भोपाल: मान्यता है कि तंत्र-मंत्र में बहुत शक्ति होती है। अगर सही प्रयोजन के लिए इनका प्रयोग किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है। विभिन्न धर्मों के ग्रंथों में भले इन बातों का जिक्र हो, लेकिन विज्ञान इन बातों को सिरे से खारिज करता है। इसके बाद भी जनता पर राज करने वाले नेता तंत्र-मंत्र का खूब सहारा लेते देखे जाते हैं। खासकर चुनाव के वक्त यह क्रियाएं बढ़ने लगती हैं। मान्यता है कि राजनेता विजय अनुष्ठान करवाते हैं, जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हो जाती है।
पिछले दिनों कांग्रेस नेता कमल नाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए की जा रही तंत्र साधना की खबर सामने आते ही राजनीतिक हल्कों में वाद-विवाद छिड़ गया है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि लोकतंत्र में साधना और उपासना करना है तो जनता की करें। लोकतंत्र में साधना और उपासना अगर किसी की होती है तो जनता की होती है। आखिर तंत्र मंत्र से चुनाव कैसे जीते जाते हैं? यहां हम आपको पूरी बात बता रहे हैं।
उज्जैन में क्यों होती है तंत्र साधना
दरअसल, देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर है, जहां पर पश्चिमी शिवलिंग महाकाल स्वयंभू विराजमान हैं। मंदिर के पीछे मां हरसिद्धि विराजित हैं। महाकाल मंदिर के पीछे मां शिप्रा मोक्षदायिनी नदी है। नदी के पास ही श्मशान भूमि भी तंत्र-मंत्र के लिए जानी जाती है। नवरात्रि के पर्व पर बाहर से तांत्रिक आकर यहां तंत्र क्रिया करते हैं। तांत्रिक दावा करते हैं कि नवरात्रि में तंत्र क्रिया की जाए तो सफलता हासिल होती है।
पूरे वर्ष भर चलती हैं क्रियाएं
बताया जाता है कि उज्जैन के श्मशान में सालभर इस प्रकार की तांत्रिक क्रियाएं चलती रहती हैं। नवरात्रि के दौरान यहां तांत्रिक देर तक साधना करते हैं। चुनाव के समय विजय अनुष्ठान की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। उज्जैन में बगलामुखी, भैरवी, भैरव, पुतली साधना के साथ विजय अनुष्ठान किया जाता है, जिसकी पूरे देश में ख्याति है।
मां बगलामुखी मंदिर में भी होती हैं तंत्र क्रियाएं
प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महा विद्याओं के उल्लेख में मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा का पीतांबरा सिद्ध पीठ मां बगलामुखी मंदिर का जिक्र भी है। मान्यता के अनुसार बगुलामुखी का यह मंदिर महाभारत के समय का है। इस मंदिर में माता बगलामुखी के अतिरिक्त माता लक्ष्मी, कृष्ण, हनुमान, भैरव तथा सरस्वती भी विराजमान हैं। मान्यता यह भी है कि यहां की बगुलामुखी प्रतिमा स्वयंभू है। मंदिर के चारों तरफ श्मशान और समीप ही नदी के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। बगुलामुखी माता मूलत: तंत्र की देवी हैं, इसलिए यहां पर तांत्रिक अनुष्ठान किये जाते हैं।
देश के टॉप तंत्र-मंत्र का स्थान है मध्य प्रदेश
तांत्रिक अनुष्ठानों का जब जिक्र होता है तो मध्य प्रदेश के उज्जैन का काल भैरव मंदिर, बगलामुखी मंदिर आगर मालवा, मध्य प्रदेश का खजुराहो मंदिर, असम का कामाख्या मंदिर, कोलकाता का कालीघाट मंदिर,राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का नाम प्रमुखता से आता है।
कमलनाथ के लिए कहां हो रहा अनुष्ठान
विभिन्न रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उज्जैन के श्मशान घाट में रात के सन्नाटे में नवरात्रि के पर्व के मौके पर एक विजय अनुष्ठान किया जा रहा है। यह अनुष्ठान मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने और कमल नाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए किया जा रहा है। अनुष्ठान में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का फोटो सामने रखा गया है। इस अनुष्ठान में उज्जैन जिले के सातों विधानसभा सीटों में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत के लिए कामना की जा रही है।
हम वोट मांगने जा रहे, तुम तंत्र-मंत्र करो
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को इस क्रिया पर हमला बोला। उन्होंने कहा है कि हमने जनता के लिए काम किया है इसलिए जनता से वोट मांगने जा रहे हैं। श्मशान घाट में पूजा करने वाले बताएं कि इससे प्रदेश की जनता का कैसे भला होगा। आश्चर्य होता है कि तांत्रिक क्रियाएं करा रहे है। इसका मतलब अपने ऊपर भरोसा ही नहीं है।
किसके कहने पर 6 तांत्रिक श्मशान घाट में कर रहे चार-चार घंटे का अनुष्ठान?
