नन्ही नन्ही गुड़ियां आई
चाँद सितारे साथ है लाई।
दो चोटियां बनाकर आई
देखकर उसको
सबके चेहरा पर
मुस्कुराहट आई।
लाल-लाल गालों से मुस्कुराती
दूध जैसे दांत
सबको दिखाती
नन्हें नन्हें हाथों से क ख ग
लिख कर आई,
लिखवाट उसकी
सबको पसंद आई।
गोल गोल गालों को मटकाती
खुद को परियों की
रानी कहलाती।
डॉ.राजीव डोगरा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश (युवा कवि लेखक)
(हिंदी अध्यापक)
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कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
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