रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की साधारण सभा की बैठक नयी दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज में हुई। बैठक में 15 सितंबर से 26 नवंबर तक आंदोलन के कई कार्यक्रम तय किए गए। इसी के साथ आंदोलन का नया दौर शुरू होगा।
बैठक की अध्यक्षता कामरेड रुल्दु सिंह, तेजिन्दर सिंह बिर्क, हन्नान मोला, दर्शन पाल और राकेश टिकैत ने की। की साधारण सभा की पिछली बैठक के बाद से अब तक की गतिविधियों की संक्षिप्त रिपोर्ट पेश की गयी। बैठक में समन्वय समिति का विस्तार करने और उसे पुनर्गठित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में समन्वय समिति से योगेन्द्र यादव के इस्तीफे पर भी चर्चा हुई और उनका इस्तीफा सर्वसम्मति से मंजूर किया गया। हालांकि उनका संगठन जय किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा बना रहेगा। समन्वय समिति में जय किसान आंदोलन का प्रतिनिधित्व अब अविक साहा करेंगे।
बैठक में आनेवाले दिनों में आंदोलन के कई कार्यक्रम तय किए गए। एमएसपी की कानूनी गारंटी, बिजली बिल की वापसी, कर्जमाफी, वाजिब फसल बीमा, किसानों के लिए पेंशन, अजय मिश्रा टेनी की केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, किसानों पर थोपे गए झूठे मुकदमे वापस लेने और शहीद किसानों के परिवारों के लिए सहायता, इन मुद्दों पर आगामी कार्यक्रम केंद्रित रहेंगे।
इन मुद्दों को लेकर 15 से 25 सितंबर तक पूरे देश में ब्लाक और तहसील स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।
26 सितंबर को देश भर में सांसदों-विधायकों को मांगपत्र सौंपेंगे।
3 अक्टूबर को लखीमपुर के चार किसानों और एक पत्रकार की शहादत को एक साल पूरा होगा। संयुक्त किसान मोर्चा इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि देगा, साथ ही अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल में बनाए रखने, बेगुनाह किसानों को जेल में बंद रखने और पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता तथा नौकरी देने के वायदे से मुकर जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस केंद्र सरकार के पुतले फूंक कर किसान अपना आक्रोश जाहिर करेंगे।
26 नवंबर को दिल्ली धरनों का दूसरा साल पूरा होने पर राज्यों की राजधानियों में राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। दिल्ली मोर्चा से हटते समय सरकार ने जो वायदे किए थे वे अभी तक पूरे नहीं हुए। सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में किसान अपना आक्रोश दर्शाएंगे।