। इसके संयोजक समाजवादी नेता आजम खां तथा बड़े वकील जफरयाब जीलानी बनाए गए हैं। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने ताला खोले जाने के विरोध में काला दिवस की घोषणा की। उस दौरान कई जगह संघर्ष हुए। कमेटी के आह्वान पर 26 जनवरी, 1987 को वोट क्लब पर रैली, एक फरवरी को भारत बंद और 30 मार्च को दिल्ली में फिर रैली और संबंधित परिसर में नमाज पढ़ने के एलान ने गहरी चिंता में डाल दिया था। तभी श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति की आेर से रामलला के मंदिर के निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि न्यास का गठन करने की खबर मिली।
संघ परिवार की सक्रियता व समर्थन से कांग्रेस के नेता शायद परेशान हो रहे थे। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। आगे की कहानी प्रदेश में वीरबहादुर सिंह व नारायण दत्त तिवारी के मुख्यमंत्रित्व काल की है। साल था 1988। श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति ने जन्म स्थान हिंदुओं को सौंपने की मांग को लेकर छह राम जानकी रथयात्राएं निकालीं। पर, सरकार ने रथों को जब्त कर लिया। विहिप व बजरंग दल ने प्रदेश बंद, सभा और संकल्प जैसे आयोजनों से आंदोलन तेज कर दिया। धर्म संसद ने 25 नवंबर को रथों को सरकार के कब्जे से जबरन छुड़ाने की घोषणा की। अयोध्या में चारों तरफ सुरक्षा बल। पता नहीं क्या हुआ कि 23 नवंबर, 1988 की सुबह ये रथ लखनऊ स्थित विहिप मुख्यालय के पास खड़े मिले। कहा जाता है कि सरकार ने ही इन्हें चुपके से खड़ा करा दिया था। कांग्रेस सरकार कभी मुस्लिमों को, तो कभी हिंदुओं को संतुष्ट करने की सियासी चालों में खुद उलझती जा रही थी। 1989 की फरवरी की एक तारीख। प्रयागराज महाकुंभ में तीसरी धर्मसंसद की बैठक से सूचना आई कि मंदिर निर्माण के लिए 9-10 नवंबर को भूमि पूजन और सिंहद्वार का शिलान्यास होगा। गुजरात के प्रसिद्ध मंदिर निर्माण कला विशेषज्ञ सीबी सोमपुरा अयोध्या आए। संतों से विचार-विमर्श कर प्रस्तावित मंदिर का नक्शा बनाते हुए एक स्थान को शिलान्यास के लिए चिह्नित किया गया। राम जन्मभूमि न्यास ने देशभर में शिलापूजन कराकर उन शिलाओं को अयोध्या लाकर मंदिर निर्माण की योजना बनाई।
कांग्रेस सरकार दो कदम आगे चार कदम पीछे
कांग्रेस की तत्कालीन प्रदेश सरकार शायद घबरा गई। उसने उच्च न्यायालय से शिलापूजन पर रोक की गुहार लगाई, पर याचिका खारिज हो गई। सर्वोच्च न्यायालय ने भी याचिका खारिज कर दी। न्यास ने शिलापूजन के जरिये गांव-गांव जनजागरण किया। मुस्लिमों की बढ़़ती नाराजगी सार्वजनिक होने लगी थी। प्रदेश सरकार ने शिलान्यास रोकने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई। न्यायालय ने पहले 7 नवंबर 89 को इसे सरकार के पाले में डाल दिया, लेकिन 8 नवंबर को भूमि को विवादित बताते हुए यथास्थिति का आदेश दिया। दिल्ली में कांग्रेस के तत्कालीन प्रवक्ता आनंद शर्मा की संबंधित स्थान पर शिलान्यास न करने देने की घोषणा और पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी की सिर पर फावड़ा चलने के बाद ही शिलान्यास होने देने की चेतावनी से तनाव चरम पर था। मौलाना बुखारी ने घोषणा की कि शिलान्यास रोका जाए, तो वह वार्ता के लिए तैयार हैं। इस सबके बीच महंत अवेद्यनाथ लखनऊ बुलाए गए। पर, उन्होंने शिलान्यास रोकने से इन्कार कर दिया। देर रात सरकार ने रुख बदलते हुए संबंधित जगह को अविवादित बताते हुए शिलान्यास की अनुमति दे दी। 9 नवंबर, 1989 को भूमि पूजन और उत्खनन के साथ शिलान्यास प्रक्रिया शुुरू हुई, जो अगले दिन तक चली।
हाईटेक हुआ गंगा सागर मेला, इसरो की रहेगी निगरानी; यह है पौराणिक और धार्मिक महत्व
