बजट सत्र की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाई गई। प्रह्लाद जोशी ने इस बात की जानकारी दी है। उधर महाराष्ट्र की राजनीति से बड़ी खबर है। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही एनसीपी करार दिया है। शरद पवार खेमे के लिए ये तगड़ा झटका है। लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने एनसीपी को लेकर ये फैसला लिया। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाके से हड़कंप मच गया। हादसे में कई लोगों की मौत हुई है। इस भीषण अग्निकांड की जांच के लिए राज्य सरकार ने अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमिटी गठित की है। उधर झारखंड के सीएम चंपई सोरेन ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होगा।
यूपी: आतंकी पन्नू की वॉयस रिकॉर्डिंग का सैंपल लेगी एटीएस, प्राण प्रतिष्ठा में हमले की साजिश का मामला
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान हमले की साजिश रचने के आरोपी खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओरिजनल वॉयस रिकॉर्डिंग का सैंपल के लिए यूपी एटीएस, पंजाब पुलिस से अनुरोध करेगी। दरअसल, इस साजिश को अंजाम देने आए तीन संदिग्धों को हिरासत में लिए जाते ही पन्नू ने ऑडियो जारी किया था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धमकी देने के साथ अपने साथियों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने का दावा किया था।
संदिग्धों को हिरासत में लेते ही पन्नू का ऑडियो मैसेज जारी होने से पुलिस अधिकारी भी हैरान हैं। इसी वजह से उसके नेटवर्क को खंगालने के लिए पंजाब पुलिस से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगने के साथ पन्नू के खिलाफ दर्ज मुकदमों और उसकी ओरिजनल वॉयस रिकॉर्डिंग का सैंपल लेने की कवायद की जा रही है।
वहीं, अयोध्या से पकड़े गए गैंगस्टर शंकर लाल दुसाद और उसके दोनों साथियों को एटीएस ने राजस्थान ले जाकर छानबीन की। हालांकि उनकी दी जानकारी को सत्यापित नहीं किया जा सका। आरोपियों ने अपने मोबाइल के सिम और गाड़ी के बारे जो जानकारी थी, वह गलत पाई गई। जिस व्यक्ति के नाम से सिम खरीदा गया था, उसने भी तीनों से कोई संबंध होने से मना कर दिया है।
गौरतलब है कि खुफिया एजेंसियों की सूचना पर एटीएस ने 18 जनवरी को अयोध्या के त्रिमूर्ति होटल के पास से शंकर लाल दुसाद और उसके साथी अजीत कुमार शर्मा व प्रदीप पुनिया को दबोचा था। पूछताछ में सामने आया था कि वे विदेश में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी हरमिंदर सिंह लांडा और पन्नू के इशारे पर अयोध्या में अपने वाहन पर श्रीराम का झंडा लगाकर रेकी कर रहे थे। उनके पास से बरामद स्कार्पियो का पंजीकरण शंकरलाल के नाम पर मिला था, जबकि वाहन पोर्टल पर इसका पंजीकरण फरीदाबाद निवासी श्रवण कुमार सरसवा के नाम पर पाया गया था।
‘दुष्कर्म क्रूरतापूर्ण नहीं तब भी बर्बर’; दुष्कर्म के दोषी को 30 साल कैद की सजा में बोली अदालत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही दुष्कर्म क्रूरतापूर्वक न किया गया हो, लेकिन यह बर्बर ही कहा जाएगा। इस टिप्पणी के साथ शीर्ष अदालत ने 2018 में मंदिर परिसर में सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को 30 साल कैद की सजा सुनाई। जस्टिस सीटी रवि कुमार व जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने कहा कि दोषी ने स्थान की पवित्रता की परवाह किए बिना बर्बर कृत्य किया, जो पीड़िता को जीवनभर परेशान कर सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने सात साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए शख्स को 30 साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने मध्य प्रदेश के मंदिर में हुई इस जघन्य वारदात मामले में कहा कि दुष्कर्मी भले की क्रूरतापूर्ण बर्ताव न करे, मासूम के साथ हुई ऐसी दरिंदगी को बर्बर ही माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया, दोषी को सजा पूरी होने से पहले जेल से रिहा नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, शीर्ष अदालत ने दोषी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से दी गई मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। याचिकाकर्ता-दोषी ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने यह दर्ज किया है कि अपराध बर्बर और क्रूर नहीं था। चूंकि दोषी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था, इसलिए सजा न्यूनतम जुर्माने के साथ 20 साल की कठोर कारावास होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, निवारक दंड की आवश्यकता है। दोषी ने वासना मिटाने के लिए बच्ची को मंदिर ले जाकर अपराध किया। दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जो पीड़िता को मिलेगा।
ताउम्र परेशान करेगी बर्बरता
शीर्ष कोर्ट ने कहा, एक बार आईपीसी की धारा 376 एबी के तहत दोषसिद्धि बरकरार रहने के बाद निश्चित अवधि की सजा 20 साल कैद से कम नहीं हो सकती। ध्यान रखना चाहिए कि पीड़िता किसी भी मंदिर में जाएगी तो उसे बर्बर कृत्य की याद आएगी। यह घटना उसके भविष्य के विवाहित जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है
पति की क्रूरता और विवाहेतर संबंधों पर पत्नी को भी तलाक का होगा हक, महिलाओं को समान अधिकारों की वकालत
समान नागरिक संहिता में पति के साथ पत्नी को भी बराबर का अधिकार दिया गया है। पति की तरह अब पत्नी चाहेगी तो पति से तलाक ले सकेगी। तलाक के लिए पति की एक से अधिक पत्नी, दुष्कर्म का दोषी होने के साथ ही क्रूरता, किसी अन्य के साथ विवाहेतर संबंध या लगातार दो वर्ष तक दूरी बनाकर रखना भी आधार बन सकता है।पति की तरह अब पत्नी चाहेगी तो पति से तलाक ले सकेगी। तलाक के लिए पति की एक से अधिक पत्नी, दुष्कर्म का दोषी होने के साथ ही क्रूरता, किसी अन्य के साथ विवाहेतर संबंध या लगातार दो वर्ष तक दूरी बनाकर रखना भी आधार बन सकता है।
प्रस्तावित कानून के प्रावधानों के मुताबिक, नपुंसकता या जानबूझकर यौन संबंध नहीं बनाने पर विवाह शून्य हो जाएगा। इसके अलावा, याचिकाकर्ता की सहमति बलपूर्वक या धोखाधड़ी से लेने पर, विवाह के समय पत्नी के किसी अन्य पुरुष से गर्भवती होने या पति ने विवाह के समय पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला को गर्भवती किया हो तब भी विवाह शून्य माना जाएगा। पति या पत्नी ने धर्म परिवर्तन कर लिया हो, पति या पत्नी मानसिक विकार या असाध्य संचारी यौन रोग से पीड़ित हो, तो ऐसी स्थिति में भी विवाह को शून्य माना जाएगा।
पत्नी इस आधार पर ले सकती है तलाक पति विवाह के बाद दुष्कर्म या किसी अन्य प्रकार के अप्राकृतिक यौन संबंध के अपराध का दोषी रहा हो। यूसीसी लागू होने से पहले पति की एक से अधिक पत्नियां हों। पति-पत्नी मिलकर इस आधार पर तलाक की याचिका प्रस्तुत कर सकेंगे, कि वे एक वर्ष या उससे अधिक समय से अलग-अलग रह रहे हैं। वे एक साथ नहीं रह सके हैं और वे इस बात पर परस्पर सहमत हों कि विवाह का विघटन किया जाना चाहिए। याचिका प्रस्तुत करने के छह माह के बाद और उस तिथि से 18 माह के पूर्व दोनों पक्षकारों की ओर से किए गए प्रस्ताव पर अगर याचिका वापस नहीं ली गई हो। न्यायालय पक्षकारों को सुनने व जांच के बाद तलाक का आदेश जारी कर देगा।
