-निर्मल कुमार शर्मा
पिछले दिनों अपने भारत महान देश,जो समस्त दुनिया के लिए विश्वगुरु और आध्यात्मिक गुरु बनने के लिए बहुत ही व्यग्र हो रहा है,के कर्नाटक राज्य से एक बहुत बड़ी तथा स्तब्ध कर देने वाली खबर समस्त भारत के लगभग सभी प्रतिष्ठित और बड़े समाचार पत्रों और मिडिया संस्थानों में प्रकाशित हुई है,जिसके अनुसार भारत महान के कर्नाटक की भाजपा सरकार अपने ही राज्य के एक बहुत बड़े वैज्ञानिक श्री रोहित चक्रतीर्थ जी के नेतृत्व में अपने पितृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,नागपुर दीक्षालय द्वारा दीक्षित वैज्ञानिकों का एक पैनल गठित किया था !
कर्नाटक के आरएसएस के वैज्ञानिकों द्वारा अद्भुत अविष्कार !
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भारत महान के इन शीर्ष मेधावी वैज्ञानिकों का दल पिछले 8वर्षों के अपने गहन शोध,मेहनत और परिश्रम से पिछले दिनों अपना एक शोध पत्र प्रकाशित किया,इस शोधपत्र में एक बहुत ही अद्भुत,अद्वितीय, अतुलनीय चीज का अविष्कार किया गया है,इस शोध पत्र में प्रकाशित निष्कर्ष के अनुसार बीजेपी की पितृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,नागपुर द्वारा प्रातः पूजनीय,प्रेरणास्रोत,प्रेरणापुंज,परम् पूज्य,महान क्रांतिकारी,स्वतंत्रता सेनानी, समाजसुधारक,इतिहासकार,विचारक तथा राष्ट्रवादी नेता श्रीयुत् श्रीमान् विनायक दामोदर सावरकर जी जो 4 जुलाई वर्ष 1911से लेकर 21मई वर्ष 1921तक मतलब लगभग पूरे 10 वर्ष तक अंडमान निकोबार द्वीप समूह राज्य की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के कुख्यात सेलुलर जेल में ब्रिटिश साम्राज्य वादियों द्वारा बंद रहे, ‘वे जेल में कैदी रहने के दौरान ही ब्रिटिश साम्राज्य वादियों द्वारा नियुक्त जेल के पहरेदारों और जेलर की आंखों में धूल झोंककर प्रतिदिन बुलबुल के पंख या पीठ पर सवार होकर जेल से बाहर आ जाते थे और उसी बुलबुल पक्षी की पीठ पर सवार होकर समस्त गुलाम भारत की नित-प्रतिदिन सैर किया करते रहते थे…!
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नये अविष्कार को मुख्यमंत्री श्री बासवराज बोम्मई द्वारा अविलंब स्कूली पाठ्यक्रम में लागू करवाना !
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इस अतिमहत्वपूर्ण अविष्कार को कर्नाटक के दूरदर्शी और विद्वान मुख्यमंत्री श्री बासवराज बोम्मई जी,Sree Basavaraj Bommai Jee ने बिना एक दिन भी अनावश्यक वक्त गंवाए कर्नाटक राज्य के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तुरंत वहां के 8वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में एक अध्याय के तौर पर शामिल कर दिया ! इससे पूर्व भी उक्त महान अविष्कर्ता श्री रोहित चक्रतीर्थ के मशविरा पर शहीद-ए-आजम भगतसिंह और प्रख्यात वीरांगना पत्रकार गौरी लंकेश जैसे प्रगतिशील लेखकों और शहीदों संबंधित एक अध्याय को हटाकर आरएसएस के महानतम् विचारक श्री केशव बलिऊ हेडगेवार जी यानी Sree Keshav Baliram Hedgewar Jeeपर लिखे एक अध्याय को जोड़ने जैसा ऐतिहासिक काम कर चुके हैं !
आरएसएस के इन होनहार वैज्ञानिकों को भारतरत्न और नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए
कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन समिति के अध्यक्ष रोहित चक्रतीर्थ ने मिडिया से कहा है कि ‘हमने अपनी पाठ्यपुस्तकों में वीडी सावरकर को महिमामंडित नहीं किया है,लेकिन इस देश के लोग सावरकर जी को कर्नाटक के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने को लेकर इस मुद्दे पर अनावश्यक रूप से राजनीति कर रहे हैं ! सावरकर को ऐसी अंधेरी कोठरी में रखा गया था,जिस कोठरी के कमरे के अंदर पीछे की दीवार की तरफ जहां से न तो आसमान दिखता था,न ही कोई रोशनी नजर आती थी ! मतलब वहां कोई झरोखा,कोई खिड़की या कोई सुराख तक नहीं था,परन्तु पता नहीं
कहां से कुछ बुलबुलें उड़कर सेल के अंदर सावरकर जी के पास तक आ जातीं थीं,उन्हीं बुलबुलों के पंखों या पीठ पर बैठकर सावरकर जी हर रोज अपनी मातृभूमि मतलब भारत महान की मुख्य भूमि पर जाया करते थे ! ‘
मोदीजी को अपने सम्मानित पूर्वज कथित वीर सावरकर जी का अनुसरण करना चाहिए !
