अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

मप्र के सांसदों ने अपनी परफॉर्मेंस का लोहा मनवाया

Share
  • ओवरऑल टॉप 50 परफॉर्मर में मप्र के 7 सांसद

    संसद में अपनी पुअर परफॉर्मेंस के लिए बदनाम मप्र के माननीयों ने 17वीं लोकसभा के दूसरे बजट सत्र में अपनी परफॉर्मेंस का लोहा मनवाया है। 29 जनवरी से 25 मार्च तक चले संसद के बजट सत्र में मप्र के 29 सांसदों में से अधिकांश ने बेहतर प्रदर्शन किया है। ओवरऑल देखा जाए तो मप्र के माननीय देश में अव्वल रहे।
     देश के सांसदों की अब तक के कार्यकाल के दौरान लोकसभा से लेकर धरातल तक कैसा प्रदर्शन रहा है, इसे लेकर रेटिंग और रैंकिंग जारी हुई है। पार्लियामेंट्री बिजनेस डॉट कॉम द्वारा जारी सूची का आंकलन करने पर मप्र के सांसदों की परफॉर्मेंस अन्य राज्यों के सांसदों से बेहतर रही है। ओवरऑल परफॉर्मेंस में मप्र के 7 सांसद टॉप 50 में शामिल हुए हैं। उज्जैन के भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया 8वें स्थान पर हैं। वर्तमान में देश के 539 लोकसभा सांसदों में से मप्र के 29 सांसदों में से 28 सांसदों (स्व. नंदकुमार सिंह चौहान को छोडक़र) की लोकसभा में उपस्थित, प्रश्न, वाद-विवाद, गैर सरकारी विधेयक, संसदीय क्षेत्र में उपस्थिति, विकास कार्यों में रुचि, जन समस्याओं के प्रति गंभीरता, सार्वजनिक छवि के आधार पर परफॉर्मेंस का आंकलन करने पर यह तथ्य सामने आया है कि इस बार मप्र के सांसदों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

ताई की पहल पर पहरेदारी

दरअसल, आम लोग अपने जन प्रतिनिधियों का संसद से लेकर धरातल पर कार्य प्रदर्शन कैसा रहा है, यह जानने के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पार्लियामेंट्री बिजनेस डॉट कॉम वेबसाइट का लोकार्पण किया था। यह वेबसाइट देशभर के सांसदों पर नजर रखने के लिए पहरेदार के तौर पर मैदान में काम कर रही है। ये न केवल संसद में उनके कार्य प्रदर्शन की निगरानी रख रही है, साथ ही इस आधार पर उन्हें रेटिंग और रैंकिंग जारी कर रही है। मकसद है इससे जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह वेबसाइट सांसदों की लोकसभा में उपस्थित, प्रश्न, वाद-विवाद, गैर सरकारी, विधेयक, सांसद निधि, संसदीय क्षेत्र में उपस्थिति, विकास कार्यों में रुचि, जन समस्याओं के प्रति गंभीरता, सार्वजनिक छवि के आधार पर रैंकिंग जारी करती है।
इस वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार इस बार मप्र के सांसदों ने लोकसभा में उपस्थिति, सवाल पूछने, डिबेट और पब्लिक रेटिंग में अपना लोहा मनवाया है। गौरतलब है कि एक वर्ष पूर्व जब मप्र के सभी 29 सांसदों की परफॉर्मेंस का आंकलन हुआ था तो वे देश में फिसड्डी साबित हुए थे। उसके बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व, संघ ने सांसदों पर नकेल कसी। इसलिए इस बार मप्र के सांसदों की परफॉर्मेंस बेहतर हुई है। गौरतलब है कि वर्तमान समय में प्रदेश के 28 सांसदों में से 27 भाजपा के हैं।

