सुसंस्कृति परिहार
खैरियत है तीन दिन की बहस के बाद मुकुल रोहतगी को आर्यन खान को जमानत मिलने में सफलता मिल गई।वे कल या परसों मन्नत पहुंचेंगे।उनके दीदार करने वालों ने आज ही वहां मजमा लगा लिया था जिनको सलाम करने आर्यन के अनुज अबाराम छत पर आए ।गजब का परिवार मां गौरी बेटे आर्यन और अबाराम ।जाने क्यों इन बच्चों के नामों पर किसी की नज़र नहीं गई। आर्यन के जेल में ये दिन कैसे गुजर रहे थे उसे मीडिया ने ज़रुर ख़ूब बताया किसी की तकलीफ़ और दिखाने का भरपूर आनंद लिया गया । हां,एक महत्वपूर्ण बात ये हुई कि आर्यन के मांगने पर जेल पुस्तकालय से जो दो पुस्तकें उसे पढ़ने मिलीं उनमें एक राम सीता की भी थी इस पर भी कोई आपत्ति नहीं जताई गई क्या यह भी कोई षड्यंत्र का हिस्सा था।यदि वह लेने से इंकार कर देता।
जस्टिस नितिन साम्ब्रे की अदालत ने आर्यन और उनके साथ दो आरोपियों को तीन दिन की लगातार सुनवाई के बाद जमानत दे दी है। ASG अनिल सिंंह ने NCB की तरफ से गुरुवार को जमानत का विरोध किया।जिसका दो टूक जवाब देकर प्रतिप्रश्न करते हुए मुकुल रोहतगी ने अदालत को जमानत के लिए राजी कर लिया।
बहरहाल, मुंद्रा पोर्ट पर पकड़ी गई 21हजांर करोड़ की हैरोइन इस घटना से मीडिया में भली नज़र नहीं आई हो पर आर्यंन की चर्चा के साथ ये मामला लगातार सोशल मीडिया पर छाया रहा और लगभग सभी लोग एन सी बी के आचरण पर ऊंगली उठाते रहे जमानत की ख़बर के बाद फिर अडानी के मुंद्रा पोर्ट की हैरोइन पर सवाल दागे जाने रहे हैं।अब तो बताओ कि उस मामले का क्या हुआ ?
सबसे बड़ी बात तो यह हुई कि एन सी बी किस तरह कार्य करती है। प्राइवेट सेक्टर के दो भाजपा के मवालियों से उसका जो रिश्ता उजागर हुआ है।नवाब मलिक को इसीलिए कहना पड़ा कि जेल भेजने वाला आज ख़ुद हाईकोर्ट से अग्रिम बेल मांग रहा है।
आज क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के बारे में एनसीबी को सूचना देने वाले बीजेपी कार्यकर्ता को मुंबई पुलिस ने तलब किया है। एनसीबी को पार्टी की जानकारी देने वाले और छापेमारी के दौरान गवाह रहे बीजेपी कार्यकर्ता मनीष भानुशाली को आज पूछताछ के लिए भी बुलाया गया था।
वस्तुत:यह मामला ड्रग्स के पकड़े जाने का ही मामला नहीं है इसमें समीर वानखेड़े को जिस तरह फंसाया जा रहा उसमें शातिर राजनैतिज्ञ अपराधी भी जुड़े हैं मामला सिर्फ और सिर्फ एक अरबपति कलाकार की लूट का ही लगता है।लोग तो अब यह भी कहने लगे हैं कि एक दिन वानखेड़े का ये गिरोह जीवन भी समाप्त कर सकते हैं। एन सी बी मुंद्रा पोर्ट के इतने बड़े मामले पर चुप्पी साध सकती है तो इतने छोटे मामले को क्यों तूल देती। गांधी जयंती पर समीर का यह कार्य अनुचित नहीं था लेकिन जिस तरह इसे हैंडिल किया गया इसकी तफ़्तीश अदालत करेगी तभी इसके उद्देश्य और लक्ष्य को जाना जा सकेगा। आर्यन बड़े बाप का बेटा ना होता तो कल्पना करिए उसका क्या यही हश्र होता ?जेल से बेल का जो खेल चला उसे भी समझना होगा।
कुल मिलाकर एन सी बी आज जिस भूमिका में है वह खतरे से खाली नहीं।यदि एन सी पी नेता नवाब मलिक ने अंदर के फोटो शेयर ना किए होते तो क्या एन सी पी का यह चेहरा उजागर होता ।समीर वानखेड़े जिसे मोहरा बनाया गया है उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए वे मुंबई एनसीबी के जोनल डायरेक्टर हैं। विदित हो उनके जोनल डायरेक्टर बनने के बाद महज दो साल में ही एनसीबी ने करीब 17 हजार करोड़ रुपये के नशे और ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया।