इंदौर में सोमवार को देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार श्री रामभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत का स्व राम कृष्ण शिव है। शिव देश के कण-कण में है। कोई किसी भी पूजा पद्धति को माने लेकिन स्व सभी पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि रामजन्भूमि आंदोलन नहीं यज्ञ है। कुछ शक्तियां राम मंदिर नहीं बनने देना चाहती थी, इसलिए संघर्ष लंबा चला। जन्मभूमि का आंदोलन चलता था तो विद्यार्थी पूछते थे कि रोजी रोटी के बजाए ये मंदिर क्यों लगा रखा है। तब मैं उनसे कहता था कि यह आंदोलन भारत के स्व की जागृति के लिए है। अब वही हो रहा है।
‘राम जन्मभूमि आंदोलन नहीं ‘यज्ञ’ है। भारत का स्व राम, कृष्ण और शिव हैं। शिव देश के कण-कण में विराजमान हैं। यह बातें इंदौर में सोमवार को RSS प्रमुख मोहन भागवत कहीं। मोहन भागवत ने बताया कि कुछ ताकतें राम मंदिर निर्माण में बाधा डालना चाहती थीं, जिससे संघर्ष लंबा चला। उन्होंने बताया कि जब आंदोलन चल रहा था, तब छात्र उनसे सवाल करते थे कि रोज़ी-रोटी की जगह मंदिर निर्माण पर ज़ोर क्यों दिया जा रहा है। भागवत का जवाब होता था कि यह आंदोलन भारत के आत्म-जागरण (स्व जागृति) के लिए है। अब वही हो रहा है।भागवत ने बताया कि 1992 के बाद लोग कहते थे कि मंदिर वहीं बनाएंग, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। पिछले वर्ष राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा बिना किसी विवाद के संपन्न हुई। उन्होंने देवी अहिल्या के शासन की तुलना राम राज्य से की। अयोध्या में मंदिर बन गया अब मन में बनना चाहिए।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने देवी अहिल्या उत्सव के बदलते स्वरूप पर बात की। उन्होंने कहा कि 1995 से पहले यह उत्सव सादगी से मनाया जाता था। लेकिन बाद में, देवी अहिल्या की प्रसिद्धि के अनुसार, समारोह का आकार बढ़ता गया। अब साल भर कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
1992 के बाद लोग बोलते थे मंदिर वही बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। पिछले वर्ष मंदिर की प्रतिष्ठा हुई। कोई झगड़ा नहीं हुआ। कोई कलह सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि अहिल्या ने अपना राज्य राम राज्य की तरह चलाया। प्रतिष्ठा द्वादशी 11 जनवरी को मनाई गई। अयोध्या में मंदिर बन गया। अब मन में बनना चाहिए।
चंपत राय ने कहा कि अयोध्या, मथुरा, काशी के देव स्थानों को मुक्त करने का समय आ गया है। यह बात कांग्रेस सांसद दाऊ दयाल ने सबसे पहले 1983 में एक आयोजन में उठाई थी। फिर धीरे धीरे यह आंदोलन के स्वरूप में आ गया। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि के लिए 75 लड़ाइयां लड़ी गईं। यह पुरस्कार उन सभी को समर्पित है।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि पहले देवी अहिल्या का उत्सव सादगी से मनाया जाता था, लेकिन वर्ष 1995 के बाद अहिल्या मां की कीर्ति के अनुसार समारोह का स्वरूप बढ़ता गया। सालभर कुछ न कुछ आयोजन होते हैं। अतिथियों का स्वागत अशोक डागा, राम मूंदड़ा, सरयू वाघमारे, सुधीर दांडेकर, सुनील धर्माधिकारी, नीलेश केदार ने किया। संचालन नितिन माहेश्वरी ने किया।
कौन हैं चंपत राय
चंपत राय विहिप नेता और श्री राम भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव है। वे लंबे समय से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। राय उत्तरप्रदेश के बिजनौर के निवासी हैं। उन्हें सोमवार को देवी अहिल्या पुरस्कार दिया गया।
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