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चूंकि विनायक दामोदर सावरकर जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े रहे हैं। और वे भारतीय जनता पार्टी के मातृ संगठन आरएसएस के वैचारिक मेंटोर भी रहे हैं। इसके अतिरिक्त बीजेपी और आरएसएस के लिए वे हिंदुत्व के चेहरे के रूप में की पहचान भी रहे हैं,इसलिए कथित सबसे काबिल प्रधानमंत्री श्रीयुत् श्रीमान नरेंद्र दास दामोदरदास मोदी जी को अपने आदिगुरू श्री विनायक दामोदर सावरकर के पथ का अंधानुकरण करना चाहिए,अब उन्हें अपने लिए अमेरिका से मंगवाए गए बेहतरीन खूबियों से है लैस ‘बख्तरबंद ‘ बोइंग 777 या Air India One जैसे अत्यंत खर्चीले विमान का अपने प्यारे लेकिन आर्थिक तौर पर अत्यंत गरीब देश और उसके देशवासियों के हित में परित्याग करके अपने आदिगुरु श्री विनायक दामोदर सावरकर द्वारा हवाई यात्रा के लिए भारत के तमाम बुलबुल पक्षियों का सदुपयोग करना चाहिए !
मोदीजी के बख्तरबंद ‘बोइंग 777 की कीमत व यात्रा खर्च !
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दुनिया के आर्थिक तथा सैन्य दृष्टिकोण से सबसे शक्तिशाली राष्ट्रों में से एक अमेरिका, जिसका सकल घरेलू उत्पादन या Gross Domestic Production या GDP 18.1 ट्रिलियन डॉलर है,जबकि भारत का सकल घरेलू उत्पादन Gross Domestic Production या GDP मात्र 2 ट्रिलियन डॉलर पर अटकी हुई है ! फिर भी मोदीजी ने अमेरिका जैसे दुनिया के सबसे धनी राष्ट्र के राष्ट्रपति के विमान की तर्ज पर अपने लिए दो विमानों का जोड़ा जिनकी कीमत 84580000000यानी 84अरब 58करोड़ रूपये है,मंगवाया है ! यह विमान 45100 फीट की ऊंचाई तक भी,1013 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से,एकबार में ही यह विमान 6,800 मील की दूरी तय कर सकता है ! लेकिन इस विमान के उड़ान के दौरान प्रतिघंटा 181000 डॉलर यानी लगभग 1करोड़ 30लाख रुपये का खर्च आता है !या पेट्रोल जल जाती है !
उधर संयुक्त राष्ट्र की ‘द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2022’या The State of Food Security and Nutrition in the World 2022’की रिपोर्ट के अनुसार भारत में खाना न मिलने से 22करोड़ लोग भयंकर रूप से कुपोषण के शिकार हैं, मोदीजी के लिए आए बख्तरबंद ‘बोइंग 777 या Air India One जैसे अत्यंत विलासितापूर्ण विमान द्वारा प्रति घंटे 1करोड़ 30 लाख रुपए खर्च करने का हिसाब लगाने पर उनके 6बार अमेरिका जाने और आने का कुल खर्च 2अरब 34करोड़ रूपये हैं !
बुलबुल विमान भारत की सभी समस्याओं का समाधान !
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इस देश के सभी प्रबुद्ध और जागरूक नागरिकों की मोदीजी से हाथ जोड़कर विनम्र अपील है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर में दीक्षित कर्नाटक के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा आविष्कृत बुलबुल यान का उपयोग अगर मोदीजी भी अपने सम्मानित पूर्वज विनायक दामोदर सावरकर जी जैसे करने लगें और उसी बुलबुल यान पर चढ़कर अमेरिका,चीन,रूस जापान आदि विश्व के 84 देशों की यात्रा करने लगें तो अमेरिका से मंगवाए गए उक्त वर्णित विमान बोइंग 777 या Air India One की लागत और यात्रा में होनेवाले अकूत संपत्ति की बचत होगी ! और उस अकूत धन का सदुपयोग इस देश के कुपोषण से ग्रस्त लोगों को पौष्टिक आहार देने, स्कूलों,कालेजों,यूनिवर्सिटीज,मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों को खोलने और उन्हें सुचारू रूप से चलाने,अस्पताल बनवाने, आमजनता की आरामदायक यात्रा के लिए सैकड़ों राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को चलाने आदि सामाजिक,जनकल्याणकारी योजनाएं चलाने में खर्च किया जा सकता है !
बीजेपी की जुमलेबाजी की कला अद्भुत और अद्वितीय !
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वैसे सच बात यह है कि मोदीजी,उनकी बीजेपी पार्टी और उनके प्रेरणा के अक्ष्क्षुण श्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसी खूंख्वार संस्थाओं का पिछले 8सालों का यह पुख्ता रिकॉर्ड रहा है कि ये सभी मिल-जुलकर कुछ समयांतराल के बाद कुछ न कुछ जुमले बाजी करके इस देश की अधिकांशतः अशिक्षित,धर्मभीरू और दकियानूस विचारधारा की जनता को भ्रमित करके गरीबी, भूखमरी,बेरोज़गारी, अशिक्षा,भ्रष्टाचार,मंहगाई आदि उसकी मूल समस्याओं से भ्रमित करके दूर रखने में बहुत चतुर खिलाड़ी रहे हैं ! यह विनायक दामोदर सावरकर जी की ‘बुलबुल पक्षी पर सवारी ‘कराना भी एकमात्र ‘जुमलेबाजी ‘ही है !
-निर्मल कुमार शर्मा ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के सुप्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक,सामाजिक, राजनैतिक, पर्यावरण आदि विषयों पर स्वतंत्र,निष्पक्ष,बेखौफ,आमजनहितैषी,न्यायोचित व समसामयिक लेखन,संपर्क-9910629632, ईमेल