यूपी क्रिकेट बोर्ड के चीफ ने कहा था, अगर मेरी कुर्सी हिला सको तो मोहम्मद शमी यूपी के लिए खेलेगा। मोहम्मद शमी ने यूपी की टीम के लिए 2 साल लगातार ट्रायल दिया। मोहम्मद शमी ने कहा कि ट्रायल के दौरान सब बढ़िया रहता था। जब भी फाइनल सिलेक्शन का समय आता था, सिलेक्टर्स मोहम्मद शमी को लात मारकर बाहर कर देते थे। मोहम्मद शमी ने कहा कि जब मेरे साथ एक साल ऐसा हुआ, तब मैंने सोचा कि अगले साल देखेंगे। मोहम्मद शमी ने आगे बताया कि उनके भैया इस मामले में समझदार हैं। भैया को समझ आ रहा था कि यहां पर क्या चल रहा है। नेक्स्ट ईयर जब मोहम्मद शमी ट्रायल के लिए गए, तब 1600 लड़के आए हुए थे और उन्हें 3 दिन में ट्रायल कंप्लीट करना था। यूपी की रणजी ट्रॉफी की टीम बन रही थी। मोहम्मद शमी के भैया ने कहा कि यहां तो मेला चल रहा है। जब मोहम्मद शमी के भैया ने चीफ सिलेक्टर से बात की, तो उन्हें कहा गया कि अगर मेरी कुर्सी हिला सको तो अपने भाई का सिलेक्शन करवा लेना।
चीफ सिलेक्टर ने कहा लड़का बहुत अच्छा है, सिलेक्ट हो जाएगा। अगर मेरी कुर्सी हिलाने की औकात नहीं है, तो सॉरी तुम्हारा भाई कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएगा। उसके जवाब में मोहम्मद शमी के भैया ने कहा कि मेरे पास पावर इतनी है, मैं तुम्हारी कुर्सी हिलाने की बजाय उल्टा कर दूं। पर मैं अपने भाई को सही तरीके से क्रिकेट खेलते हुए देखना चाहता हूं। अगर उसमें दम है, तो टीम में चुनिए। बदले में चीफ सिलेक्टर ने कहा कि यहां दम वालों का कोई काम नहीं है। यह सुनकर मोहम्मद शमी के भाई ने उनका ट्रायल फॉर्म फाड़ा और टेबल पर फेंक दिया। उसके बाद मोहम्मद शमी ने कोलकाता का रुख किया और पश्चिम बंगाल की तरफ से रणजी ट्राफी खेली। यह सब देखकर मोहम्मद शमी के अब्बू और उनके बचपन के कोच तौसीफ अली बहुत टेंशन में आ गए थे। मोहम्मद शमी ने अपने अब्बू से वादा किया था, चाहे जो कुछ भी हो जाए मैं भारत के लिए जरूर खेलूंगा। मोहम्मद शमी ने अब्बू से किया वादा पूरा किया।