तोमर, प्रज्ञा, सुधीर, वीडी ने मनवाया लोहा

देश के लोकप्रिय सांसदों में मप्र के 13 सांसद शामिल हैं। इस बार केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता ने पब्लिक रैंकिंग में पूरे 5 अंक हासिल करके अपना लोहा मनवाया है। और देश के लोकप्रिय सांसदों में स्थान पाया है। पब्लिक रैंक में राजस्थान के नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल देश में नंबर-1 स्थान पर हैं। अगर मप्र की बात करें तो सतना सांसद गणेश सिंह 11वें स्थान पर, सीधी सांसद रीति पाठक 67 स्थान पर रहीं। वहीं इंदौर सांसद शंकर लालवानी, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा, खजुराहो सांसद वीडी शर्मा, गजेंद्र सिंह पटेल, रमाकांत भार्गव, हिमाद्री सिंह, नकुलनाथ, छतरसिंह दरबार ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर लगातार सक्रिय रहीं। पहले वर्ष में जहां वे देश की सबसे फिसड्डी सांसद रहीं। वहीं दूसरे वर्ष में उन्होंने न केवल अपनी परफॉर्मेंस में सुधार किया है, बल्कि जनता के बीच लोकप्रियता भी बटोरी है।
गौरतलब है कि सांसदों को उनके कार्य के आधार पर क्षेत्र की जनता द्वारा 5 मापदंडों के अंतर्गत रेटिंग दी जा जाती है। जिसमें क्षेत्र के विकास में योगदान, जनता के बीच कैसी है इमेज, सांसद की क्षेत्र में उपस्थिति, स्थानीय मुद्दों के प्रति गंभीरता तथा जनता की समस्याएं निपटाने के आधार पर रेटिंग में मप्र के 13 सांसदों ने अपना लोहा मनवाया है। नरेंद्र सिंह तोमर की लोकप्रियता कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों से चर्चा के कारण और बढ़ी है। तोमर को सरकार ने इस आंदोलन को मैनेज करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं खजुराहो सांसद तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपनी सक्रियता तथा कार्यप्रणाली से लोकप्रियता हासिल की है। कांग्रेस के एकमात्र सांसद नकुलनाथ ने भी इस बार अच्छा प्रदर्शन किया है। इनकी पब्लिक रेटिंग 4.3 है।

अनिल फिरोजिया टॉप 10 में

संसद और सांसदों के कामकाज पर केन्द्रित वेबसाइट ‘पार्लियामेंट्री बिजनेस डाट काम’ के अध्ययन के मुताबिक मप्र के 29 सांसदों में से 7 सांसद ऐसे हैं जो देश में ओवरऑल टॉप 50 में जगह बना पाए हैं। इनमें उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया 8वें स्थान पर आए हैं और देश के टॉप-10 बेहतर सांसदों में शुमार हुए हैं। इनके अलावा जनार्दन मिश्रा 13वें नंबर पर, उदयप्रताप सिंह 26वें नंबर पर, महेंद्र सिंह सोलंकी 38वें नंबर पर, प्रज्ञा सिंह ठाकुर 40वें नंबर पर, छतरसिंह दरबार 43 नंबर पर और गणेश सिंह 46वें नंबर पर आए हैं।
मप्र के जो 7 सांसद टॉप 50 में शामिल हैं, उनमें से अनिल फिरोजिया, महेंद्र सिंह सोलंकी और प्रज्ञा सिंह ठाकुर पहली बार सांसद बने हैं। वहीं जनार्दन मिश्रा, सुधीर गुप्ता दूसरी बार, उदयप्रताप सिंह और छतरसिंह दरबार तीसरी बार तथा गणेश सिंह चौथी बार सांसद बने हैं। इस सांसदों ने सदन से लेकर अपनी संसदीय क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।

