ममता ने वोटर पर खेला सहानुभूति कार्ड…बंगाली मानुष पर ममता की पैठ
विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन
जैसे-जैसे पश्चिम बंगाल विधानसभा सीटों के चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे बंगाल की सियासी समीकरणों में उथल-पुथल दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां लंबे समय से बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस की अंतिम पारी बताई जा रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता बंगाल में पू्र्ण बहुमत से सरकार बनाने के दावे पेश कर रहे हैं। खैर, यह तो आने वाला समय बताएगा कि आखिर बंगाल के सियासी घमासान में कौन विजेता बनता है और कौन पराजित होता है।
पिछले दिनों बंगाल में ममता बैनर्जी के साथ जिस तरह की घटना हुई, उसने कहीं न कहीं लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। अब लोग यह भी कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की राह बंगाल में आसान नहीं है। भाजपा को जहां स्थानीय लोगों के सामने खुद को साबित करना होगा। वहीं, पिछले तीन महीने से भी अधिक समय से धरने पर बैठे किसानों का बंगाल की तरफ रूख करना भाजपा के लिए महंगा साबित हो सकता है। धरने पर बैठे यह किसान बंगाल में ममता बैनर्जी और उनकी पार्टी की तरफ सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में यदि मोदी सरकार ने किसान आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए इसका निदान नहीं किया तो किसानों का यह हुजूम बंगाल के अलावा आने वाले समय में अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव की तरफ भी रूख कर सकता है। किसानों का कहना है कि उन्हें जनता की सरकार चाहिए न कि अंबानी और अडानी की। कुल मिलाकर अब शाह, नड्डा और विजयवर्गीय बिग्रेड को अपनी योजना में कुछ बड़े परिवर्तन करना चाहिए क्योंकि यदि भाजपा इन्हीं योजनाओं के साथ बंगाल चुनाव की तरफ आगे बढ़ी तो राह बहुत ज्यादा चुनौतिपूर्ण होगी। इसी बीच बीजेपी की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्तमंत्री और विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा का तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लेना और भी चिंता बढ़ाता है। सिन्हा के इस कदम से तृणमूल कांग्रेस को मजबूती मिली है और भाजपा की चुनौती और बढ़ गई।
सिन्हा ने कंधार अपरहण कांड पर ममता बैनर्जी की राष्ट्र भक्ति को दिखाता एक सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कंधार घटना के दौरान जब आतंकवादियों ने विमान अपहरण कर लिया था, तो कैबिनेट में ममता ने कहा कि उन्हें बंधक बनाकर आंतकियों के पास भेज दिया जाए, लेकिन शर्त यह होगी कि बाकी यात्रियों को छोड़ दिया। सिन्हा के इस बयान के बाद एक बार फिर ममता बैनर्जी की राष्ट्रभक्ति को जाग्रत करती तस्वीर जनता के सामने आई है। निश्चित ही राष्ट्रभक्त ममता के इस स्वरूप का फायदा विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें मिल सकता है।