*पेड़ बचाने से ही सुधरेगा पर्यावरण, हर साल रोपे जाते हैं लाखों पौधे, लेकिन वे पेड़ बनते हैं या नहीं यह देखने वाला कोई नहीं*
*शहर की हरियाली को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी इंदौर समूह का गठन*
इंदौर । ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रहे शहर के पर्यावरण को बचाने के लिए इंदौर के पर्यावरण प्रेमी नागरिकों ने बैठक कर निर्णय लिया कि इंदौर में पेड़ों को बचाने के लिए नर्मदा आंदोलन के जैसा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न राजनीतिक सामाजिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं में लगातार अभियान चलाने के लिए अपना संकल्प दोहराया ।
अभिनव कला समाज के सभागृह म बड़ीसंख्या में शहर के पर्यावरण प्रेमी इक्कट्ठा हूंए और करीब 3 घंटे तक उन्होंने शहर के बिगड़ते पर्यावरण विकास के लिए बंटी योजनाएं और उसके लिए कैट पेड़ों को के लिए चिंता प्रकट की और संकल्प लिया कि आगे से इंदौर में चाहे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हो चाहे मेट्रो ट्रेन का प्रोजेक्ट किसी के लिए भी विद्यमान पेड़ों को हटाने नहीं देंगे ।
बैठक में उपस्थित विभिन्न वक्ताओं का कहना था कि एक दिन पर्यावरण दिवस मनाने से पर्यावरण नहीं बचेगा ।बल्कि इसके लिए सतत अभियान चलाना पड़ेगा। शहर के पेड़ों को बचाने के लिए नर्मदा आंदोलन की तरह गैर राजनीतिक जन आंदोलन की जरूरत है वक्ताओं का कहना था कि हर साल पौधा रोपण तो खूब होता है। वृक्षों की रक्षा के लिए कानून भी है ,लेकिन ना कानून का पालन होता है और ना ही लगाए गए पौधे जिंदा है या मर गए यह देखने की भी किसी को फुर्सत नहीं है ।
बैठक में शहर के पर्यावरण प्रेमी नागरिकों और संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारी ,राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक अभिनव कला समाज सभागृह में वरिष्ठ मजदूर नेता श्याम सुंदर यादव की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में विभिन्न संगठनों से जुड़े नागरिकों ने पूरे मन से हिस्सेदारी करते हुए शहर के पर्यावरण को बचाने के लिए इसे एक जन आंदोलन बनाने का निर्णय लिया ।
बैठक में सर्वश्री प्रवीण खारिवाल, अरविंद पोरवाल, अजय लागू , रामस्वरूप मंत्री, श्याम सुंदर यादव, अभय जैन, संदीप खानविलकर, आलोक बाजपेई , ओ पी जोशी, अशोक गोलाने, अशोक दुबे, रुद्रपाल यादव, सील शेरावत, प्रमोद नामदेव , युक्ता बर्वे, प्रार्थना दुबे, पुरुषोत्तम यादव, दिलीप वाघेला सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
इसके लिए इंदौर के पर्यावरण प्रेमी नागरिक समूह का गठन करने और आगामी दिनों में शहर के पेड़ों को बचाने तथा पर्यावरण के लिए शहर में जन आंदोलन खड़ा करने की कोशिश तेज करने का निर्णय लिया गया बैठक में 50 से ज्यादा संगठनों से जुड़े पदाधिकारी और युवाओं ने हिस्सेदारी की ।