डॉ. विकास मानव
लीवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है. यह ब्लड को फ़िल्टर करता है. आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देता है. शरीर में महत्वपूर्ण प्रोटीन को संश्लेषित करता है.
आज कल लोगों के जीवनशैली में कई बदलाव आए हैं, और आहार संबंधी आदतें इस हद तक बदल चुकी हैं, की ये लीवर स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही हैं। दुनिया भर में हर साल लगभग दो मिलियन लोग लीवर की बीमारियों से मरते हैं। इसका मतलब है कि यह दुनिया भर में जानलेवा बीमारी के रूप में 11वें स्थान पर है, और वैश्विक मृत्यु दर का 4% हिस्सा है।
यह एक डरावना आंकड़ा है, जिसे ध्यान में रखते हुए लीवर के कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए व्यक्ति क्या खाता है, इस पर सतर्क रहना बेहद महत्वपूर्ण है।
*मेमोरी लॉस का जोखिम भी बढ़ाता है खराब लिवर :*
जीवन के हर चरण में हमारा मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरी है. लीवर इस काम में भी माहिर है. एक अस्वस्थ लीवर आपके लिए मेंटल हेल्थ से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है।
लीवर का स्वास्थ्य इसके जाने-माने डिटॉक्सिफाइंग कार्यों से परे है, यह मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लीवर टॉक्सिक पदार्थों को मेटाबोलाइज करता है, हार्मोन को नियंत्रित करता है और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखता है, जो मस्तिष्क के इष्टतम कार्य के लिए आवश्यक होते हैं।
यदि आपका लिवर अस्वस्थ है, तो टॉक्सिक पदार्थ ब्लूडस्ट्रीम में जमा हो सकते हैं, जिससे यादाश्त, एकाग्रता और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक क्षमताएं खराब हो सकती हैं।
इसके अतिरिक्त, लीवर न्यूरोट्रांसमीटर के सिंथेसिस और रेगुलेशन को प्रभावित करता है, जो मूड और भावनात्मक स्थिरता के लिए आवश्यक हैं। लिवर डिस्फंक्शन से उत्पन्न होने वाली हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी जैसी स्थितियां भ्रम, मूड में उतार-चढ़ाव और अवसाद का कारण बनती हैं, जो बताता है कि लीवर आपके मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है।
*1. संतुलित आहार लें :*
स्वस्थ लीवर को बनाए रखने के लिए पौष्टिक खाने की आदतें कितनी महत्वपूर्ण हैं। आपको अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज के साथ-साथ हेल्दी फैट और लीन प्रोटीन भी शामिल करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ लीवर को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करते हैं.
पालक, ब्रोकोली और गोभी जैसी कुछ हरी सब्ज़ियों में एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स होते हैं। ये कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो आपके लीवर को क्लीन करने में मदद करेंगे।
उदाहरण के लिए, सेलेनियम और एलिसिन से भरपूर लहसुन शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए लीवर एंजाइम को उत्तेजित करती हैं। लहसुन में कुछ सक्रिय रसायन इसे एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि के साथ-साथ एंटीहाइपरलिपिडेमिक और एंटीप्लेटलेट गतिविधि प्रदान करते हैं।
चुकंदर में बीटालेन-एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो लीवर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करते हैं। जबकि ब्लूबेरी और क्रैनबेरी में एंथोसायनिन होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम के स्तर को बढ़ाता है और इस प्रकार लिवर संबंधी दिक्कतों को रोकता है।
*2. शराब से बचें :*