गर्भस्थ बच्चे को भी मिलेगा उत्तराधिकार
समान नागरिक संहिता में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार दिए गए हैं। इतना ही नहीं, गर्भस्थ बच्चे को भी वसीयत करने वाले व्यक्ति की मृत्यु के समय से ही उसका उत्तराधिकारी माना जाएगा। विधानसभा के पटल पर पेश समान नागरिक संहिता में स्पष्ट किया गया कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसकी संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा। इसे दो प्रमुख श्रेणियों में बांटा गया है।
- पहली श्रेणी : पति/पत्नी, बच्चे, पूर्व मृत बच्चों के बच्चे व उनके पति/पत्नी, पूर्व-मृत बच्चों के पूर्व-मृत बच्चे व उनके पति/पत्नी और माता-पिता से होगा
- दूसरी श्रेणी : दूसरी श्रेणी में सौतेले माता/पिता, भाई/बहन, पूर्व-मृत भाई/बहन के बच्चे व उनके पति/पत्नी, माता/पिता के भाई/बहन, दादा/दादी और नाना/नानी
उत्तराधिकारियों में ऐसे होगा संपत्ति का बंटवारा
श्रेणी एक के उत्तराधिकारी एक साथ उत्तराधिकार प्राप्त करेंगे। मृतक का प्रत्येक जीवित पति/पत्नी एक-एक अंश लेगा। प्रत्येक जीवित बच्चा एक-एक अंश। प्रत्येक पूर्व मृत बच्चे का एक अंश। पूर्व मृत बच्चे की शाखा को न्यायगत होने वाला अंश प्रत्येक जीवित पति/पत्नी, जीवित बच्चे और पूर्व-मृत बच्चे के पूर्व-मृत बच्चे के मध्य समान रूप से बंटेगा।
ऐसी स्थिति में उत्तराधिकारी नहीं होंगे : मृत नातेदार की विधवा या विधुर ने इच्छापत्र रहित मृतक के जीवनकाल में पुनर्विवाह कर लिया हो, वहां ऐसी विधवा या विधुर संपदा का उत्तराधिकारी नहीं होगा।
प्रथा, रूढ़ि और परंपरा के तहत तलाक मान्य नहीं
यूसीसी में स्पष्ट किया गया कि इस अधिनियम के अलावा किसी अन्य प्रथा, रूढ़ि, परंपरा के तहत तलाक मान्य नहीं होगा। किसी प्रथा, रुढ़ी या परंपरा के तहत तलाक देने पर तीन साल की जेल और जुर्माना होगा। पूर्व की पत्नी होने के बावजूद पुनर्विवाह करने पर तीन वर्ष की जेल, एक लाख रुपये तक जुर्माना और सजा छह माह तक बढ़ाई जा सकती है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा-ऐसे किसी संहिता की जरूरत नहीं
विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आपत्ति जताई है। बोर्ड के कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने समान नागरिक संहिता की प्रकृति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, जहां तक यूसीसी का सवाल है, हमारी राय है कि हर कानून में एकरूपता नहीं लाई जा सकती। अगर आप किसी समुदाय को यूसीसी से छूट देते हैं, तो इसे एक समान कोड कैसे कहा जा सकता है? ऐसे किसी समान नागरिक संहिता की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा, विधानसभा के समक्ष मसौदा पेश होने के बाद बोर्ड की कानूनी टीम इसकी गहन जांच करेगी। इसके बाद वे आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।
मुस्लिमों को इस्लाम से दूर करने का प्रयास : ओवैसी
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह मुस्लिमों को इस्लाम से दूर करने का प्रयास है। हम शुरुआत से ही समान नागरिक संहिता का विरोध कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, एआईएमआईएम प्रवक्ता सैयद आसिम वकार ने इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में कहा, जो राज्य दर राज्य लागू हो रहा है वो यूसीसी कैसे हो गया? उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा और सभी राज्यों में अलग कानून है, यह पूरे भारत में लागू नहीं हो रहा है वो तो क्षेत्रीय कानून है। हमें गुमराह मत कीजिए। भारत सरकार अगर करना चाहती है तो यूसीसी लागू करे। उत्तराखंड से इसका क्या मतलब है।
