डॉ. नेहा
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1991 में दुनिया भर में दिल की बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या 12 मिलियन यानी 1 करोड़ 20 लाख थी। लेकिन 2021 में ये संख्या बढ़कर 2 करोड़ से भी ज्यादा हो गई। ये आंकड़ा केवल एक साल का है।
रिपोर्ट के अलावा भी हम खबरों में रोज देखकर महसूस कर सकते हैं कि दिल की बीमारियों के खतरे हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या भी बढ़ी है जिन्हें दिल की कोई बीमारी नहीं थी लेकिन उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई।
सवाल है कि हम कैसे जानें कि हमारे दिल में कोई समस्या है या नहीं, कैसे जानें कि हमारा दिल स्वस्थ है और ठीक से काम कर रहा है?
WHO कहता है कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह लोगों की अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। हार्ट की बीमारियों से होने वाली मौतें कई आदतों को कंट्रोल करके रोकी जा सकती थीं। इस संस्था का कहना है कि तंबाकू का इस्तेमाल, ज्यादा शराब पीना, प्रदूषण का बढ़ा स्तर, मोटापा और अनहेल्दी डाइट – ये सब बड़े कारण हैं जिसकी वजह से लगातार हार्ट अटैक के खतरे बढ़े हैं।
इसके अलावा, लोगों का शारीरिक तौर पर शिथिल रहना, व्यायाम को आदतों में शामिल ना करना भी एक कारण है जिसकी वजह से हमारे हार्ट को खतरे बढ़े हैं।
*कैसे जानें कि आपका दिल स्वस्थ है?*
दिल स्वस्थ है या नहीं, ये हम अपने ही शरीर में होने वाली बाकी समस्याओं के लक्षण से समझ सकते हैं। जैसे –
*1.नॉर्मल ब्लड प्रेशर :*
नॉर्मल ब्लडप्रेशर रहना दिल के स्वस्थ रहने का सबसे बड़ा संकेत है। अगर आपका ब्लडप्रेशर नॉर्मल यानी 120/80 mmHg है तो इसका मतलब है कि आपका दिल बेहतर हालत में है। ऐसा इसलिए कि हाई ब्लडप्रेशर दिल पर प्रेशर बनाता है जिससे हार्ट की बीमारियाँ हो सकती हैं।
कई बार हाई ब्लडप्रेशर के नतीजे हार्ट अटैक में भी बदल सकते हैं। बढ़ती उम्र के साथ नियमित तौर पर ब्लडप्रेशर की जांच कराना और जरूरी हो जाता है ताकि आप दिल के खतरों से बचे रह सकें।
*2.सामान्य धड़कन :*
एक स्वस्थ इंसान का दिल आम तौर पर एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है। अगर आपकी धड़कने इस गति से ही चल रही हैं तो ये आपके दिल के सही से काम करने के ही लक्षण हैं। लेकिन अगर दिल के धड़कने की गति इससे ज्यादा या कम है तो आपकी समस्या बढ़ सकती है।
*3.अगर थकान से दूर हैं :*
हार्ट के पेशेंट्स में ये लक्षण देखे जाते हैं कि वो बहुत जल्दी थक जाते हैं। ऐसा नॉर्मल हरकतों के दौरान भी हो सकता है। जैसे – चलना, सीढ़ी चढ़ने के बाद या फिर हल्के फुल्के व्यायाम के बाद। लेकिन अगर आप इन हल्की फुल्की गतिविधियों के बाद थकान जैसा कुछ महसूस नहीं करते तो ये भी आपके दिल के ठीक ढंग से काम करते रहने का लक्षण है।
*4.बीएमआई के अनुसार वजन :*
वजन का सामान्य होना भी दिल के स्वस्थ होने का लक्षण हो सकता है। जॉन हॉपकिंस मेडिसिन नाम की एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है तो आपको हार्ट की समस्याओं का खतरा ज्यादा हो सकता है।
महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ ये खतरा और बढ़ सकता है। तो अगर आपका वजन कंट्रोल में है और स्वस्थ खाना और व्यायाम आपकी दिनचर्या में शामिल है तो आपका दिल स्वस्थ रहेगा।
*5.नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल लेवल :*
हमारे शरीर में अच्छे और बुरे, दोनों तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं. तो अगर आपके शरीर में LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम और HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) का स्तर ज्यादा है तो इसका मतलब है कि आपका दिल स्वस्थ है। लेकिन स्थिति इसके ठीक उलट है तो आपको हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो सकती है जिससे दिल की बीमारियों के खतरे हो सकते हैं।
*6.सांस की तकलीफ न होना :*
एक अगर आपको सांस की तकलीफ नहीं है या कोई काम करते वक्त आपको सांस लेने में दिक्कत नहीं महसूस होती तो इसका मतलब यह है कि आपका दिल पूरी तरह से स्वस्थ है। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर आपको सांस लेने में किसी भी तरह की समस्या है तो ये आपके दिल को होने वाले खतरों के लक्षण है। ऐसी सूरत में दिल की बीमारियों के खतरे हो सकते हैं। कई बार ये खतरा दिल के दौरे तक भी जा सकता है।
*7. चिंता और तनाव का कम होना :*
यूएस सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एण्ड प्रीवेंशन नाम की एक संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मानसिक समस्याएं जैसे तनाव, डिप्रेशन या एन्जाइटी आपके दिल में खून के बहाव पर असर डाल सकते हैं।
इससे हार्ट अटैक जैसा खतरा भी हो सकता है। तो अगर आप मानसिक तौर पर स्वस्थ हैं और तनाव, घबराहट या अवसाद जैसी समस्याओं से दूर हैं तो आपका दिल सही स्थिति में और स्वस्थ रहेगा।
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