सांसदों की परफॉर्मेंस से संघ खुश
17वीं लोकसभा का दूसरा साल अभी पूरा नहीं हुआ है। लेकिन मप्र के भाजपा सांसदों की परफॉर्मेंस से आरएसएस गदगद है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि सांसद बनने के एक साल के दौरान मप्र के सांसदों की परफॉर्मेंस चिंताजनक थी। उस दौरान संसद में उनकी गतिविधियों, संसदीय क्षेत्र में उनकी सक्रियता और विकासात्मक कार्यों के आधार पर आकलन करने पर यह तथ्य आया था कि प्रदेश के एक भी सांसद का प्रदर्शन औसत दर्जे का भी नहीं था। सांसदों की परफॉर्मेंस को पांच कटेगरी में बांटकर आंकलन किया गया था। पहली कटेगरी एक्सीलेंस की थी। इसमें वे सांसद शामिल किए गए थे जिनका ओवरऑल परफॉर्मेंस 90 प्रतिशत से ऊपर रहा। उसके बाद गुड की कटेगरी में 65 से लेकर 90 प्रतिशत वाले, एवरेज कटेगरी में 35 से 65 प्रतिशत वाले, औसत से नीचे की कटेगरी में 35 प्रतिशत से नीचे वाले और 0 प्रतिशत वाले नॉन फरफॉर्मर की कटेगरी में। मप्र के 5 सांसद नॉन फरफॉर्मर रहे थे, वहीं 20 औसत से नीचे की कटेगरी में। लेकिन इस बार मप्र भाजपा के लगभग सभी सांसदों ने किसी न किसी कैटगरी में अपना लोहा मनवाया है।
जानकारी के अनुसार, संघ ने जनवरी 2020 में अपने अनुषांगिक संगठनों से भाजपा के सभी 303 सांसदों की परफॉर्मेंस का आकलन करवाया था। अनुषांगिक संगठनों ने संसदीय क्षेत्र में सांसदों की सक्रियता, उनके द्वारा अनुमोदित विकास कार्यों, सांसद निधि के उपयोग, सांसद आदर्श ग्राम की स्थिति, केंद सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार और सांगठनिक गतिविधियों में भागिदारी के आधार पर परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें सबसे पुअर परफॉर्मेंस मप्र के सांसदों की रही थी। उसके बाद संघ ने भाजपा संगठन के साथ मिलकर सांसदों के लिए कार्यक्रम तैयार करवाया। उस कार्यक्रम के साथ सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्र में सक्रिय किया गया। साथ ही संसद में उपस्थित रहने और संसदीय गतिविधियों में शामिल रहने की हिदायत भी दी गई थी। उसके बाद सांसदों की बेहतर परफॉर्मेंस सामने आई है।

मप्र सांसदों की परफॉर्मेंस

17वीं लोकसभा के दूसरे बजट सत्र के दौरान मप्र के 28 सांसदों में से अधिकांश ने संसद में अपनी सक्रियता का प्रदर्शन किया। सांसदों ने सवाल पूछने और डिबेट में बेहतर प्रदर्शन किया है। संसदीय क्षेत्र में भी इनकी सक्रियता बराबर बनी रही। वहीं कुछ सांसद ऐसे भी रहे जिनका इस बार प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। सूत्र बताते हैं की भाजपा का केंद्रीय संगठन ऐसे सांसदों को एक बार फिर से उनको अपनी परफॉर्मेंस बेहतर करने की सीख देगा।

संध्या राय: भिण्ड की सांसद संध्या राय की संसद में उपस्थिति 75.86 प्रतिशत रही। इसे अच्छी परफॉर्मेंस नहीं माना जाता है। वहीं सवाल पूछने और डिबेट में इनकी भागीदारी खराब रही। इन्होंने इस बार संसद में एक भी सवाल नहीं पूछा। वही 2 डिबेट में वे भागीदार बनीं। वहीं संसदीय क्षेत्र में इनकी सक्रियता भी कम रही। पब्लिक रेटिंग में भी इनकी पूअर परफॉर्मेंस रही। इन्हें एक भी अंक नहीं मिला है।

विवेक नारायण शेजवलकर: ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर की संसद में उपस्थिति 96.55 फीसदी रही। जबकि सवाल पूछने में ये फिसड्डी रहे। सदन में इन्होंने मात्र 5 सवाल पूछे। इनकी परफॉर्मेंस 3.45 प्रतिशत रही। डिबेट में इनकी परफॉर्मेंस अच्छी रही और इन्होंने 7 डिबेट में भाग लिया। क्षेत्र के विकास में इनकी परफॉर्मेंस चिंताजनक है। पब्लिक रेटिंग में इनकी स्थिति दयनीय है। इन्हें जनता ने कोई रैंक नहीं दिया है।

