इजराइल ने गाजा स्थित अल अहली अरबी बैप्टिस्ट हॉस्पिटल पर हमला किया है। इस हमले में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है जिसमें आम लोगों के अलावा मरीज और डॉक्टर शामिल हैं। हमास के नेतृत्व वाले स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि एक विस्फोट में 500 लोगों की मौत हो गयी है और यह इजराइली हवाई हमले का नतीजा है। मंत्रालय ने कहा कि हॉस्पिटल को बगैर किसी पूर्व चेतावनी के निशाना बनाया गया है।
फिलिस्तीन अथारिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस घटना के बाद तीन दिन के शोक का ऐलान किया है। गाजा अथारिटी का कहना है कि हमले में 500 लोग मारे गए हैं। यह हमला उस समय हुआ है जब बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इजराइल की यात्रा पर जाने वाले हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह से बात करने के लिए अम्मान जाएंगे। इसके अलावा उनकी फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से भी मुलाकात होगी।
अस्पताल पर हमले के बारे में प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इजराइली सेना के प्रवक्ता डैनियल हैगारी ने कहा कि कारण अभी भी अज्ञात है। सेना अभी विवरण का इंतजार कर रही है। और सूचना आने पर अपडेट किया जाएगा।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सैकड़ों लोग अस्पताल के मलबे के नीचे अभी भी दबे हुए हैं। घायलों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। पूरा अस्पताल धूं-धूं कर जलता दिख रहा है। कुछ डॉक्टर जान बचाने के लिए सड़कों पर भागते दिखे।
इस बीच खबर आयी है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी इजलाइल की यात्रा पर गुरुवार को पहुंच रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वह जॉर्डन और मिस्र दोनों जगहों पर जा सकते हैं।
गाजा पट्टी से एक मेडिकल डाक्टर और निवासी ज़ियाद शेहादाह ने अल जजीरा से बात करते हुए कहा कि “जो हुआ है वह बेहद भयंकर है क्योंकि वो सारे लोग आम नागरिक हैं। वो अपने घरों से भागे और उस स्थान पर पहुंचे जो उनकी निगाह में सुरक्षित था- एक अस्पताल, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक सुरक्षित जगह है।”
उन्होंने कहा कि लोग यह सोचने के बाद अपने घरों को छोड़े कि उनके घर ज्यादा खतरनाक हैं और फिर वो अस्पताल और स्कूलों में शरण लेने गए। और एक ही मिनट में एक अस्पताल में वो सभी मारे गए।
शेहादाह ने कहा कि मरने वालों की संख्या अभी 500 है लेकिन उनका मानना है कि यह बढ़कर 1000 हो सकती है।
फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी की प्रतिनिधि नैबेल फारसख ने कहा कि बहुत सारे लोग जो अल अहली अस्पताल पर इकट्ठा हुए थे वो इजराइल के अपने इलाकों को खाली करने के निर्देश का पालन कर रहे थे। लेकिन वो दक्षिण गाजा नहीं जा सकते थे।
उन्होंने कहा कि बहुत लोग पूछ रहे हैं कि यह संख्या इतनी ज्यादा क्यों है। क्योंकि….ये ऐसे फिलिस्तीनी थे जिन्होंने अस्पताल के सामने शरण ले रखी थी। उनको लग रहा था कि एक अस्पताल के सामने वो सुरक्षित रहेंगे। लेकिन गाजा में ऐसा नहीं है। फिलिस्तीन में यह बात नहीं है। उन्होंने यह बात अल जजीरा से वेस्टबैंक इलाके में स्थित रामल्लाह से कही।
उन्होंने कहा कि यह जेनोसाइड है यह युद्ध अपराध है।
गाजा शहर में स्थित अस्पताल में इजराइली हमला अभूतपूर्व है। 2008 के बाद का यह सबसे भीषण हमला है। यह बात फिलिस्तीनी सिविल डिफेंस ने कही है। उसके प्रवक्ता महमूद बसल ने कहा कि हमारे इतिहास में अल अहली अरब अस्पताल का नरसंहार अभूतपूर्व है। हालांकि पहले भी हम लोगों ने त्रासदियों और युद्धों को देखा है लेकिन आज रात को जो हुआ है वो जेनोसाइड के बराबर है।
अस्पताल के जो फोटो सामने आए हैं उसमें पूरी बिल्डिंग ध्वस्त है और आस-पास लोगों के क्षत-विक्षत शव बिखरे हुए हैं।
इस हमले के बाद वेस्ट बैंक इलाके में सैकड़ों फिलिस्तीनी उसके विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। और नाबलुस, तुल्कारेम और जेनिन में अच्छा-खास विरोध प्रदर्शन हुआ है।
यूएन का भी बयान आ गया है। उसने इस पर आश्चर्य जाहिर किया है। यूएन रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी की तामारा अल रिफाई ने कहा कि घने बसे रिफ्यूजी कैंप यूएन स्कूल और उसके परिसर में जहां लोग शरण लिए हुए हैं यह हमला बिल्कुल चकित करने वाला है। यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का खुला उल्लंघन है। मेरे पास कहने के लिए कोई शब्द नहीं है।
मिस्र ने अस्पताल पर हुए इस हमले की निंदा की है। और उसके विदेश मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का खतरनाक उल्लंघन करार दिया है।
अमेरिकी कांग्रेस वुमन राशिदा तलाइब ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि यह तब होता है जब आप युद्धबंदी और मदद को आगे बढ़ाने से इंकार कर देते हैं। आपके युद्ध और तबाही के तरीके ने हम लोगों और ढेर सारे फिलिस्तीनी अमेरिकी और मुस्लिम अमेरिकियों की आंखें खोल दी हैं। आप कहां खड़े हैं हम इसको याद रखेंगे।