अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

रणथंभौर की तरह इंदौर में भी त्रिनेत्रधारी गणेशजी का 500 वर्ष पुराना मंदिर

Share

इंदौर

रणथंभौर (राजस्थान) के प्रसिद्ध त्रिनेत्रधारी गणेशजी के मंदिर की तरह ही इंदौर के सीतलामाता बाजार में प्राचीन मंदिर है। यहां भी गणेशजी त्रिनेत्रधारी हैं। खास बात यह है कि यहां दायीं सूंड के सिद्धि विनायक स्वरूप में गणेशजी शेषनाग पर विराजमान हैं। उनके पास रिद्धि-सिद्धि और लाभ-शुभ की प्रतिमा के साथ शिव-पार्वती भी हैं। भगवान के बायीं तरफ नीचे की ओर हनुमानजी भी हैं।

पुजारी पं. नारायण प्रभुदयाल शर्मा कहते हैं मंदिर करीब 500 वर्ष प्राचीन है। यह काले पाषाण की मूर्ति है। स्थापना के बाद से ही इस पर सिंदूर चढ़ता आ रहा है। हर बुधवार, चतुर्थी, तीज-त्योहार और पर्व विशेष पर घी-सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि यहां पांच बुधवार दर्शन-पूजन करने वालों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

औरंगजेब से बचाने के लिए कुएं में छिपाई थी, परिक्रमा में अष्ट विनायक के दर्शन

पुजारी कहते हैं यह मूर्ति सीतलामाता बाजार में मंदिर के सामने स्थित कुएं से निकाली गई थी। उस समय घासीराम मुछाला (शर्मा) को स्वप्न आया था। औरंगजेब जब देशभर के मंदिरों को तोड़ रहा था, तब मूर्ति िफर उसी कुएं में रख दी गई थी। बाद में पुन: स्थापना की गई। रिद्धि, सिद्धि के बाद 1998 में शुभ-लाभ की मूर्ति स्थापित की गई। मंदिर में परिक्रमा मार्ग पर सिद्धि विनायक सहित अष्ट विनायक के दर्शन भी भक्तों को होते हैं।

गणेश चतुर्थी पर चोला, फूल बंगला सजेगा

गणेश चतुर्थी के लिए मंदिर में खास व्यवस्थाएं की गईं। भगवान का सुबह अभिषेक-पूजन के बाद चोला चढ़ाया जाएगा। फूल बंगला सजेगा। विशेष रोशनी भी की गई है। नासिक के कलाकार दोपहर में प्रस्तुतियां देंगे। अथर्वशीर्ष पाठ और अर्चन किया जाएगा।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें