~ कुमार चैतन्य
लखनऊ की बटलर कालोनी में स्थित बटलर पैलेस. इस का निर्माण राजा महमूदाबाद स्टेट सर मोहम्मद अली मोहम्मद ख़ान ने सन् 1915 में शुरू कराया. इसके बनने के बाद यहाँ यूपी के गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर भी रहे।
दशकों से बंद रहने के कारण बटलर पैलेस उजाड़ हो ही चुका था. फिर यहाँ भूत-प्रेत होने की बात चर्चा में आ गई. कई लोगों ने भूत देखने का दावा किया।
बहरहाल, हमने यहाँ भूत-प्रेत होने की बात सुनी थी. लिहाज़ा एक दिन बटलर पैलेस के कैंपस में गए। हमने सोचा कि चलिए अगर कोई भूत होगा तो हमसे भी उसकी मुलाक़ात हो जाएगी, हम दर्शन कर लेंगे, लेकिन हमने बटलर पैलेस भीतर जाकर भी घूम डाला लेकिन कोई भूत साहब हमें नहीं दिखे. बस चमगादड़ उड़ते दिखे और अन्दर कई जगहों पर घुप्प अंधेरा था. हम सब क्षेत्र में हो आए।
बाहर आए तो हमने गेट पर देखा कि यहाँ लिखा है अन्दर जाना मना है।तभी एक व्यक्ति आए और कैंपस में जाकर लघुशंका कर वापस लौटे।
हमने उनसे पूछा कि आप स्थानीय हैं? उन्होंने कहा कि जी पंद्रह बरस से तो हैं. सरकारी गार्ड हैं. यहीं पास में एक साहब के बंगले में तैनात हैं।
हमने उनसे पूछा कि यहाँ बटलर पैलेस में भूत-प्रेत की बात सुनी जाती है. क्या आपने कभी देखा?
उन्होंने कहा कि साहब हम सरकारी आदमी हैं. कहिए तो खुलकर बता दें. बस आप कहीं बताने पर मेरा नाम मत लीजिएगा।
हमने कहा बताएं,नाम नहीं लेंगे। अब उन्होंने कहा कि वैसे हमने सुना तो बहुत है, लेकिन एक बार एक घटना हमारे सामने ही घटी. वही बताते हैं।
एक दिन ऐसे ही सुबह का सात बजे का समय था. पास की एक महिला अपनी युवा लड़की समेत शौच के लिए कैंपस में गई. तभी उसने देखा कि किसी ने पत्थर फेंका है। उसने सोचा कि कोई बाहर से फेंक रहा होगा. तभी अचानक पूरी बिल्डिंग हिल गई. उसने बताया कि तभी कोई सफ़ेद कपड़े पहने आप से भी लंबा आदमी जिसकेे दो हाथ लंबे बाल थे वो उन दोनों के ऊपर कूद पड़ा. लेकिन भार उसका नहीं था, बस दिख गया।
सामने पैलेस में जो सबसे ऊपर वाली खिड़की है वहीं से कूदा था. अब दोनों महिलाओं ने चीख मार दी. चीख सुन हम भी दौड़े और आसपास के लोग भी दौड़े।
लाठी डंडा लिए लगभग पंद्रह लोग कैंपस के सामने पहुंचे तो देखने में लगा कि पूरी बिल्डिंग हिल रही है. सब खिड़कियाँ खड़खड़ाने लगीं. तेज़ तेज़ आवाज़ बिल्डिंग में से आ रही थी,जैसे कोई कुछ पटक रहा हो.
हम पंद्रह लोग लाठी लेकर घुसे. टार्च भी मंगा ली पूरा पैलेस सर्च किया ताकि कोई आदमी या पागल वग़ैरह हो तो दिखे. कहीं कुछ नहीं दिखा।
इधर वो दोनों औरतें बेहोश पड़ी थीं. महिलाओं को बुलाया गया. महिलाएं दोनों को उठाकर ले गईं. दोनों एक महीना बीमार रहीं. बुख़ार ही ना उतरे. बहुत मुश्किल से ठीक हुईं। ये तो मेरी आँखों देखी घटना है।
ख़ैर, हम लोग बात कर रहे थे तभी एक स्थानीय नागरिक भी आ गए. गार्ड ने उनसे कहा कि आपको पैलेस के भूत के बारे में कुछ पता है. ये सुन उन्होंने कहा कि एक दिन राजाजीपुरम् से दो लड़कियाँ और पांच लड़के पैलेस के भीतर गए थे. वो वीडियो वग़ैरह बनाने आए थे. वो होली की दोपहरिया थी. तभी पता नहीं क्या हुआ कि दोनों लड़कियाँ बेहोश हो गईं. उठाने पर उठें ही ना. लड़के बाहर भागे. अब हम सब आसपास के दर्जन भर लोग पैलेस में घुसे. लड़कियों को उठाकर बाहर लाए. बड़ा हंगामा हुआ. तब से स्थानीय लोगों ने लिख दिया कि अंदर जाना मना है.
कैंपस में भोले बाबा का पिंडा रखा गया. हनुमान जी की मूर्ति रखी गई और पूजा हुई. देखिए गेट पर ही दुर्गा जी को रखा है, ताकि कोई भूत प्रेत हो तो बाहर ना आए।
यहाँ कभी-कभार स्थानीय लोग अंदर गोल बनाकर कैंपस में जाकर पूजा करते हैं. आपको पैलेस देखने का चाव है तो आप ज़रा बाहर से ही जाकर पैलेस देख लीजिए।
ये सुन हमने कहा कि हम तो देख आए. अंदर तक पूरा घूम आए. उन्होंने पूछा अकेले? हमने कहा जी बिल्कुल अकेले।
उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों किया. कहीं भूत नुकसान कर देता तब? ये ख़तरा कोई मोल नहीं लेता. ये भूतिया पैलेस है।
हमने कहा कि हमें भूत प्रेत में विश्वास नहीं. ये सुन उन्होंने कहा कि हमें भी नहीं था. जब घटनाएं हुईं तब विश्वास हुआ।
ख़ैर, हमने दोनों को धन्यवाद दिया कि आप लोगों ने यहाँ की भूत-प्रेत की घटनाएं हमें बतायीं. फिर हम वापस चल दिए।