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इंदौरी बैंकों में 300 करोड़ से ज्यादा जमा हो गए 2000 के नोट

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  • 500 के नोट का पडऩे लगा टोटा, फिर भी लेन-देन में फिलहाल आसानी…

इंदौर। 2000 रुपए के गुलाबी नोटों को बंद किए जाने के निर्णय से फिलहाल बाजार में कहीं कोई परेशानी नजर नहीं आ रही है। होटल, पम्पो से लेकर अन्य व्यापारी इन नोटों को स्वीकार तो कर ही रहे हैं, वहीं बैंकों में भी रोजाना 40 से 50 करोड़ रुपए जमा हो रहे हैं। एक अनुमान के चलते पिछले हफ्तेभर में ही 300 करोड़ से अधिक के गुलाबी नोट इंदौरी बैंक शाखाओं में पहुंच गए हैं। हालांकि इसके बदले 500 के नोटों का टोटा पडऩे लगा है, जिसके चलते 100 और 200 के कडक़ नोटों की गड्डियां अवश्य दिखने लगी।

बैंकों में 2000 रुपए के नोट बदलने का एक सप्ताह सोमवार को पूरा हुआ। एक सप्ताह में जहां कई प्रमुख बैंकों में हर दिन 90 लाख से 1 करोड़ रुपए मूल्य के 2000 के नोट वापस आए, वहीं कुछ छोटी बैंकों में इनकी संख्या और भी कम थी। आरबीआई के अनुसार इंदौर की कुछ बैंकों में 500 रुपए के नोटों की कमी कुछ दिन रही, लेकिन उसे जल्द ही पूरा कर दिया गया। 2000 के नोट के बदले बैंक द्वारा 200 और 500 रुपए के नोट दिए जा रहे हैं।

इंदौर के व्यस्त क्षेत्र राजबाड़ा पर प्रिंस यशवंत रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ऑपरेशन हेड सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि बैंक में प्रतिदिन 75-80 लोग आ रहे हैं, जो कि 90 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक के 2000 रुपए के नोट अपने खाते में जमा कर रहे हैं या बदलवा रहे हैं। शहर के मध्य और व्यावसायिक क्षेत्र के पास होने के चलते यहां रोज 30 से 35 लाख रुपए की राशि साधारणतः जमा होती है। इस कारण नोट एक्सचेंज करवाने वालों को देने के लिए करंसी की कमी कभी नहीं हुई। वहीं निजी बैंकों में भी लोग 2000 के नोटों की गड्डी जमा कर रहे हैं और बदलवा रहे हैं।

सियागंज स्थित एक निजी बैंक की ब्रांच में भी प्रतिदिन 60 से 80 लाख रुपए मूल्य के 2000 रुपए के नोट आ रहे हैं। बैंक अधिकारी के अनुसार इनमें से अधिकतर नोट व्यापारियों द्वारा जमा करवाए जा रहे हैं। केवल 15% नोट आम आदमी द्वारा बदलवाए जा रहे हैं।

  • 500 – के नोटों की फिलहाल कोई कमी नहीं (आरबीआई के अनुसार)
  • 85 – प्रतिशत 2000 के नोट व्यापारियों द्वारा बदले जा रहे
  • 15 – प्रतिशत 2000 के नोट आम आदमी बदलने पहुंच रहा बैंक
  • 80 – लाख के 2000 के नोट सियागंज की निजी ब्रांच में पहुंच रहे

नहीं आ रही नोटों की समस्या
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के इंदौर के लीड बैंक मैनेजर सुनील कुमार ढाका के अनुसार रिजर्व बैंक में नोट बड़ी संख्या में आना शुरू हो गए हैं। बदले में हम 500 और 200 रुपए के नोट बैंकों को उपलब्ध करवा रहे हैं। हर बैंक की अपनी अलग आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों से भी नोटों की भारी मांग आ रही है। वहीं अगर किसी बैंक में कभी नोटों की कमी होती भी है तो उसे जल्द पूरा किया जा रहा है। इंदौर शहर में 900 से अधिक बैंकों की ब्रांच मौजूद हैं। सभी में अलग-अलग मात्रा में नोट बदली हो रही है जिसमें सर्वाधिक मामले व्यापारिक क्षेत्रों के हैं।

अलबत्ता 500 के नोटों की कमी जरूर बढऩे लगी, क्योंकि अब जमा करने वाले भी 2000 की बजाय 500 के नोट जमा करेंगे। कई बैंकों में 500 के नोट खत्म भी हो गए और जितने मांग की जा रही है उससे कम राशि के ये नोट मिल रहे हैं। गारमेंट, ज्वैलरी, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक से लेकर कई बड़ी खरीदी में 2000 के नोटों का इस्तेमाल आसानी से हो रहा है। वहीं पेट्रोल पम्पों पर भी ये नोट स्वीकार किए जा रहे हैं। यह अवश्य है कि 100-200 रुपए का पेट्रोल भरवाने वालों को छुट्टे नहीं दिए जा रहे। बल्कि डेढ़-दो हजार का ईधन भराने पर पूरा आसानी से चल जाता है। वहीं कई अन्य जगह भी इन नोटों को खपाया जा रहा है।

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