अत्यधिक शराब न पिएं, शराब की लत से फैटी लीवर, हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं। आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि लीवर की जटिलताओं से बचने के लिए व्यक्ति को कम मात्रा में शराब लेनी चाहिए। हालांकि, जो लोग शराब पीना पसंद करते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे संयम से लें, यानी महिलाओं के लिए एक गिलास वाइन और पुरुषों के लिए प्रति सप्ताह दो गिलास वाइन से अधिक नुकसानदेह हो सकता है।
*3. खुद को हाइड्रेटेड रखें :*
पानी शरीर के हर हिस्से में पाया जाता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण रूप से यह लीवर में मौजूद होता है। इसीलिए सही मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। पानी शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है, और बॉडी से वेस्ट मैटेरियल को बाहर निकालता है। यह टॉक्सिंस को साफ करने में लीवर की सहायता करता है। एक स्वस्थ लीवर के लिए दिन में कम से कम 6 से 8 गिलास पानी पिएं।
शारीरिक गतिविधियों को करने के बाद शरीर को अधिक पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए इस बात का भी ध्यान रखें।
*4. हेल्दी वेट मैनेजमेंट जरूरी :*
मोटापा और वजन बढ़ना उन व्यक्तियों में आम है जिन्हें NAFLD है, जिसकी पहचान फैट के साथ लीवर कोशिकाओं का संचय है। एक संतुलित आहार योजना जिसमें स्वस्थ पोषण और नियमित व्यायाम शामिल है, NAFLD को रोकने में मददगार साबित हो सकती है।
कैलोरी में उच्च खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित रखें। साथ ही साथ पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ ले और फास्ट फूड, सॉफ्ट ड्रिंक और प्रोसेस्ड स्नैक्स से दूरी बनाएं रखें। इस प्रकार आपको एक हेल्दी वेट मैनेज करने में मदद मिलेगी।
*5. प्रोसेस्ड और रिफाइंड खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित रखें :*
आजकल ज्यादातर लोग रिफाइंड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के आदी हैं, ये लीवर में फैट के संचय का एक मुख्य कारण है और NAFLD का कारण बनता है। एडेड शुगर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कैंडी और एनर्जी ड्रिंक, कुकीज़ जैसे स्नैक आपके लीवर को बीमार कर सकते हैं। मिठास के लिए खजूर, शहद आदि जैसे स्वस्थ विकल्पों का चयन करें।
*6. हेल्दी फैट लें :*
फैट को कम करने वाले एंटी इन्फ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ, जैसे कि एवोकाडो, ऑलिव ऑयल, फैटी मछली, आपके लीवर के लिए बहुत अच्छे होते हैं। इनमें कई प्रकार के हेल्दी फैट पाए जाते हैं। इनमें से सबसे अच्छे प्रकार ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले मैकेरल और सार्डिन हैं।
जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी द्वारा प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार, ओमेगा-3 फैट NAFLD वाले व्यक्ति के लिवर फैट और सूजन की मात्रा को कम करने में मदद करता है।
*7. कॉफी पिएं :*
कई अध्ययनों का मानना है कि काफी लीवर स्वास्थ्य का समर्थन करता है। इसके सेवन से लीवर फाइब्रोसिस और लीवर कैंसर का जोखिम कम होता है। यह सूजन को भी कम करता है और लीवर में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाता है। हालांकि, ध्यान रहे कि किसी भी चीज की अधिकता नुकसान पहुंचाती है, इसी प्रकार कॉफी को मॉडरेशन में ले, साथ ही साथ इसे दोपहर के बाद लेने से बचें।
*8. हल्दी और ग्रीन टी :*
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक एक्टिव कंपाउंड लीवर के सूजन को कम करने में मदद करता है। यह लीवर की बीमारियों से लड़ता है। ग्रीन टी में प्रचुर मात्रा में कैटेचिन होता है, वे एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं जो लीवर के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही फैट की मात्रा को भी कम करते हैं।
*9. दवाओं के उपयोग पर नज़र रखें :*
