एस पी मित्तल, अजमेर
29 जनवरी को मुझे पारिवारिक समारोह में भाग लेने के लिए जोधपुर में रहना पड़ा। जोधपुर के भी अनेक वाट्सएप ग्रुपस में प्रति दिन मेरे ब्लॉग पढ़े जाते हैं। यही वजह रही कि जोधपुर प्रवास के दौरान मेरी मुलाकात स्वच्छता के प्रतीक मोहम्मद यूसुफ और सामाजिक कार्यकर्ता बसंत जोशी से हुई। भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप मेरा मान सम्मान भी किया गया। मुझे बताया गया कि मोहम्मद यूसुफ जोधपुर में स्वच्छता के प्रतीक बने हुए हैं। जोधपुर के उत्तर नगर निगम में तो यूसुफ को ब्रांड एम्बेसडर भी घोषित कर रखा है। जोधपुर में स्वच्छता से जुड़ा कोई भी कार्य होता है तो उसमें मोहम्मद यूसुफ की सक्रिय भागीदारी होती है। यूसुफ का मानना है कि किसी भी शहर की पहचान स्वच्छता की वजह से ही होती है। चूंकि जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह नगर है, इसलिए जोधपुर में स्वच्छता का ज्यादा महत्व है। जोधपुर शहर स्वच्छ रहे इसके लिए यूसुफ दिन भर सक्रिय रहते हैं। इसके लिए लोगों में जागरूकता भी करते रहते हैं। यूसुफ का कहना है कि जब सरकार ने घर घर से कचरा संग्रहण का अभियान चला रखा है तो फिर कचरा गली मोहल्लों से लेकर बाजारों की सड़कों तक नजर नहीं आना चाहिए। यूसुफ ने इस बात पर संतोष जताया कि जोधपुर का जिला प्रशासन और दोनों नगर निगमों का प्रबंधन स्वच्छता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जोधपुर में स्वच्छता के लिए जो कुछ भी हो सकता है, उसके लिए मोहम्मद यूसुफ हमेशा तैयार रहते हैं। हालांकि यूसुफ के परिवार का परंपरागत कार्य शाही शादी समारोह में मेहमानों के साफे बांधने का काम है। यूसुफ परिवार की इस परंपरा को भी निभा रहे हैं। यूसुफ का कहना है कि यह राजस्थान की संस्कृति की खूबसूरती है कि अलग अलग क्षेत्रों में साफे बांधने की अलग अलग कला है। उदयपुर के मेवाड़ में साफा अलग तरीके से बांधा जाता है, जबकि जोधपुर के मेवाड़ में साफे बांधने की कला अलग है। उनके परिवार के सदस्य बांधने की हर कला में परंपरागत है। परंपरागत कार्य के साथ ही यूसुफ जोधपुर में स्वच्छता के प्रतीक बने हुए हैं। मोबाइल नंबर 7297836979 पर मोहम्मद यूसुफ से संवाद किया जा सकता है। जोधपुर प्रवास में मेरी मुलाकात सामाजिक कार्यकर्ता बसंत जोशी से भी हुई। जोशी ने मुझे बताया कि मेरे ब्लॉग वे प्रतिदिन देशभर के वाट्सएप ग्रुप में फॉरवर्ड करते हैं। चूंकि उनका संपर्क छत्तीसगढ़ में है इसलिए वे ब्लॉग को छत्तीसगढ़ के ग्रुप में भी भेजे हैं। जोशी ने बताया कि ब्लॉग की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिन ग्रुप में ब्लॉग नहीं आते हैं उनके एडमिन और मेंबर अन्य स्थानों से ब्लॉग को लेकर अपने ग्रुप में पोस्ट करते हैं। जोशी ने ब्लॉग लेखन को लेकर मेरी हौसला अफजाई की और उम्मीद जताई की राष्ट्रहित में ब्लॉग लेखन का कार्य निरंतर जारी रहेगा।