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साहित्यकार प्रदीप कुमार अग्रवाल ने अपनी ‘अक्षर मनका’ पुस्तक को शिक्षाविद्डा. सुनीता गांधी को सादर भेंट की

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लखनऊ । श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल, पूर्व सचिव, उत्तर प्रदेश शासन तथा प्रसिद्ध साहित्यकार ने आज बच्चों के लिए अत्यन्त ही रोचक तथा अनूठी ‘अक्षर मनका’ अपनी पुस्तक को डा. सुनीता गांधी, विश्वविख्यात शिक्षाविद् तथा ‘देवी संस्थान’ की संस्थापिका को उनके लखनऊ स्थित आवास में जाकर सादर भेंट की।  ग्लोबल क्लासरूम प्राइवेट लिमिटेड (जीसीपीएल) और ग्लोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इन्स्टीटयूट की संस्थापिका डा. सुनीता गाँधी द्वारा सामाजिक संस्था देवी संस्थान का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा हैं। डा. सुनीता गांधी के द्वारा साक्षरता मिशन ‘ग्लोबल ड्रीमशाला’ की शुरूआत की गई, जिसका उद्देश्य वैश्विक साक्षरता मिशन अभियान को उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में फैलाना है। डा. सुनीता गांधी लखनऊ के विश्वविख्यात सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डा. जगदीश गांधी तथा डा. भारती गांधी की बड़ी बेटी हैं।  विदित हो कि ‘ग्लोबल ड्रीमशाला’ अपनी तरह का पहला साक्षरता कार्यक्रम है जो ग्लोबल ड्रीम टूलकिट का उपयोग करके साक्षर बनाता है और जो शिक्षण का एक विशाल और वैकल्पिक तरीका है। इसका उद्देश्य स्कूल न जा पाने वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है, साथ ही, वयस्कों को साक्षर बनाना भी इसका उद्देश्य है। श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल ने डा. सुनीता गांधी के शैक्षिक तथा सामाजिक संस्था से जुड़कर साक्षरता अभियान को जन-जन पहुंचाने का संकल्प लिया।  उल्लेखनीय है कि डा. अग्रवाल की अक्षर मनका पुस्तक हिंदी वर्णमाला के अक्षरों पर क्रमवार भावगीत लिखने का बाल-शिक्षा में यह प्रथम प्रयास है। पाठयपुस्तक में ही प्रदत्त चित्रों पर चुन-मुन-धुनें तैयार कर बच्चों को खेल-खेल मे अक्षरों से परिचय कराने का रचयिता का मुख्य उद्देश्य है। नयी शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप  गुणवत्तापरक शिक्षा की ओर यह एक सृजनात्मक प्रयास है। लेखक अपने इस प्रयास में कितना सफल हुआ है, ये आपके हाथों है या कल की भावी पीढी ही बता सकेगी। यह उन बच्चों के लिए विशेष महत्वपूर्ण है जिनके माता पिता निरक्षर हो तथा उन बच्चों को कोई अन्य सहायता या शंका-समाधान करने वाला भी घर पर उपलब्ध न हो पाता हो। पुस्तक के अंत में दस तक की संख्याओं पर भी अंग्रेजी भाषा में राइमें एवं उसका हिंदी में लिप्यांतर भी उपलब्ध है जिससे ग्रामीण बच्चों को भी नगरीय या अन्य आंचलिक बच्चों के साथ अपनी योग्यता सिद्ध करने का समान अधिकार प्राप्त हो पाये।   अक्षर मनका पुस्तक के लेखक श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल का जन्म 17 अक्टूबर 1953 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। प्रयागराज विश्वविद्यालय  से प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में परास्नातक की उपाधि लेकर उ. प्र. सिविल सेवा में सन् 1977 में चयनित होकर उत्तरांचल एवं उत्तर प्रदेश के विभिन्न प्रशासनिक पदों पर तैनात रहे। आप सचिव, उ. प्र. शासन के पद से 2013 में  सेवानिवृत्त हो लखनऊ नगर में बाल-साहित्य के क्षेत्र में अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं। आप ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ को आत्मसात कर हिंदी  साहित्यसेवा के कार्य में जुटे हैं। आप द्वारा कई शैक्षिक बालनाट्कों का भी सृजन किया गया जो विद्यालयों में मंचित हो तथा सराहे गये। डा. अग्रवाल एक अंग्रेजी के सफल अनुवादक भी हैं। अब तक आप द्वारा योरोपियन संघ के सभी देशों, खाड़ी के देशों, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर ,वियतनाम, कम्बोडिया, स्वर्णभूमि आदि राष्ट्रों में योग एवं हिंदी के संवर्धन हेतु सद्भावना यात्राएं की गई जहां आपको कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान से विभूषित किया गया। डा. अग्रवाल आयुष मंत्रालय, भारत सरकार से मान्यता-प्राप्त उच्चस्तरीय योग प्रशिक्षक भी हैं। आपको उ. प्र. शासन ने शिक्षा के अधिकार हेतु गठित उच्च स्तरीय मार्गदर्शक समिति का सरकारी सदस्य भी नामित किया गया था। डा. अग्रवाल का वाट्सअप नम्बर 77069 91387 है। 

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