अपराधियों को पकड़ना और सजा दिलाना , अपराध की इतिश्री नहीं
पुलिस कमिश्नर प्रणाली भी नहीं रोक पाई सामूहिक बलात्कार
रीवा । समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे , वरिष्ठ नेत्री मीरा पटेल और नारी चेतना मंच की अध्यक्ष सुशीला मिश्रा ने कहा है कि देश में सख्त से सख्त कानून के बावजूद बलात्कार के मामले थम नहीं रहे हैं । यह देखने को मिलता है कि जब बलात्कार का कोई बड़ा मामला सुर्खियों में होता है , जिससे जनता के बीच शासन प्रशासन की छवि धूमिल होने के साथ थू थू होने लगती है तब बलात्कारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने , उन्हें पकड़ने के अलावा तब उनके खिलाफ और कोई गैर कानूनी गतिविधियों का मामला सामने लाकर आनन-फानन कार्यवाही करके वाहवाही लूटी जाती है। मध्यप्रदेश में कानून का राज एक तमाशा बन गया है ।
प्रदेश के इंदौर जैसे शहर में जहां कानून व्यवस्था में बेहतर सुधार के नाम पर महज 1 माह पहले पुलिस कमिश्नर की तैनाती की गई है , बलात्कार की घटनाएं नहीं रुक रही हैं । वहां क्षिप्रा थाना अंतर्गत आने वाला एक फार्म हाउस अवैध गतिविधियों का अड्डा बना हुआ था , जिसकी भनक इंदौर पुलिस को तब तक नहीं मिली जब तक सामूहिक बलात्कार की इस खौफनाक घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण अंजाम नहीं मिल गया । बलात्कार के आरोपी के गिराए गए फार्म हाउस को लेकर प्रशासन का कहना है कि उसका निर्माण कार्य गलत था , जिस वजह से उसको जमींदोज कर दिया गया । यदि इस तरह के काम पहले कर दिए जाते तो अवैध निर्माण स्थल में अवैध गतिविधियों को बढ़ावा नहीं मिलता । मध्यप्रदेश में ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं जिसमें अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके घर गिरा दिए गए । इस तरह के हर मामले में प्रशासन ने जमींदोज किए गए घरों को अवैध निर्माण बताया है। संवेदनशील मौकों पर प्रशासन की इस तरह की कार्रवाई से लोगों को सरकार की सक्रियता का एहसास होने के साथ उसके खिलाफ गुस्सा कम होता है जबकि सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए इस तरह की उग्र कार्रवाई करके वाहवाही लूटती है। आखिरकार यह समझ में नहीं आता है कि यदि कोई निर्माण कार्य अवैध है तो उसे समय रहते गिरा देने के बजाय सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए किसी बड़ी घटना का इंतजार क्यों किया जाता है । सरकार को बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस पहल करना चाहिए । अपराधियों को पकड़ना और सजा दिलाना अपराध की इतिश्री नहीं है। आए दिन होने वाले बलात्कार की घटनाएं प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल बनी हुई है । इस तरह की अत्यंत शर्मनाक बर्बर वारदातें , सरकार और समाज पर भारी कलंक हैं , जिसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।