S P Mittal Ajmer
अजमेर जिले के मसूदा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक राकेश पारीक ने स्पष्ट कहा है कि मसूदा के कुछ गांवों को शामिल कर केकड़ी को जिला बनाने पर उनकी सहमति नहीं है। पारीक ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि केकड़ी को जिला बनाने को लेकर मैंने पत्र भी लिखा है। केकड़ी जिला बने, इस पर मुझे कोई एतराज नहीं है, लेकिन केकड़ी को जिला बनाने के लिए मसूदा के गांवों को शामिल करने पर उनका कड़ा एतराज है। पारीक ने कहा कि मैंने साढ़े चार साल के कार्यकाल में मसूदा का बहुत विकास करवाया है। मैंने विधायक के रूप में नहीं बल्कि एक जनसेवक के तौर पर लोगों से संवाद किया है। मेरी लोकप्रियता से घबराहट कर मेरे प्रतिद्वंदी केकड़ी प्रकरण को गलत ढंग से प्रस्तुत कर रहे हैं। पारीक ने कहा कि मसूदा को छोटा कर केकड़ी को जिला बनाने की मांग पर उनकी सहमति होती तो 13 मार्च को वो भी केकड़ी के लोगों के साथ सीएम अशोक गहलोत से मिलने जाते। पारीक मसूदा के मतदाताओं को भरोसा दिलाया कि वे ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिसकी वजह से मसूदा का महत्व कम होता हो। विधायक पारीक का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि 13 मार्च को सीएम गहलोत की मौजूदगी तो केकड़ी के विधायक रघु शर्मा ने कहा था कि केकड़ी को जिला बनाने पर मसूदा के विधायक राकेश पारीक भी सहमत है। रघु के इस कथन के बाद ही मसूदा विधानसभा क्षेत्र में विधायक पारीक के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। मसूदा के लोग पारीक पर अपने राजनीतिक स्वार्थों के खातिर मसूदा की बलि देने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन अब ऐसे प्रदर्शनों पर विराम लगेगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि राकेश पारीक पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक हैं, जबकि केकड़ी के विधायक रघु शर्मा सीएम अशोक गहलोत गुट के माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव से पहले केकड़ी जिला बनता है या नहीं यह भी गर्भ में है, लेकिन जिला बनाने की मांग पर राजनीतिक गतिविधियां कर रघु शर्मा केकड़ी में अपनी कमजोर स्थिति को मजबूत करने में लगे हैं। केकड़ी के साथ साथ ब्यावर और किशनगढ़ का भी दावा जिला बनने का है। यदि केकड़ी को जिला बनाया जाता है तो ब्यावर और किशनगढ़ में कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान होगा। जानकारों की मानें तो जिला बनाने के मुद्दे पर अजमेर जैसी स्थिति कई जिलों में है। अनेक दावों को देखते हुए ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में नए जिले बनाने के मूड में नहीं है। यह वजह है कि जिला बनाने के लिए गठित राम लुभाया कमेटी का कार्यकाल 6 माह और बढ़ा दिया गया है।