उत्तरप्रदेश के गैंगस्टर अतीक अहमद की हत्या करने के बाद अचानक से देशभर में चर्चित हुआ लवलेश तिवारी का मप्र कनेक्शन भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि वह भी बड़ा माफिया बनने की चाह रखता है। यही वजह है कि वह उत्तरप्रदेश में दाल न गलने की वजह से मप्र में अपनी सक्रियता दिखा रहा था। हालांकि अभी तक इस मामले में अटकलें ही लगाई जा रही हैं, हालांकि इस मामले में अभी तक कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आयी है , लेकिन फिर भी पुलिस द्वारा उसके मप्र के कनेक्शनों की पड़ताल की जा रही है। अब तक जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक वह मध्यप्रदेश के बालाघाट में लंबे समय तक सक्रिय रह चुका है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का रहने वाला लवलेश यहां शराब और रेत के कारोबारियों का करीबी रह चुका है। उसके पास खनन माफिया की ओर से डंपरों से रॉयल्टी वसूलने का जिम्मा था। इसकी वजह है उसका आपराधिक छवि का होना। इसके लिए वह बालाघाट में अपने आधा दर्जन साथियों के साथ आकर काम कर रहा था।
यह जानकारी सामने आने के बाद से ही पुलिस द्वारा लवलेश के प्रदेश में रह कर काम करने की पुख्ता जानकारी जुटाई जा रही है। बताया जा रहा है कि उसकी मंशा मप्र में एक बड़े रेत व शराब माफिया बनने की थी। अब तक जो जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक बालाघाट में एक शराब कारोबारी ने लवलेश और उसके साथियों को किराए के मकान में ठहराया था उस दौरान उसने फेसबुक पोस्ट पर खुद को खदान माफिया का करीबी बताया था। अतीक की हत्या के बाद अब बालाघाट पुलिस और रेत कारोबारी दोनों उससे संपर्क होने से इनकार कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश पुलिस के एक आला अफसर ने स्वीकार किया कि लवलेश के यहां होने की जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है।
यह भी देखा जा रहा है कि उसके यहां खदान कारोबारियों से कैसे रिश्ते रहे हैं। अधिकारी ने यह भी माना कि फौरी तौर पर इसका अपराध से भले लेना-देना नहीं हो, लेकिन क्रिमिनल ट्रैकिंग के लिए ऐसे कनेक्शन पता किए जा रहे हैं। अतीक और अशरफ की उत्तरप्रदेश में हत्या के बाद लवलेश को लेकर मध्यप्रदेश में भी राजनीति हो रही है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि उसके गृहमंत्री से संबंध हैं। जवाब में नरोत्तम ने सिंह पर कई आरोप लगाए और लवलेश से रिश्ते होने से इनकार किया है। जानकारी के अनुसार खुद पर दर्ज मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए वह अपने 5-6 दोस्तों के साथ अप्रैल 2021 में मध्यप्रदेश के बालाघाट आ गया था। बालाघाट पुलिस का कहना है कि लवलेश यहां कब आया और उसने क्या किया, इसकी कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं है।
कई फेसबुक आईडी बना रखी हैं लवलेश ने
उसने अपनी फेसबुक आईडी महाराज लवलेश तिवारी (चुचु) नाम से बनाई और रेत खदानों से जुड़ी कुछ पोस्ट भी की। इन पोस्ट्स में वह खुद को रेत माफिया बताता था। इसी नाम से उसकी एक नहीं, तीन से चार आईडी हैं। एक आईडी प्राइवेसी सेटिंग के तहत ब्लॉक है। यहां आने के साथ वह रेत माफिया से जुड़ गया था। उसने एक फेसबुक पोस्ट में हैशटैग खदान माफिया एमपी लगाकर पोस्ट भी की है। महाराज लवलेश तिवारी (चूचू) के नाम से बनी फेसबुक आइडी उसके विचारों को बयां करती है। जय दादा परशुराम, जय लंकेश, हम शास्त्र वाले ब्राह्मण नहीं, शस्त्र वाले ब्राह्मण हैं लिखने वाले लवलेश ने कई ऐसी पोस्ट की हैं, जिसमें उसने खुद को डॉन कहा है।
संकटमोचन हनुमान का भक्त है लवलेश
लवलेश की मां आशा देवी के मुताबिक उसके तीसरे नंबर के बेटे लवलेश के दिमाग में यह सब कैसे आ गया? वो हमेशा मंदिर जाता था। दूसरों की बहुत मदद करता था। वह भगवान का बहुत बड़ा भक्त था। भक्त मंडली में गाने- बजाने का काम करता था। वो संकटमोचन का बड़ा भक्त था, बिना दर्शन किए चाय भी नहीं पीता था। लवलेश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीए में प्रवेश लिया था। लवलेश ने दो साल पहले एक लडक़ी को बीच चौराहे पर थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद उसके खिलाफ मामला चला और वो जेल भी गया। उसी के बाद वह अपराध की दुनिया में चला गया। नशे का आदी लवलेश तिवारी निडर था, जरा सी बात पर किसी को भी चुनौती दे देता था। इलाके में 50 से ज्यादा युवकों को साथ लेकर चलने वाले लवलेश ने कई लोगों को दहशत में रखा था। दौलत, शोहरत और चारों तरफ अपने नाम का डंका बजाने की सनक में वह खुद को स्वयंभू डान कहलाना पसंद करता था।
इस तरह की भी पोस्ट…
खुद का भौकाल और आतंक न सहने की बात लिखने वाले लवलेश के जन्मदिन पर एक पोस्ट की गई, इसमें लिखा गया कि भाई लवलेश तिवारी बांदा शहर के डान माफिया को जन्मदिन की बहुत बधाई, दूसरी पोस्ट थोड़े टेढ़े रहोगे तो चलते रहोगे, पूरे सीधे हुए तो बात खत्म के साथ उसने अपने बड़े भाई रोहित की फोटो के साथ शेयर करते हुए उनको योगी रोहित नाथजी के नाम से संबोधित किया। उसके दोस्तों की मानें तो वह एक जनप्रतिनिधि से जुड़ा था, बाद में एक मामले में उनसे उसकी खुन्नस हो गई थी। उसने उन्हें चुनौती भी दे दी थी। वह ब्राह्मण होने की बात कहकर अपनी पैठ जमा रहा था।
एक बार राज आया तो हर खदान से मिलेगा हिस्सा
नशे में वह अपने दोस्तों से कहता था कि बहुत जल्द उसका राज आएगा और वह करोड़ों में खेलेगा। उसे अपनी आंखों के सामने करोड़ों की गड्डियां दिखाई देती हैं। उसका नाम होगा और हर खदान वाला 10 प्रतिशत हिस्सा देगा। लवलेश ने युवा वर्ग में अपनी पैठ बना ली थी और उसके एक फोन पर 50 से ज्यादा लडक़े जुट जाते थे। जाति से जुड़े किसी युवक को कोई परेशानी या विवाद होता था तो वह लवलेश महाराज को फोन करता था और मदद पाता था।