सहमति संबंध…कोई भी साथी खुद कर सकेगा रिश्ते को खत्म
सहमति संबंध में आने के बाद एक माह के भीतर अगर पंजीकरण नहीं कराया तो कानून सजा देगा। समान नागरिक संहिता में इसके प्रावधान किए गए हैं। वहीं, सहमति संबंध के दोनों साथियों में से कोई भी इस रिश्ते को खत्म कर सकता है, जिसकी सूचना सब रजिस्ट्रार को देनी होगी। यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसके मुताबिक, सिर्फ एक वयस्क पुरुष व वयस्क महिला ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे। वे पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप या प्रोहिबिटेड डिग्रीस ऑफ रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए।
उत्तराखंड में 2010 के बाद हुई शादी तो कराना होगा पंजीकरण, वरना जुर्माना
देहरादून। अगर आपका विवाह 26 मार्च 2010 के बाद हुआ है, तो उसका पंजीकरण कराना होगा। पहले जो करा चुके हैं, उन्हें दोबारा पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। विधानसभा में पेश किए गए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बिल में यह प्रावधान है। खास बात ये भी है कि कानून लागू होने के छह माह के भीतर पंजीकरण न कराने वालों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।
पंजीकरण में गलत तथ्य देने वालों पर 25 हजार का जुर्माना लगेगा। यूसीसी में स्पष्ट किया गया कि विवाह करने वालों में से अगर स्त्री या पुरुष राज्य का निवासी होगा तो उसका पंजीकरण अनिवार्य होगा। 26 मार्च 2010 (उत्तराखंड अनिवार्य विवाह पंजीकरण एक्ट) तक के जो विवाह पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें यूसीसी लागू होने के बाद छह माह के भीतर पंजीकरण कराना होगा। जो पहले से पंजीकृत हैं, उन्हें कानून लागू होने के छह माह के भीतर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में घोषणा पेश करनी होगी।
गुलाब के हर रंग का होता है खास मतलब, देने से पहले भावनाओं के मुताबिक करें चयन
क्या आपको पता है कि पीला, नारंगी और गुलाबी गुलाब किसे देते हैं और इसका क्या मतलब होता है? आइए जानते हैं हर रंग के गुलाब का भावनात्मक अर्थ, ताकि सही व्यक्ति को दे सकें सही रंग का गुलाब।
मोहब्बत का महीना चल रहा है। इस महीने में यानी फरवरी में वैलेंटाइन डे मनाया जा सकता है। वहीं एक हफ्ते पहले से वैलेंटाइन सप्ताह की शुरुआत हो जाती है, जिसमें हर दिन खास होता है। पहले दिन यानी 7 फरवरी को रोड डे के रूप में मनाते हैं। गुलाब प्रेम का प्रतीक है। ऐसे में प्रेम सप्ताह बिना गुलाब अधूरा है। गुलाब प्यार के इजहार का प्यारा सा जरिया है। इसके अलावा भी गुलाब कई अन्य भावनाओं की अभिव्यक्ति करने में सक्षम है। अलग-अलग रंग के गुलाब देकर आप सामने वाले से अपने दिल की बात कह सकते हैं। बहुत से लोगों को पता होगा कि लाल रंग का गुलाब इजहार ए मोहब्बत का चिन्ह है। लेकिन क्या आपको पता है कि पीला, नारंगी और गुलाबी गुलाब किसे देते हैं और इसका क्या मतलब होता है? आइए जानते हैं हर रंग के गुलाब का भावनात्मक अर्थ, ताकि सही व्यक्ति को दे सकें सही रंग का गुलाब।
लाल गुलाब
लाल रंग प्यार का, सुहाग का प्रतीक होता है। शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए लाल रंग का जोड़ा, लाल रंग का सिंदूर और लाल चूड़ियां पहनती हैं। वहीं लाल रंग का गुलाब भी इसी तरह के प्यार को दर्शाता है। अगर आप अपने साथी को रोज डे पर गुलाब देना चाहते हैं तो लाल रंग सबसे उपयुक्त रहेगा। लाल रंग का फूल प्यार की गहराई को दर्शाएगा। वहीं अगर आप किसी से इजहार ए मुहब्बत करना चाहते हैं तो भी लाल रंग का फूल उन्हें तोहफे में दें।
