*मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के चलते शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है*
किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने 2अक्टूबर को भोपाल के अंबेडकर मैदान में नियमितीकरण की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों पर रात 8 बजे अचानक लाइट बंद कर पुलिस द्वारा बेरहमी से डंडे टुटने तक की गई बर्बर लाठीचार्ज की कार्यवाही को अलोकतांत्रिक और क्रूरतापूर्ण कार्यवाही बताते हुए कहा कि शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करना, किसी भी नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। यह अधिकार किसी भी तरह से उनसे छीना नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा उन शिक्षकों को ज्यादा पीटा गया जिनके मोबाइल में पिटाई का विडियो रिकॉर्ड था। पुलिस द्वारा शिक्षकों से जबरन मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दिए गए।
उन्होंने कहा कि शिक्षक- शिक्षिकाओं को बेरहमी से पीटकर घायल करना प्रशासन की संवेदनहीनता दर्शाता है। सरकार एक ओर महिला सशक्तिकरण की बात करती है वहीं दूसरी ओर अधिकार मांगने पर क्रुर कार्यवाही करती है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी के मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षकों के वोट बटोरने के लिए शिक्षकों की पंचायत बुलाकर कई घोषणाएं की थी लेकिन जब घोषणाएं पूरी करने बात आई तो वही भाजपा की सरकार दमनात्मक कार्यवाही करती है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के चलते शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। प्रदेश के स्कूलों में करीब 70 हजार पद खाली हैं। 1275 स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक ही नहीं हैं। 6,858 स्कूल ऐसे हैं, जो केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। ऐसे में यहां किस गुणवत्ता की शिक्षा दी जा रही होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
निहत्थे अतिथि शिक्षकों पर लाठीचार्ज शर्मनाक एवं बर्बर : अजय खरे
रीवा 3 अक्टूबर। मध्य प्रदेश केअतिथि शिक्षकों को न्याय नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्य प्रदेश सरकार जबरा मारे रोवे ना दे अंदाज में दमनकारी नीति चला रही है। समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने कहा है कि बुधवार 2 अक्टूबर 2024 को प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर अतिथि शिक्षक संगठनों की ओर से रखे गए धरना कार्यक्रम में निहत्थे अतिथि शिक्षकों शिक्षिकाओं पर देर रात लाठी चार्ज होने से बहुत से लोग घायल हो गए हैं। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलनरत अतिथि शिक्षकों को अंबेडकर पार्क से हटाने के लिए शासन ने जो बर्बर हथकंडे अपनाए उससे लोकतंत्र कलंकित और शर्मसार हुआ है। सत्याग्रही अतिथि शिक्षकों को बेरहमी से पीट पीटकर अंबेडकर मैदान खाली कराया गया। श्री खरे ने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति और संगठन को अपनी बात रखने की आजादी है। सन 1975 के आपातकाल के ख़िलाफ़ अभी तक बोलने वाली डबल इंजन सरकार के लोगों के द्वारा पूरे देश में अघोषित आपातकाल का परिदृश्य बना दिया है।
नागरिक आजादी पर हमले तेज हो गए हैं। आंदोलन पर दबाव बनाने के लिए शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों पर झूठे अपराधिक मामले भी गढ़ लिए गए हैं। यह बात बेहद आपत्तिजनक है। श्री खरे ने कहा कि गत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर पूरे देश में शिक्षकों का सम्मान हुआ था और उन्हें मार्गदर्शक बताया गया था और इधर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा उनके साथ जो राक्षसी नंगा नाच किया गया उससे कथनी और करनी में बेहद फर्क नजर आ रहा है। यह भारी विडंबना है कि प्रदेश की जन विरोधी सरकार के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा दिवस पर निहत्थे अतिथि शिक्षकों के ऊपर हिंसा की गई ।
यह बात राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का उपहास उड़ाने के साथ प्रदेश सरकार के तानाशाही रवैए को प्रकट करती है। प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह इंदौलिया के द्वारा अतिथि शिक्षकों के बारे में यह कटाक्ष करना कि वह मेहमान हैं और मेहमान किसी के घर पर कब्जा नहीं कर सकता है, बहुत गैर जिम्मेदाराना बयान है। जिम्मेदार पद पर बैठकर इस तरह की बातें शोभा नहीं देती हैं। शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह इंदौलिया अवसरवादी राजनीति के जरिए वर्तमान पद पर बने हुए हैं। उन्होंने खुद दल बदल किया हैं। श्री खरे ने कहा कि अतिथि शिक्षक अनुभावशील एवं शिक्षक पद पर नियमतीकरण की पात्रता रखते हैं। प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के चलते लंबे समय से शिक्षकों के पद रिक्त बने हुए हैं।
पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक लंबे समय से अध्यापन का काम कर रहे हैं। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते अतिथि शिक्षकों का जीवन त्रिशंकु जैसा बना दिया गया है। अतिथि शिक्षकों की हालात बेहद खराब है। किसी देश को आगे ले जाने में शिक्षकों की अहम भूमिका हमेशा रही है। यदि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है तो आने वाली पीढ़ी को सही शिक्षा कैसे मिलेगी। श्री खरे ने कहा कि एक तरफ रीवा में 2 अक्टूबर को उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ आश्वासन का दिखावा किया गया तो दूसरी तरफ भोपाल में आंदोलन को दमन चक्र के जरिए खत्म करने का षड्यंत्र हो रहा था।
श्री खरे ने कहा कि दमन चक्र के चलते सत्य और अहिंसा के रास्ते चलने वाला आंदोलन खत्म नहीं होता बल्कि आगे चलकर विस्फोटक बन जाता है। श्री खरे ने बताया कि जलियांवाला कांड के बाद अंग्रेज भी निहत्थे आंदोलनकारियों पर हमला करने से बचते थे लेकिन यह भारी विडंबना है कि आजाद भारत में अपने अधिकारों की मांग करने वाले शिक्षकों को ही सरे आम पीटा जा रहा है। समता संपर्क अभियान नारी चेतना मंत्र विंध्याचल जन आंदोलन समाजवादी कार्यकर्ता समूह ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में अतिथि शिक्षकों के साथ हुए लाठी चार्ज की तीखी निंदा की है । उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिले इसके लिए जन जागरण किया जाएगा।