केपी यादव: गुना सांसद केपी यादव प्रदेश की संसद में परफॉर्मेंस अच्छी रही और उनकी उपस्थिति 100 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में 40 सवाल पूछे हैं। सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 27.59 प्रतिशत रही, तो ये 9 डिबेट में शामिल हुए। पब्लिक रेटिंग में इनको कोई अंक नहीं मिला है।

राजबहादुर सिंह: सागर सांसद राजबहादुर सिंह की संसद में उपस्थिति 82.76 प्रतिशत रही। वहीं सवाल पूछने और डिबेट में इनकी परफॉर्मेंस शून्य रही। हालांकि क्षेत्र में ये सक्रिय हैं लेकिन इनकी विकास कार्य में भागीदारी चिंतनीय है। इनकी पब्लिक रेटिंग भी चिंतनीय है।

डॉ. वीरेंद्र कुमार: सातवीं बार टीकमगढ़ सांसद बने वीरेंद्र कुमार की संसद में उपस्थिति 100 प्रतिशत रही। वहीं इन्होंने सदन में एक भी सवाल नहीं पूछा है। इन्होंने 16 डिबेट में भाग लिया। क्षेत्र में अच्छी पकड़ के बाद भी विकास कार्य करवाने में इन्होंने कंजूसी दिखाई है। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य है।

विष्णुदत्त शर्मा: खजुराहो सांसद शर्मा की संसद में उपस्थिति 55.17 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में एक भी सवाल नहीं पूछा, जबकि 2 डिबेट में शामिल हुए। इनकी पब्लिक रेटिंग 2.5 प्रतिशत रही।

गणेश सिंह: सतना सांसद गणेश सिंह की संसद में उपस्थित 79.31 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में 19 सवाल पूछे और इनका परफॉर्मेंस 13.1 प्रतिशत रही। इन्होंने 7 डिबेट में भाग लिया। वहीं इनकी पब्लिक रेटिंग 4.01 प्रतिशत है। भाजपा के अन्य सांसदों की अपेक्षा इन्होंने अपने क्षेत्र में विकास कार्य सबसे अधिक करवाया है। दरअसल, इन्होंने अपने पिछले कार्यकाल के अंतिम दिनों में कई विकास कार्यों के लिए फंड आवंटित किया था, जिससे उनकी इस पारी में काम हुए हैं।

जनार्दन मिश्रा: रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा की संसद में उपस्थिति 96.55 प्रतिशत रही। वहीं सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 1.38 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में मात्र 2 सवाल पूछे। वहीं ये 4 डिबेट में शामिल हुए। इनकी पब्लिक रेटिंग 3.13 प्रतिशत रही।

रीति पाठक: सीधी सांसद रीति पाठक की संसद में उपस्थिति 93.1 प्रतिशत रही। वहीं सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 17.14 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में 25 सवाल पूछे हैं। ये 7 डिबेट में भी शामिल रहीं। संसदीय क्षेत्र में इनकी लोकप्रियता बढ़ी है लेकिन विकास कार्य कराने में ये फिसड्डी रही हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग 4.34 प्रतिशत रही।

हिमाद्री सिंह: शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह की संसद में उपस्थिति 100 प्रतिशत रही है। सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 10.34 प्रतिशत रही, यानी इन्होंने 15 सवाल पूछे। वहीं ये 2 डिबेट में शामिल हुईं। इनकी पब्लिक रेटिंग 3 प्रतिशत रही।

राकेश सिंह: जबलपुर सांसद राकेश सिंह की संसद में उपस्थिति 100 प्रतिशत रही। वहीं सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 20 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में 29 सवाल पूछे। वहीं ये 5 डिबेट में शामिल हुए। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य रही।

ढाल सिंह बिसेन: बालाघाट सांसद ढाल सिंह बिसेन की संसद में उपस्थिति 96.55 प्रतिशत रही। इनकी सवाल पूछने में 8.97 प्रतिशत परफॉर्मेंस रही है। वहीं ये 7 डिबेट में शामिल हुए। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य रही है।