गुलाबी गुलाब
पिंक गुलाब देखने में तो खूबसूरत लगता ही है, साथ ही इसके रंग का भी खास अर्थ होता है। पिंक गुलाब उन्हें दिया जा सकता है, जो आपके जीवन में खास हों। यह रंग प्यार व रिश्ते की गहराई का अहसास दिलाने या अहमियत को जाहिर करने का प्रतीक है। आप अपने बेस्ट फ्रेंड को पिंक गुलाब दे सकते हैं। धन्यवाद बोलना चाहते हैं तो भी पिंक रोज देकर अपना आभार व्यक्त करें।
पीला गुलाब
रोज डे पर पीले रंग का गुलाब भी दिया जा सकता है। पीला फूल दोस्ती का प्रतीक होता है। अगर आप किसी से दोस्ती करना चाहते हैं तो इस दिन का इंतजार करें। पीला गुलाब देकर उनसे दोस्ती करना चाहते हैं ये जाहिर कर दें। अगर साथी आपके गुलाब को मंजूर कर लेता है तो समझिए उसने आपकी दोस्ती को स्वीकार कर लिया यहां से दोस्ती की नई शुरुआत होती है। पीला गुलाब किसी रिश्ते की शुरुआत का भी प्रतीक है। दरअसल कोई भी रिश्ता मजबूत तब होता है, जब उसमें मैत्रीपूर्ण भावनाएं शामिल हों।
नारंगी गुलाब
नारंगी गुलाब आकर्षण का प्रतीक है। अगर आप किसी को पसंद करते हैं और उनके साथ अपने रिश्ते को दोस्ती से एक कदम आगे बढ़ाना चाहते हैं तो नारंगी रंग का गुलाब दें। इस रंग का गुलाब देकर आप सामने वाले को बता सकते हैं कि आप उन्हें पसंद करते हैं। उन्हें समझना चाहते हैं और आप दोनों के रिश्ते को अधिक वक्त देना चाहते हैं। किसी को इज्जत देने के लिए भी नारंगी गुलाब दिया जा सकता है।
संसद के वर्तमान बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया : प्रह्लाद जोशी
संसद के मौजूदा बजट सत्र की कार्यवाही को एक दिन के लिए बढ़ाकर शनिवार तक कर दिया गया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि संसद के वर्तमान बजट सत्र की कार्यवाही को एक दिन के लिए बढ़ाकर शनिवार तक कर दिया गया है।
खरगे ने अखिलेश यादव को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए भेजा निमंत्रण
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को 16 फरवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के उत्तर प्रदेश पहुंचने पर उसमें शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा। खरगे ने 16 फरवरी को चंदौली के सैयदराजा स्थित नेशनल इंटर कॉलेज में आयोजित होने वाली जनसभा में शामिल होने के लिए अखिलेश यादव को आमंत्रित किया है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया रिएक्ट, कहा- सत्य की जीत होगी
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि सत्य की जीत होगी। मोहाली में सीएम भगवंत मान ने कही ये बात।
हरदा में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में अब तक 8 लोगों के मौत की पुष्टि, बोले एमपी के मंत्री उदय प्रताप सिंह
हरदा में पटाखा फैक्ट्री में लगी आग पर मध्य प्रदेश के मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि अभी 8 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, SDRF की टीम मौके पर है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता दुर्घटना में प्रभावित लोगों की आवश्यक मदद करना है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
ED को लेकर बहुत बड़ा खुलासा करूंगी, AAP की मंत्री आतिशी का दावा
दिल्ली की शिक्षा मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा है कि वो आज ED को लेकर बहुत बड़ा खुलासा करेंगी। आतिशी ने सोमवार को ट्वीट कर ये बात कही। उन्होंने ट्विटर पर कहा, मैं कल ED से जुड़ा बहुत बड़ा खुलासा करूंगी।