कमलनाथ की तस्वीर, शराब की बोतल, नींबू और पुतलियां… इन सारी चीजों को एक साथ रखकर श्मशान घाट में छह तांत्रिक अनुष्ठान में लगे हैं। यह अनुष्ठान मां बगलामुखी भैरवी और भैरवनाथ के सामने चल रहा है। बाहर से आए तांत्रिक शाबर मंत्र पढ़ रहे हैं। रात नौ बजे के बाद चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर हर दिन ऐसा ही नजारा दिखता है। एक-दो नहीं, कुल छह तांत्रिक यह काम कर रहे हैं। ये सब कुछ कमलनाथ को सीएम बनाने के लिए हो रहा है। हालांकि ये तांत्रिक किसके कहने पर ऐसा कर रहे हैं, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
श्मशान घाट में तंत्र मंत्र
मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को वोटिंग है। पार्टियां अब सत्ता में आने के लिए हर हथकंडे अपना रही है। वोटरों के साथ-साथ तंत्र क्रिया पर भी नेताओं को भरोसा है। इसके लिए उज्जैन में सबसे उपयुक्त चक्रतीर्थ श्मशान घाट है। यहां रात में तांत्रिकों का जमावड़ा लगने लगा है। नवरात्रि का समय इसके लिए सबसे अहम माना जाता है। यही कारण है कि रात होते ही चक्रतीर्थ श्मशान घाट का नजारा ही बदल जाता है। यहां कुछ तांत्रिक शक्तियों की प्राप्ति के लिए तंत्र साधना कर रहे हैं। वहीं, कुछ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के लिए तंत्र क्रिया कर रहे हैं।
विजय अनुष्ठान है यह
चक्रतीर्थ पर तंत्र साधना कर रहे भय्यू महाराज ने बताया कि कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए यह तंत्र साधना की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक प्रकार का विजय अनुष्ठान है। यह अनुष्ठान अन्य अनुष्ठान की बजाए कुछ अलग है क्योंकि इसमें 6 तांत्रिक रात के सन्नाटे में शाबर मंत्र का उच्चारण कर नींबू, शराब, पुतलियां और धधकती चिताओं के बीच कमलनाथ की फोटो के सामने यह तंत्र साधना कर रहे हैं।
चर्चाओ में है यह तंत्र साधना
चक्रतीर्थ पर की जा रही इस तंत्र साधना को लेकर शहर भर में चर्चाओं का दौर है। कुछ लोग इस तंत्र साधना को धार्मिक अनुष्ठान बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे केवल अंधविश्वास मान रहे हैं। हालांकि धार्मिक नगरी उज्जैन में कोई पहली बार इस तरह की तंत्र साधना नहीं हो रही है। इसके पूर्व भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर इस प्रकार की तंत्र क्रियाएं होती रही है। तंत्र साधक बताते हैं कि इस प्रकार की साधना के लिए चक्रतीर्थ एक उपयुक्त स्थान है। यहां की जाने वाली तंत्र साधना कभी भी विफल नहीं होती है।
कमलनाथ के लिए यह साधना
यहां तांत्रिक कमलनाथ को सीएम बनाने के लिए हर दिन चार घंटे का समय व्यतीत करते हैं। रात नौ बजे यहां तांत्रिक क्रिया शुरू होती हो जो रात में एक बजे तक चलती है। अनुष्ठान में जुटे सभी तांत्रिकों के सामने कमलनाथ की तस्वीर है। इससे पहले लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह को जीताने के लिए भोपाल में मिर्ची यज्ञ किया गया था। इसके बावजूद दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए थे।
शिवराज ने कसा तंज
वहीं, तंत्र क्रियाओं को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश को तबाह और बर्बाद करने वाले अब श्मशान घाटों में जाकर बैठ रहे हैं। गौरतलब है कि एमपी में राज नेता तंत्र क्रियाओं पर खूब विश्वास करते हैं। ऐसी तस्वीरें पहले भी अन्य नेताओं के लिए आ चुकी हैं।