मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि लोधी, लोधा और लोध क्षत्रिय समाज का इतिहास बहादुरी का इतिहास है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में समाज के वीरों और महापुरुषों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। पूरा देश उनके बलिदान का ऋणी रहेगा। भावी पीढ़ी को उनके जीवन चरित्र और मूल्यों से प्रेरणा लेना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव तुलसी मानस भवन में लोधी, लोधा और लोध क्षत्रिय महासभा की प्रांतीय बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीरों, महापुरूषों को सम्मानित करने की भावना के साथ नई शिक्षा नीति लागू कर शिक्षा के पाठ्यक्रम से गुलामी के चिन्ह मिटाए है। नई शिक्षा नीति में आवश्यक किताबी ज्ञान के साथ महापुरुषों, क्रांतिकारियों और बलिदानियों की जीवनियों को शामिल किया गया हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीर हृदय शाह लोधी और रानी अवंती बाई लोधी के भारत की स्वतंत्रता में किए गए योगदान और बलिदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का लोधी, लोधा और लोध क्षत्रिय महासभा ने बड़ी पुष्प माला पहनाकर और शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र लोधी ने सागर में रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय की स्थापना और उनके नाम पर सम्मान दिए जाने के कार्यों के लिए समाज की ओर से आभार माना।
इस अवसर पर पंचायत और ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, लोधी लोधा और लोध क्षत्रिय समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री जालम सिंह पटेल सहित समाज के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।