भोपाल: “खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी”। प्रसिद्ध कवित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की इस कविता को तो आपने सुना ही होगा। तमाम लोग आरोप लगाते हैं कि सुभद्रा कुमारी चौहान की मूल कविता का एक हिस्सा हटा दिया गया था, जिसमें सिंधिया राजघराने पर टिप्पणी थी। भाजपा सांसद डॉ केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर उनके परिवार पर हमला बोला है। केपी यादव ने कहा- आज देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ नहीं, बल्कि 175 वीं वर्षगांठ मना रहा होता। लेकिन क्या करें! कुछ गद्दारों ने रानी लक्ष्मीबाई को धोखा दे दिया था।
गुना-शिवपुरी से सांसद डॉ केपी सिंह यादव ने सिंधिया का नाम लिए बिना उनपर हमला बोला। केपी यादव ने कहा कि आज देश अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगांठ नहीं, बल्कि 175 वीं वर्षगांठ मना रहा होता। लेकिन कुछ लोगों ने गद्दारी की। सिंधिया के तंज कंसते हुए कहा कि आजकल कुछ नेता ये भी कहते हैं कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है।
क्या कहा केपी यादव ने
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई भी हमारे पास झांसी की ही थीं। उनके शौर्य के बारे में भी हम सभी जानते हैं। हम सब यह भी जानते हैं कि अगर उस समय कुछ लोगों ने उनके साथ गद्दारी नहीं कि होती, तो शायद हमारा देश 75वीं वर्षगांठ नहीं मना रहा होता स्वतंत्रता की, बल्कि 175वीं वर्षगांठ मना रहा होता। हम 100 साल पहले ही आजाद हो गए होते। केपी यादव के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है।
सिंधिया के सबसे करीब थे
केपी यादव पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने कांग्रेस के साथ जुड़कर 2004 में राजनीति में एंट्री ली। धीरे-धीरे वे , सिंधिया की पसंद बन गए और जल्द ही वे सांसद प्रतिनिधि बन गए थे। मध्यप्र देश में 2018 के विधानसभा चुनाव हो रहे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया तब कांग्रेस में ही थे। केपी यादव अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा सीट से अपने लिए कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। लेकिन यादव का टिकट काट दिया गया इस बात से नाराज हो कर के पी यादव कांग्रेस छोड़कर भाजपा में पहुंच गए।
भाजपा ने यादव को भुनाया
2019 के लोकसभा चुनाव में गुना शिवपुरी सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बीजेपी ने केपी यादव को टिकट दे दिया। जब परिणाम आए तो केपी यादव करीब सवा लाख मतों से विजय होकर एक नया इतिहास अपने नाम दर्ज करा चुके थे। बता दें कि सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने और केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद केपी यादव अक्सर उनके साथ नजर आते हैं। हाल ही में सिंधिया उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर घूमा रहे थे।