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नई तबादला नीति…रहेगा एससी,एसटी इलाकों पर फोकस

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भोपाल। मध्यप्रदेश में तबादलों का दौर अगले हफ्ते से शुरू होने की पूरी संभावना बन चुकी है। इसके लिए नई तबादला नीति बनकर तैयार है, बस इस पर कैबिनेट की मुहर लगना ही शेष है। इसके लिए उसे अगली बैठक में पेश किए जाने की संभावना है।  खास बात यह है की नई तबादला नीति में एससी और एसटी इलाकों पर ही जोर रहने वाला है।


नई नीति के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट में किए गए प्रावधान के मुताबिक यदि कोई कर्मचारी स्वेच्छा से अपना तबादला चाहता है तो उसे ऑनलाइन  ही आवेदन करना होगा। विशेष परिस्थिति में ही ऑफलाइन तबादला हो सकेगा। जिस तरह शिक्षकों के ट्रांसफर ड्राफ्ट में ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया लागू की गई है, उसी तरह अन्य विभागों में स्वेच्छा से ट्रांसफर करवाने वाले कर्मचारी को ऑनलाइन आवेदन  करना होगा। इस साल की नई ट्रांसफर नीति अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों तथा मंत्रालय के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी। सरकार द्वारा जारी की जाने वाली एकजाई नीति से हटकर विभाग अपने-अपने स्तर पर भी नीति जारी कर सकेंगे।  सूत्रों के मुताबिक ट्रांसफर पर लगे बैन को 15 अगस्त से 15 सितंबर तक के लिए हटाया जा सकता है। इसके तहत सबसे पहले एसटी, एससी क्षेत्रों में रिक्त पदों को भरने की कवायद की जाएगी। इसके लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट को मंजूरी के लिए पहले वरिष्ठ सचिव समिति में भेजा जाना है, जिसके बाद ही उसे कैबिनेट में भेजा जाएगा।
जिलों में प्रभारी मंत्रियों को रहेंगे अधिकार
डीएसपी, राप्रसे के अधिकारी, एसीएफ, तहसीलदार आदि के मामले में राज्य स्तर से ट्रांसफर होने के बाद जिलों में पोस्टिंग प्रभारी मंत्री के परामर्श उपरांत कलेक्टर और एसपी कर सकेंगे। जिला स्तर और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के ट्रांसफर बिना प्रभारी मंत्री की सहमति के नहीं हो सकेंगे।
इस तरह के प्रावधान
तबादला नीति के तैयार ड्राफ्ट में किए गए प्रावधानों के मुताबिक अगर किसी विभाग में 2 हजार कर्मचारी हैं तो उसके पांच फीसदी तक ही तबादले किए जा सकेंगे। इसी तरह से 200 कर्मचारी होने पर 20 प्रतिशत,  संवर्ग में 200 से 2,000 कर्मचारी होने पर 10 प्रतिशत तक तबादले किए जा सकेगें।  इसी तरह से जिन कारणों को विशेष परिस्थिति में शामिल किया गया है उनमें शारीरिक, मानसिकता, दिव्यांगता , ऐसे न्यायालयीन निर्णय, जिसके माध्यम से दिए गए आदेश का कोई विधिक विकल्प नहीं बचा हो, शासकीय सेवा की अत्यंत गंभीर शिकायत, अनियमितता, लापरवाही सिद्ध होने , लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू द्वारा कर्मचारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर ट्रांसफर किया जाएगा। इसके अलावा  प्रथम श्रेणी अधिकारियों, तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों को 3 साल पूर्ण होने पर तबादला होगा।

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