प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोज़पुर में होने वाली रैली बरसात के कारण रद्द कर दी गई है। जिसके बाद वो बठिंडा के भसियाना एयरबेस से दिल्ली लौट गये। जबकि सच्चाई यह है कि मोदी को पंजाब में किसानों के भारी विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा।
हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर दूर, जब मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो वहां प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15-20 मिनट फ्लाईओवर पर फंसे रहे। वहीं फतेहगढ़ साहिब में किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर फाड़ डाले और वाहनों को रोक कर उन्हें बीजेपी का प्रचार नहीं करने के लिए कहा।
जबकि फ़रीदकोट के कोटकपुरा में पीएम मोदी की फ़िरोज़पुर की रैली में जा रहे भाजपा वर्करों की बसों को किसानों ने रोक लिया है। दोनों पक्षों के बीच तनातनी हो गई। इसके बाद पुलिस ने बसों को दूसरे रास्ते से भेजा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि – “चलिये इसे बहुत स्पष्ट कर देते हैं। यह किसानों और पंजाब के लोगों के भारी विरोध के कारण है कि मोदी को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।रैली मैदान में बहुत कम लोग थे। उनमें से अधिकांश को उपस्थित होने के लिए मजबूर किया गया था। पंजाबियों की नकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण रैली रद्द की गई है”।
सोशल मीडिया पर भी विरोध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब रैली का विरोध सोशल मीडिया पर भी हुआ और ट्विटर पर ‘#गो बैक मोदी’ टॉप ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया के पेज ट्रैक्टर टू ट्विटर पर बच्चे से लेकर नौजवान और बुजुर्ग भी मोदी की रैली का विरोध कर रहे हैं। लगातार वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। वीडियो डालने वाले लोग विरोध करने का कारण भी स्पष्ट कर रहे हैं। उसके साथ साथ कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए किसानों के लिए इंसाफ़ की मांग भी की जा रही है।
गृहमंत्रालय ने प्रदेश सरकार पर ठीकरा फोड़ा
वहीं अब गृह मंत्रालय ने सारा ठीकरा प्रदेश की चन्नी सरकार पर फोड़ते हुए कहा है कि – “प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार उन्हें रसद, सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी थी”।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुसैनीवाला बॉर्डर पहुंचकर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्हें पंजाब के लिए 5 बड़े प्रोजेक्टों का उद्घाटन करना था।