पुरानी कहावत है, सारे तीर्थ बार-बार, गंगा सागर एक बार। लेकिन अब धीरे-धीरे यह कहावत पुरनी हो रही है। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो, उसे ध्यान में रखते हुए, इस बार गंगा सागर मेला को हाईटेक किया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को ड्रोन और सीसीटीवी से कवर किया गया है। जहाजों की निगरानी के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस बीच, देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन डूबकी लगाने के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के सागर द्वीप स्थित गंगा सागर पहुंचने लगे हैं। मेला 16 तक चलेगा। शुक्रवार को दो महिला श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट किया गया।पिछले साल घने कोहरे के कारण जहाजों की आवाजाही में थोड़ी दिक्कत हुई थी। इस साल जहाजों में एंटी फॉग लाइट और नेविगेशन साउंड सिस्टम लगाया गया है। इसरो उपग्रह ट्रैकिंग और जीपीएस ट्रैकिंग प्रदान कर रहा है।
गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली पुलिस में बड़ा फेरबदल, 27 पुलिस अफसरों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट
गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना ने दिल्ली पुलिस में बड़ा फेरबदल किया है। स्पेशल पुलिस कमिश्नर से लेकर डीसीपी तक बड़े बदलाव किए गए हैं। एक साथ 27 पुलिस अफसरों का तबादला किया गया है। स्पेशल सीपी लोन एंड ऑर्डर जोन 2 से दीपेंद्र पाठक को सिक्योरिटी में भेज दिया गया है। वहीं आर पी उपाध्याय को स्पेशल सेल का नया स्पेशल सीपी बनाया गया है। वीरेंद्र सिंह को स्पेशल सीपी ट्रैफिक जोन 1 से स्पेशल सीपी लाइसेंसिंग बनाया गया है। साथ में लीगल डिवीजन का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। रविंद्र सिंह यादव को स्पेशल सीपी क्राइम से हटाकर स्पेशल सीपी लो एंड ऑर्डर जोन 2 बनाया गया है। मधुप तिवारी को स्पेशल सीपी सिक्योरिटी डिवीजन से स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर जोन-1 बनाया गया है। शालिनी सिंह को स्पेशल सीपी EOW से स्पेशल सीपी क्राइम लगाया गया है। सागर प्रीत हुड्डा को स्पेशल सीपी लोन ऑर्डर जॉन 2 से स्पेशल सीपी ऑपरेशन लगाया गया है। हरगोविंद सिंह धालीवाल को स्पेशल सेल से ट्रैफिक जॉन 2 का स्पेशल सीपी बनाया गया है।
इसरो की रहेगी निगरानी
पिछले साल घने कोहरे के कारण जहाजों की आवाजाही में थोड़ी दिक्कत हुई थी। इस साल जहाजों में एंटी फॉग लाइट और नेविगेशन साउंड सिस्टम लगाया गया है। इसरो उपग्रह ट्रैकिंग और जीपीएस ट्रैकिंग प्रदान कर रहा है। जिन जलमार्गों पर जहाजों का आवागमन होता है,वहां विभिन्न छोटी नावों में यह ध्वनि प्रणाली और विशेष प्रकाश व्यवस्था होगी। इसके जरिए जहाज चालक घने कोहरे में भी सही दिशा निर्धारित कर सकते हैं। इससे यात्रा निर्बाध होगी। इसके साथ ही पुलिस, 1,150 सीसीटीवी और 23 ड्रोन से निगरानी करेगी।
गंगासागर मेला परिसर में मेगा कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। उस कंट्रोल रूम से पूरे मेले पर नजर रखी जाएगी। गंगासागर मेले के चारों ओर सुरक्षा क्षेत्र बनाया गया है। यह है धार्मिक महत्व, कपिल मुनि आश्रम में लगी लंबी कतारें मकर संक्रांति पर गंगा सागर में स्नान को लेकर पौराणिक महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता गंगा भगवान शिव की जटा से निकलकर पृथ्वी पर पहुंची थीं तब वह भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम में जाकर सागर में मिल गई थीं, वह दिन संक्रांति का दिन था।
मां गंगा के पावन जल से राजा सागर के साठ हजार शापग्रस्त पुत्रों का उद्धार हुआ था। इस घटना की याद में तीर्थ गंगा सागर का नाम प्रसिद्ध हुआ। पिछले कई
दिनों से कपिल मुनि आश्रम में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है।
दो महिलाओं को किया गया एयरलिफ्ट
शुक्रवार को बिहार और पश्चिम बंगाल की दो महिला श्रद्धुओं को एयरलिफ्ट किया गया। पवित्र स्नान करने पहुंची बिहार के सीतामढ़ी निवासी सुमित्रा देवी की तबीयत अचानक खराब हो गई। पहले तो यहां पर मौजूद डाक्टरों की टीम ने उनका इलाज किया और बाद में उनको एयरलिफ्ट करने का फैसला किया। इसी तरह से महिला तीर्थयात्री पश्चिम बंगाल की दुर्गापुर निवासी स्वप्ना मुखर्जी जो तबीयत खराब होने से एयरलिफ्ट किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “भाजपा असम प्रदेश में उनके विश्वास के लिए दीमा हसाओ के लोगों का आभार। हमारी पार्टी हमेशा लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करेगी। मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की उनकी कड़ी मेहनत के लिए सराहना करता हूं।”
AMU पर 1965 में संसद में दिए चागला के भाषण पर सुप्रीम कोर्ट में क्यों भिड़ गए कपिल सिब्बल और तुषार मेहता
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, ये मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई के दौरान एएमयू ओल्ड बॉयज असोसिएशन के वकील कपिल सिब्बल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच तगड़ी बहस हुई। खास बात ये कि दोनों ही अपनी बात रखने के लिए एक ही शख्स के भाषण का सहारा लिया। वह भी अलग-अलग मौकों या जगहों पर दिए भाषण की नहीं, बल्कि संसद में दिए भाषण की। दोनों ने सितंबर 1965 में संसद में दिए गए तत्कालीन शिक्षा मंत्री एम. सी. चागला के भाषण को कोट किया। सिब्बल जहां चागला को कोट कर ये दलील दे रहे थे कि तत्कालीन मंत्री भी एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को बरकरार रखने के पक्ष में थे। दूसरी तरफ मेहता भी चागला को ही कोट करके ये बताने की कोशिश कर रहे थे कि उनकी मंशा तो कुछ और ही थी।
जम्मू-कश्मीर: संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के वाहनों के काफिले पर गोलीबारी के बाद पुंछ में सुरक्षा बढ़ाई गई।हमारे जवान सुरक्षित हैं। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त तलाशी अभियान जारी है: भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर
BSF के जवानों ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में स्थानीय लोगों के साथ लोहड़ी का त्योहार मनाया।
भगवान राम सभी के हैं : गौतम गंभीर
दिल्ली: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर भाजपा नेता गौतम गंभीर ने कहा कि मैं उनकी सोच के बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगा। भगवान राम पूरे देश के भगवान हैं हम सभी को इसमें भाग लेना चाहिए। हम सभी को 22 जनवरी को घर में एक दिया जलाना चाहिए। भगवान राम ने जिन आदर्शों पर अपनी जिंदगी जी उसी प्रकार देशवासियों को भी अपनी जिंदगी जीनी चाहिए।
कांग्रेस ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यकम पर उठाए सवाल
दिल्ली: राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठापन जब किया जाता है तब उसका एक विधि विधान होता है, क्या ये कार्यक्रम धार्मिक है? उन्होंने कहा कि अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या विधा विधान से कार्यक्रम किया जा रहा है? कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या चारों पीठों के हमारे शंकराचार्य की सलाह और देख-रेख से इस कार्यक्रम का स्वरूप तय किया जा रहा? चारों शंकराचार्य कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठापन नहीं की जा सकती है। अगर ये कार्यक्रम धार्मिक नहीं है तो ये कार्यक्रम राजनीतिक है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया। इस अधिनियम के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्तों के चयन पैनल से हटा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से अप्रैल में जवाब मांगा है।