इंदौर
जिले में नई शराब पॉलिसी से कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल है। सरकार ने पॉलिसी में सिर्फ यह कहा कि हम दुकानें नई नहीं बढ़ाएंगे, जितने लाइसेंस हैं, उतनी ही दुकानें देंगे। लेकिन एक निर्णय यह कि अब देशी पर विदेशी और विदेशी पर देशी शराब भी मिलेगी, इससे जिले में 30 नए स्थानों पर दुकानें खुल गई हैं। प्रदेश में जो विदेशी शराब पिछले साल तक सिर्फ 1061 दुकानों पर मिलती थी, नई नीति के बाद अब 3605 दुकानों पर मिलेगी। देशी शराब जो सिर्फ 2544 दुकानों पर मिलती थी, अब 3605 दुकानों पर मिलेगी।
गांधी नगर रोड पर अब धर्मस्थल के सामने दुकान, रहवासी नाराज
गांधी नगर मेन रोड पर पहले एक ही जगह दोनों दुकानें थीं। अब नई पॉलिसी में एक दुकान तो वहीं है, लेकिन दूसरी दुकान खुल गई है दिलीप नगर में। यहां मलयगिरि जैन तीर्थ और पीछे बिजासन मंदिर है। रहवासियों का कहना है कि यह दुकान नैनोद तरफ खुलना थी, लेकिन खुल गई मेन रोड पर। इसी कारण यहां भी पिछले दिनों विरोध हुआ।
रावजी बाजार- कलाली मोहल्ला अब गली नंबर-3 कहलाएगा, दुकान हटी तो रहवासियों ने आतिशबाजी की
रावजी बाजार गली नंबर-3। शहर इसे कलाली मोहल्ला के नाम से जानता है। कारण यह कि यहां 70 साल से देशी शराब की दुकान (कलाली) थी। पूर्व पार्षद जगदीश धनेरिया के मुताबिक सालों बाद शासन की नीति के चलते यहां से दुकान शिफ्ट होकर दूसरी जगह चली गई। रहवासी मनदीप वर्मा, परमेश्वर राठौर, विपिन राठौर, राहुल गोहर, गोलू वर्मा का कहना है सालों से संघर्ष कर रहे थे। जब दुकान हटी तो पूरे मोहल्ले ने दिवाली मनाई, दीप जलाए और आतिशबाजी की।
तीन इमली ब्रिज- ब्रिज के सामने दुकान खोल ली, यहां नेमावर जाने वाली बसें रुकती हैं, यात्रियों को होती है परेशानी
ब्रिज से कुछ दूरी पर एक ही दुकान थी, वह भी रॉन्ग साइड पर। नई पॉलिसी में मूसाखेड़ी क्षेत्र की सीमा यहां तक आ गई। इसलिए दूसरे ठेकेदार ने ब्रिज के ठीक सामने दुकान खोल ली। यहां नेमावर जाने वाली बसें रुकती हैं और यात्री चढ़ते-उतरते हैं। यात्री जिस पेड़ के नीचे रुकते हैं, अब वहां से शराबी निकलते हैं। ठेकेदार आमने-सामने दुकानें होने से वैसे ही परेशान हैं, लेकिन उनसे ज्यादा परेशानी यात्रियों की है। एक ठेकेदार ने 25 करोड़ तो दूसरे ने 20 करोड़ में ठेका लिया है।
सीधी बात- राजनारायण सोनी, सहायक आबकारी आयुक्त
लोकेशन बढ़ी, लाइसेंस की संख्या 173 ही है
जिले में अब तक कितनी दुकानें बढ़ गई हैं?
– दुकानें नहीं, लोकेशन बढ़ गई है। अब देशी वाला विदेशी शराब भी बेच सकता है। पास-पास दुकान खोलेंगे तो एक ही दुकान हो जाएगी। इसलिए उसकी लोकेशन बदली तो वह नई लग रही है, लेकिन लाइसेंस की संख्या जिले में 173 ही है।
पालदा में आमने-सामने दो दुकानें खुल गई हैं। एयरपोर्ट रोड पर भी यही स्थिति है?
– एक बार टीम भेजकर जांच करवा लेता हूं। मुख्य बस स्टैंड पर यदि ज्यादा परेशानी हाेगी तो उस पर भी विचार करेंगे। अग्रवाल पब्लिक स्कूल के सामने से तो पहले ही हट चुकी है।