कुछ दवाएं लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं, अपने डॉक्टर की सहमति के बिना कोई भी दवा न लें। सुनिश्चित करें कि आप किसी भी नए सप्लीमेंट या दवा के बारे में पहले अपने डॉक्टर से बात करें। दर्द के इलाज के लिए ली जाने वाली एसिटामिनोफेन जैसी दवाओं के सेवन से सावधान रहना चाहिए क्योंकि अगर ओवरडोज़ में ली जाए तो यह लीवर के कामकाज में बाधा डाल सकती है।
*फैटी लिवर को रिवर्स करने के लिए डाइट टिप्स :*
आज के समय में फैटी लिवर की समस्या बेहद आम हो चुकी है। ज्यादातर लोग इस समस्या के शिकार हो रहे हैं। वहीं कम उम्र में लोग इस समस्या के शिकार हो रहे हैं। फैटी लीवर की समस्या आमतौर पर गलत खानपान और लाइफस्टाइल की नियमित गतिविधियों के कारण होती है।
ये दो प्रकार की होती हैं, अल्कोहलिक फैटी लीवर और नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर। अल्कोहलिक फैटी लीवर का मुख्य कारण शराब का अधिक सेवन होता है।
ये हैं फैटी लीवर के मरीजों के लिए कुछ हेल्दी ब्रेकफास्ट ऑप्शंस~
*1. योगर्ट और बेरीज :*
ब्रेकफास्ट में इनका सेवन वेट और बॉडी मास इंडेक्स को कम कर देता है। साथ ही फास्टिंग इन्सुलिन के सीरम लेवल को भी कम करता है। यह दो ऐसे फैक्टर हैं, जो नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए आप ब्रेकफास्ट में इस हेल्दी ऑप्शन को ट्राई कर सकते हैं।
*2.ओटमील :*
ओटमील में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो लिवर संबंधी समस्याओं के खतरे को कम कर देते हैं। यदि आपको फैटी लिवर है, तो आप ब्रेकफास्ट में इसे शामिल कर सकती हैं। ये आपके फैटी लीवर की समस्या को कंट्रोल करने में आपकी मदद करेगा।
*3. एवोकाडो :*
हेल्दी फैट ओर एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी से युक्त अवोकेडो लिवर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही ये आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है, जिससे कि अनहेल्दी क्रेविंग्स नहीं होती। फैटी लीवर से ग्रसित मरीजों के लिए यह एक बेहद कमाल का विकल्प साबित हो सकता है।
*4. फलों का सेवन :*
एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर कुछ प्रकार के फल जैसे कि ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी एक बेहतरीन ब्रेकफास्ट ऑप्शन साबित हो सकते हैं। इन सभी में फाइबर की गुणवत्ता पाई जाती है, जो इन्हें आपके लिवर के लिए अधिक खास बना देती हैं।
*5. आल्मंड नट बटर :*
आलमंड नट बटर हेल्दी प्रोटीन और हेल्दी फैट की गुणवत्ता प्रदान करता है। इस प्रकार इसका सेवन फैटी लीवर की स्थिति में सुरक्षित होता है। वहीं यदि किसी को लीवर संबंधी समस्या है, तो वे इसे अपने ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकते हैं।
*फैटी लिवर के लिए हेल्दी ड्रिंक्स :*
ब्लैक कॉफी : ब्लैक कॉफी में कई ऐसे कंपोनेंट पाए जाते हैं, जो लीवर के लिए फायदेमंद होते हैं। खासकर ये लीवर को डैमेज होने से प्रोटेक्ट करता है।
*ग्रीन टी :*
ग्रीन टी में लिवर प्रोटेक्टिंग कई खास प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो लीवर को स्वस्थ रहने में मदद करती हैं। आप इसे अपने ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकते हैं।
*वॉटर :*
सुबह उठकर पानी पीना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है नींबू और अन्य खट्टे फल के रस को पानी में निचोड़ कर लेने से लिवर फंक्शन को सही से कार्य करने में मदद मिलती है। इससे लिवर बॉडी टॉक्सिंस को आसानी से एलिमिनेट कर पता है।
फैटी लिवर के मरीजों को इन अनहेल्दी विकल्पों से बचना चाहिए :
~चीनी युक्त अनाज
~मैदा और हाइड्रोजेनेटेड ऑयल से बने ब्रेड
~डोनट्स और पेस्ट्रीज
~सभी प्रकार के प्रोसैस्ड फूड्स
ब्रेकफास्ट में सोडियम और अनहेल्दी फैट से भरपूर मीट
~बाजार में मिलने वाले एड्रेस शुगर युक्त फ्रूट जूस.
*बेहतर लिवर के लिए ब्रेकफास्ट टिप्स :*
1. ब्रेकफास्ट में बाजार में मिलने वाले मिक्सड फ्रूट जैम आदि की जगह, अपने खुद के फलों को प्रिजर्व करें और इनमें बिना किसी एडिटिव और शुगर को ऐड किए हेल्दी फ्रूट जैम तैयार करें।
2. लिवर हेल्दी ब्रेकफास्ट तैयार करने के लिए प्रोटीन, कंपलेक्स कार्बोहाइड्रेट और फाइबर का कंबीनेशन तैयार करें।
3. यदि आप मॉर्निंग में फ्रूट जूस पीना चाहते हैं, तो बाजार से एडेड शुगर और प्रिजर्वेटिव्स युक्त पैकेज्ड फ्रूट जूस की जगह, जूसर की मदद से घर पर फ्रेश जूस तैयार करें और इसे तुरंत पिएं।
4. लिवर स्वास्थ्य के लिए हेल्दी ब्रेकफास्ट ऑप्शन की तलाश में हैं, तो शुगर लेने से बचें। इसकी जगह शहद, कोकोनोट शुगर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
*समझिए, क्यों और कैसा होता है लिवर सिरोसिस*
लिवर को शरीर की रक्षा करने के लिए प्रकृति ने तैयार किया है। मगर आपकी रोजमर्रा की कुछ आदतें जिनमें खानपान और डेली रुटीन दोनों ही शामिल हैं, वे इसे नुकसान पहुंचाते हैं। धीरे-धीरे लिवर पर ठहर जाने वाले ये टॉक्सिन्स उसे चोटिल करते हैं और उसमें छोटे-छोटे जख्म होने लगते हैं। मेडिकल टर्म में इसे लिवर सिरोसिस कहा जाता है।
लिवर सिरोसिस के लक्षणाें को लगातार इग्नाेर करना और सुरक्षात्मक उपाय न अपनाना लिवर फेलियर या लिवर डैमेज का कारण बनता है।
सबसे अच्छी बात यह है कि आपका शरीर लिवर के खराब होने के हर चरण में अलग तरह के संकेत देता है। शुरुआत में ही अगर इन लक्षणों पर गौर किया जाए, तो उपचार की संभावनाएं बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं~
*1 त्वचा और आंखों पर पीलापन :*
यह लिवर की सेहत खराब होने का सबसे प्रारंभिक संकेत है। फिर चाहें वह पीलिया हो या हेपेटाइटिस। त्वचा और आंखों के पीले पड़ने पर आपको ध्यान देना चाहिए। इसके साथ कुछ लोगों को बार-बार बुखार आने की समस्या भी हो सकती है।
*2 पेट में दर्द और सूजन :*
जब आपके यकृत पर जख्म होते हैं, उसमें सूजन आती है या छोटे स्कार्स होने लगते हैं, तब स्वभाविक रूप से पेट में दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। अगर आपको बार-बार पेट दर्द की समस्या हो रही है, तो बिना देर किए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
*3 पेशाब का रंग गहरा पीला :*
यह एक प्रमुख संकेत है जो आपकी खराब सेहत की ओर इशारा करता है। आपने गौर किया होगा कि जब आप कोई दवा खा रहे होते हैं तो पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो जाता है। यानी दवाओं का असर यकृत पर पड़ रहा है। दवाओं के बगैर भी अगर पेशाब का रंग ज्यादा पीला हो तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
*4 खाना खाने का मन न करना :*
पेट भरा हुआ या फूला हुआ महसूस होना, भूख कम लगना या मर जाना, खाना देखते ही मतली आना भी संकेत हैं कि आपके यकृत में कुछ समस्या है। इन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए।
*5 सूजन होना :*
पैरों या टखनों में सूजन यूरिक एसिड बढ़ने और लिवर खराब होने की स्थिति में नजर आती है। कभी-कभी डायबिटीज के कारण भी पैरों में सूजन का सामना करना पड़ता है। यानी पैरों की सूजन कभी भी सामान्य नहीं है।
*6 हर समय थकान रहना :*
जब आपके शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते तभी आपको हर समय कमजोरी और थकान महसूस होती है। यह लिवर के खराब होने पर भी हो सकता है। क्योंकि अब आपका लिवर टॉक्सिंस को बाहर निकालने और पोषक तत्वों की आपूर्ति का काम ठीक से नहीं कर पा रहा होता है।
*7 रूखी त्वचा और उस पर नीले निशान :*
ये ब्लड क्लॉटिंग का संकेत है। जब लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता तो उसके संकेत त्वचा पर ड्राईनेस और जगह-जगह नीले निशानों के रूप में नजर आते हैं। आयुर्वेद में इसे रक्त में पित्त की मात्रा बढ़ जाने के तौर पर भी जाना जाता है।
*लिवर बर्बाद करने वाली गलतियों से बचना बेहद जरूरी :*
कुछ चीजें आपके वश में नहीं होतीं, जबकि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनसे आप बच सकते हैं। लाइफस्टाइल संबंधी ये गलतियां ऐसी ही चीजें हैं, जिनसे बचा जा सकता है।
शराब भारतीय जलवायु और जीवनशैली के अनुरूप बिल्कुल भी नहीं है। फिर भी फैशन के कारण ये शानदार पार्टियों का हिस्सा बन गई है। जबकि आम भारतीयाें के लिए चाहें वे पुरुष हैं या स्त्रियां, उनके लिए शराब का एक पेग भी लिवर काे नुकसान पहुंचा सकता है। वे उन अमेरिकन डाटा पर न जाएं, जिनमें सप्ताह में तीन पेग को सेफ बताया गया है। वे आपके लिए नहीं हैं।
बिना सोचे-समझें दवाएं लेना
यह समझिए कि, अच्छा या बुरा जो भी आप खाते हैं, वह पहले आपके लिवर के पास ही जाता है। मगर दवाओं को विभिन्न रसायनों के इस्तेमाल से इस तरह तैयार किया जाता है कि वे जल्द असर करें। जबकि आपका लिवर इन हार्ड रसायनों के लिए तैयार नहीं होता। यही वजह है कि हल्के जुकाम-बुखार की दवा लेने पर भी आपको कब्ज की समस्या हो जाती है। दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से ड्रग इन्ड्यूस्ड हेपेटाइटिस भी हो सकता है।
किसी भी तरह का तंबाकू सेवन
सिगरेट, वेपिंग, हुक्का, खैनी या किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके विषैले पदार्थ ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं। जिससे कोशिकाएं फ्री रेडिकल्स के संपर्क में आती हैं। ऐसा बार-बार होने से लिवर में सूजन और जख्म हो सकते हैं.
रिफाइंड शुगर का ज्यादा इस्तेमाल भी आपके यकृत के लिए शराब की तरह ही खतरनाक है। असल में यह फ्रुक्टोज़ को फैट में परिवर्तित करता है। इस प्रक्रिया के दौरान कुछ कण उसके भीतरी परतों में ही चिपक जाते हैं। जिससे यकृत के अंदर फैट डिपॉजिट होने लगता है। इस फैट का डिपॉजिशन ज्यादा बढ़ने से यह नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का कारण बन जाता है।
आप जरूरत से ज्यादा कैलोरी का सेवन करते हैं, तब यह फैट के रूप में शरीर में जमा होने लगती हैं। यह फैट यकृत को भी अपना शिकार बनाता है। अध्ययनों में यह भी सामने आया है कि ज्यादा वजन लिवर की कार्यक्षमता को धीमा कर देता है। सिर्फ इतना ही नहीं ज्यादा वजनी लोगों की त्वचा, हार्ट और ब्लड प्रेशर भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है।
लीवर, एक महत्वपूर्ण अंग है, गलत जीवनशैली के कारण इसकी गुणवत्ता पर बेहद नकारात्मक असर पड़ रहा है। लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, फल, सब्जी और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार को प्राथमिकता दें। शराब, मीठे खाद्य पदार्थों और प्रोसेस्ड स्नैक्स का सेवन कम से कम करें।
हाइड्रेशन, वजन प्रबंधन और लीवर के अनुकूल खाद्य पदार्थों को शामिल करना आवश्यक है। नियमित व्यायाम और पर्याप्त आराम आपके लीवर को एक स्वस्थ जीवन देता है। यदि आप लिवर स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते हैं, तो एक उचित अंतराल पर इसकी जांच करवाते रहें।
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