अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

तनमन की सेहत : हरगिज न खाएं बासी खाना

Share

            डॉ. नीलम ज्योति 

हम में शायद ही कोई ऐसा हो जो लेफ्ट ओवर फूड यानी की बासी खाना नहीं खाता हो। ज्यादातर लोग रोजाना थोड़ा ज्यादा खाना बना लेते हैं और उसे फ्रिज में रात के लिए स्टोर कर देते हैं। वहीं कुछ लोगों का खाना बच जाता है, तो वे उसे दूसरे टाइम खा लेते हैं, या रात का बचा खाना सुबह ले लेते हैं। ऐसा करना आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।

     यह एक अनहेल्दी प्रैक्टिस है, जिसके नुकसान सभी को मालूम होने चाहिए। खासकर गर्मी में यह अधिक घातक हो सकता है। कई बार बासी खाने का प्रभाव शरीर पर तुरंत नजर आने लगता है, तो कुछ लोगों को यह धीरे धीरे प्रभावित करता है।

      बचा हुआ खाना खाने से कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, मुख्य रूप से इन्हे गलत तरीके से दोबारा गर्म करने के कारण। खराब तरीके से संग्रहीत भोजन में साल्मोनेला, ई. कोली और लिस्टेरिया जैसे वायरस हो सकते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।

      बासी खाने से मतली, उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसी खाद्य जनित बीमारियां आपको परेशान कर सकती हैं। इसके अलावा, चावल, आलू और चिकन जैसे कुछ खाद्य पदार्थों को गलत तरीके से दोबारा गर्म करने से टॉक्सिक पदार्थ बन सकते हैं।

     सबसे जरुरी है पोषण संबंधी गिरावट पर ध्यान देना, क्योंकि भोजन को गर्म करने से इसकी पौष्टिक सामग्री, विशेष रूप से इसकी विटामिन और खनिज सामग्री कम हो सकती है।

   *स्वाद और बनावट खो देते हैं लेफ्ट ओवर फूड्स*

   अलावा, बचा हुआ भोजन अक्सर अपना स्वाद और बनावट खो देता है, जिससे वे कम अप्पेटाइसिंग हो जाते हैं, ऐसे में आप इनका अधिक सेवन कर सकती हैं। 

    लेफ्टओवर फूड्स के शेल्फ़ लाइफ़ को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रिज़र्वेटिव्स और एडिटिव्स का अधिक सेवन हो सकता है।

ये लेफ्टओवर फूड्स के कॉमन साइड इफेक्ट्स :

*1. पाचन संबंधी समस्या*

बासी खाने से उन खाद्य पदार्थों में मौजूद बैक्टीरिया आपके पाचन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये बैक्टीरिया खाद्य पदार्थों को फर्मेंट कर देते हैं, जो डाइजेस्टिव प्रोसेस में रुकावट पैदा कर सकता है। कई लोगों को तुरंत पेट दर्द, ब्लोटिंग आदि जैसी समस्याएं हो जाती हैं, तो कुछ लोगों को पर इसका प्रभाव धीमा पर गंभीर हो सकता है।

*2. फूड प्वाइजनिंग*

4 से 40 डिग्री के तापमान में हानिकारक बैक्टीरिया खाद्य पदार्थों पर पनपना शुरू हो जाते हैं। यदि खाद्य पदार्थों को कूकिंग के एक से दो घंटे के अंदर रेफ्रिजेट न किया जाए, तो इनपर बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जाता है। ऐसे में जब आप इन्हें खाती हैं, तो ये बैक्टीरिया आपको फूड प्वाइजनिंग का शिकार बना सकते हैं। जिसके अतिरिक्त आपको काफी परेशानी होती है।

*3. एसिडिटी*

बासी खाने पर हानिकारक बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जाता है, ऐसे में ये पेट में खाद्य पदार्थों को फर्मेंट कर देते हैं जिसकी वजह से फूड्स अधिक एसिडिक हो जाते हैं। ऐसे में ये एक्सट्रीम एसिडिटी का कारण बन सकते हैं, जो लंबे समय तक बना रहता है।

*4. डायरिया*

फूड प्वाइजनिंग के कारण पेट दर्द और उल्टी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही लगातार लूज मोशन होता है, जो बॉडी को पूरी तरह से डीहाइड्रेट कर देता है। यह सभी डायरिया के लक्षण हैं।

*इन बातों का ध्यान रखना जरुरी :*

खतरों को कम करने के लिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि भोजन को दोबारा गर्म करने से पहले सुरक्षित आंतरिक तापमान तक पहुंचा दिया जाए।

     बचे हुए खाने को दोबारा गर्म करने के लिए धीमी कुकर का सुझाव नहीं दिया जाता है, क्योंकि धीमी गति से तापमान बढ़ने से बैक्टीरिया का विकास हो सकता है।

     बचे हुए भोजन को एयर टाइट कंटेनरों में रखें और कुछ देर बाद इसे इस्तेमाल में ले आएं। लंबे समय तक इन्हे स्टोर करने से आपको पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है।

     लेफ्टओवर फूड्स को अवॉयड करने का सबसे अच्छा तरीका है, खाना बनाते वक़्त सही मात्रा का अंदाज होना। कोशिश करें की आपके पास लेफ्टओवर न बचें।

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें