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अब क्रिप्टोकरेंसी पर भी लागू होगा मनी लॉन्ड्रिंग कानून

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रिपोर्ट: आमिर अंसारी

केंद्र सरकार ने एक गजट अधिसूचना जारी कर कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना-बेचना, रखना और इससे जुड़ी सेवाओं पर अब एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू किया गया है. अब ऐसे में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत (एफआईयू-भारत) को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देनी होगी. यह अधिसूचना 7 मार्च को जारी की गई.

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का शिकंजा

अधिसूचना में कहा गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और फिएट करेंसी के बीच एक्सचेंज, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के एक या अधिक रूपों के बीच एक्सचेंज और डिजिटल एसेट्स का ट्रांसफर, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स का सुरक्षित रखरखाव या प्रशासन या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर नियंत्रण को सक्षम करने वाले उपकरण और भागीदारी किसी जारीकर्ता की वर्चुअल डिजिटल संपत्ति की पेशकश और बिक्री से संबंधित वित्तीय सेवाओं का प्रावधान अब मनी लॉन्ड्रिंग कानून, 2002 के तहत लाया जाएगा.

भारत ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी के आसपास के कानून और नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया है, यहां तक कि देश के केंद्रीय बैंक ने कई बार उनके इस्तेमाल के प्रति आगाह किया है.

क्रिप्टोकरेंसी पर सख्त है आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी साल जनवरी में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी जुए के बराबर है, क्योंकि उनका कथित मूल्य केवल विश्वास दिलाता है. उन्होंने कहा था कि इसका समर्थन करने वाले इसे संपत्ति या वित्तीय उत्पाद कहते हैं, लेकिन इसमें कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है.

क्रिप्टोकरेंसी के विकास का मुकाबला करने के लिए आरबीआई ने हाल ही में पायलट मोड में अपना ई-रुपया या केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) लॉन्च किया. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि वे पोंजी स्कीम के समान हैं.

क्रिप्टोकरेंसी के लिए भारत के मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का विस्तार करने से अधिकारियों को देश की सीमाओं से परे इन संपत्तियों के ट्रांसफर की निगरानी में अधिक अधिकार हासिल हो जाएंगे.

केंद्र सरकार ने पिछले साल के बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होनी वाली आय पर तीस प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला किया था. साथ ही इसके लेनदेन पर एक प्रतिशत टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) भी लगाने का फैसला किया था.

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