उदयप्रताप सिंह: तीसरी बार होशंगाबाद से सांसद बने उदयप्रताप सिंह की संसद में उपस्थिति 86.21 प्रतिशत रही। सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 17.24 प्रतिशत रही। वहीं ये 4 डिबेट में शामिल हुए। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य रही।

रमाकांत भार्गव: विदिशा से पहली बार सांसद बने भार्गव की संसद में उपस्थिति 79.3 प्रतिशत रही है। जबकि सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 13.1 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में 19 सवाल पूछे। ये 1 डिबेट में शामिल हुए। वहीं इनकी पब्लिक रेटिंग 2.47 प्रतिशत रही।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर: भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह की संसद में उपस्थिति 68.97 प्रतिशत रही है। इन्होंने सदन में 10 सवाल पूछे है और इनकी परफॉर्मेंस 6.9 प्रतिशत रही। जबकि 5 डिबेट में शामिल हुईं। इनकी पब्लिक रेटिंग सर्वाधिक 5 रही।

रोडमल नागर: राजगढ़ से दूसरी बार सांसद बने रोडमल नागर की संसद में उपस्थिति 65.52 प्रतिशत रही। वहीं सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 13.1 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में 19 सवाल पूछे हैं। वहीं ये 1 डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य है।

महेंद्र सिंह सोलंकी: देवास सांसद सोलंकी की संसद में उपस्थिति 96.55 प्रतिशत रही। वहीं इन्होंने सदन में एक भी सवाल नहीं पूछा है। जबकि 2 डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य रही है।

अनिल फिरोजिया: उज्जैन सांसद फिरोजिया की संसद में उपस्थिति 75.86 प्रतिशत रही। जबकि सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 31.72 प्रतिशत रही है। इन्होंने 46 सवाल पूछे हैं। वहीं ये 2 डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य रही है।

सुधीर गुप्ता: मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता अपनी दूसरी पारी में भी प्रदेश के सबसे बेस्ट परफॉर्मर रहे हैं। इनकी संसद में उपस्थिति तो 86.21 प्रतिशत रही ही है, वहीं प्रदेश के एकमात्र सांसद हैं जिनकी सवाल पूछने में परफॉर्मेंस अच्छी मानी गई है। इनकी परफॉर्मेंस 64.19 प्रतिशत रही। इन्होंने कुल 93 सवाल पूछे हैं। वहीं 2 डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग पूरे 5 रही है।

गुमान सिंह डामोर: रतलाम सांसद डामोर की संसद में उपस्थिति 68.97 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में एक भी सवाल नहीं पूछा है। जबकि एक डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य रही है।

छतरसिंह दरबार: धार सांसद दरबार की संसद में उपस्थिति 55.17 प्रतिशत रही। इन्होंने सदन में एक भी सवाल नहीं पूछा है। न ही डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग 1 रही है।

शंकर लालवानी: इंदौर सांसद लालवानी की संसद में उपस्थिति 86.21 प्रतिशत रही है। जबकि सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 8.97 प्रतिशत रही है। इन्होंने कुल 13 सवाल पूछे हैं। वहीं 7 डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग 4.36 प्रतिशत रही है।

गजेन्द्र सिंह पटेल: खरगोन सांसद पटेल की संसद में उपस्थिति 72.41 प्रतिशत रही है। वहीं सवाल पूछने में इनकी परफॉर्मेंस 8.28 प्रतिशत रही है। इन्होंने मात्र 12 सवाल पूछे हैं। वहीं 3 डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग 3.6 प्रतिशत रही है।

दुर्गादास उइके: बैतूल सांसद उइके की संसद में उपस्थिति 96.55 प्रतिशत रही है। इन्होंने 1 भी सवाल नहीं पूछा है। जबकि ये 2 डिबेट में शामिल हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग शून्य रही है।

नकुलनाथ: छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ की संसद में उपस्थिति 72.41 प्रतिशत रही है। इन्होंने 1 भी सवाल नहीं पूछा है। ये 1 डिबेट में भी शामिल नहीं हुए हैं। इनकी पब्लिक रेटिंग 4.3 प्रतिशत रही है।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें