भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने हाल ही में दावा किया कि उनकी पार्टी ने भारत को पहला OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) प्रधानमंत्री दिया है. जे.पी.नड्डा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए 128वें संविधान संशोधन विधेयक पर संसद में बोल रहे थे.
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार में केवल तीन OBC सचिव हैं. जे.पी.नड्डा ने राहुल गांधी के इस कथन को ग़लत बताते हुए ये बयान दिया था. जे.पी. नड्डा ने कहा कि सर्विसेज में OBC आरक्षण 1992 में सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद ही लागू किया गया था. उन्होंने कहा कि सचिवों के मौजूदा पैनल के लिए कट-ऑफ़ 1992 था. उन्होंने कांग्रेस से 2004-2014 की अवधि के दौरान OBC सचिवों की संख्या के बारे में पूछा. जब केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सत्ता में थी. उन्होंने कहा, “देश को पहला OBC प्रधानमंत्री बीजेपी-एनडीए ने दिया. ये भी हमें ध्यान रखना पड़ेगा” (उन्होंने ये भी जोड़ा कि भाजपा के 303 लोकसभा सांसद में से 85 सभा सांसद OBC वर्ग से हैं).
संयोगवश, इसी तरह का दावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल मई में अहमदाबाद में समस्त मोदी समाज के राष्ट्रीय सम्मेलन में किया था. अमित शाह ने कहा था, “केंद्र में अपने शासन के दौरान, कांग्रेस ने सिर्फ OBC की उपेक्षा, उत्पीड़न और अपमान करने का काम किया है. कांग्रेस ने अपने 56 साल के शासनकाल में OBC के लिए कुछ नहीं किया. बीजेपी के सत्ता में आते ही पीएम मोदी ने OBC समुदाय को उचित सम्मान दिया. और ये भाजपा ही थी जिसने देश को मोदी के रूप में पहला OBC पीएम दिया.”
क्या पीएम मोदी भारत के पहले OBC प्रधानमंत्री हैं? लंबे समय से चले आ रहे दावे की फ़ैक्ट-चेक
भाजपा-NDA गठबंधन द्वारा भारत को पहला OBC पीएम देने के जेपी नड्डा के दावे पर विपक्षी सदस्यों के एक वर्ग ने आपत्ति जताई. और कहा कि HD देवगौड़ा इस समुदाय से आने वाले पहले पीएम हैं. जब इस विषय पर तीखी बहस हो रही थी उस वक्त सदन में देवगौड़ा भी मौजूद थे.
हरदानहल्ली डोड्डेगौड़ा देवगौड़ा जून 1996 से अप्रैल 1997 तक भारत के 11वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत थे. देवगौड़ा की गठबंधन सरकार 10 महीने सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण समर्थन के बिना संसद में विश्वास मत हारने की वजह से गिर गई थी.
पहले भी देवगौड़ा ने कहा था कि वो “बेशक” भारत के पहले अन्य पिछड़ा वर्ग यानी OBC प्रधानमंत्री हैं. देवगौड़ा ने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दावे के बाद ये बयान दिया था. अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में इसी तरह का दावा किया था कि वो OBC समुदायों से पहले व्यक्ति हैं जो देश के सबसे उंचे पद पर कार्यरत हैं. देवगौड़ा ने कहा था, “मैं बेशक देश का पहला OBC पीएम हूं. अमित शाह ग़लत हैं. और बीजेपी OBC की कहां मदद करती है?”
देवगौड़ा ने कहा था कि उनके समुदाय वोक्कालिगा के लोग ज़मीन के मालिक और किसान हैं. इन्हें केंद्र और कर्नाटक द्वारा नियुक्त प्रत्येक आयोग द्वारा हमेशा “आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े” के रूप में पहचाना गया है. उन्होंने कहा, “मुझे OBC छात्र के रूप में छात्रवृत्ति मिलती थी.” उन्होंने कहा कि उनके समुदाय को OBC सूची में शामिल करने की लड़ाई किसी और ने नहीं बल्कि तमिलनाडु में पेरियार ने उठाई थी. देवगौड़ा ने कहा, “शुरू से ही हमारा समुदाय पिछड़ी जातियों की सूची का हिस्सा है और इस मुद्दे पर कोई विवाद ही नहीं है.”
जैसा कि कुछ सदस्यों ने संसद में जे. पी.नड्डा के दावे का विरोध किया, इस पर जे. पी.नड्डा ने कहा, “मैं कांग्रेस के बारे में बात कर रहा हूं… मैं कांग्रेस के बारे में बात कर रहा हूं, उनके बारे में नहीं. देवगौड़ा जी हमारे हैं. मैं कांग्रेस की बात कर रहा हूं, जनता दल की बात नहीं कर रहा हूं. NDA ने पहला OBC पीएम दिया है, वो हैं नरेंद्र मोदी”.
ये भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि चरण सिंह, जो जुलाई 1979 और जनवरी 1980 तक 5वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत थे, एक जाट थे. राजस्थान 1999 में जाट समुदाय को OBC लाभ देने वाला पहला राज्य था. गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों में जाटों को OBC की केंद्रीय सूची में शामिल किया गया है.
कुल मिलाकर, ऐसे कई सबूत हैं जिनसे ये पता चलता है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावों से अलग, नरेंद्र मोदी भारत के पहले OBC प्रधानमंत्री नहीं हैं.