नरेंद्र मोदी देश के सबसे शानदार वक्ता माने जाते हैं। आम जनता और भक्त आज तक इस भ्रम में जी रहे थे कि मोदी जी तमाम मंचों से जो घंटे घंटे भर धाराप्रवाह बोलते हैं वो स्वतःस्फूर्त बोलते हैं, लिखा हुआ नहीं पढ़ते।
लेकिन हाय रे टेलीप्रॉम्पटर कल तूने दग़ा दे ही दिया। कल वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम को संबोधित करने के सातवें मिनट में टेलीप्रॉम्टर खराब हो गया। जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बीच में ही अपने भाषण को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी वहाँ मौजूद लोगों को इशारा करते हुए भी दिखाई दिए। दरअसल टेलीप्रॉम्पटर टीवी जैसा दिखता है जिस पर स्क्रिप्ट लिख कर आती है। यानी क्या बोलना है वो टेलीप्रॉम्टर पर लिखा होता है।
इसके बाद प्रधानमंत्री अपनी इमेज बचाने के लिये बहाने बनाने लगे। वो परेशान होकर वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के चेयरमैन क्लॉस शेवाब से पूछते हैं कि आवाज़ आ रही है ना। जिसके जवाब में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के चेयरमैन क्लॉस शेवाब कहते हैं कि आवाज़ आ रही है, हजारों लोग आपको सुन रहे हैं, आप बोलिए प्रधानमंत्री महोदय।
थोड़ी देर बाद पीएम मोदी अपना संबोधन शुरु से शुरू करते हैं। उन्होंने करीब आधे घंटे तक वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम को संबोधित किया। इस पर सरकार का आधिकारिक बयान अब तक नहीं आया है।
इतना झूठ Teleprompter भी नहीं झेल पाया।
देखते ही देखते प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की हकलाने वाली वीडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हो गई। वीडियो वायरल होते ही विपक्ष पीएम मोदी पर निशाना साधने लगा है। इस घटना के बाद कांग्रेस ने #TeleprompterPM ट्रेंड कराना शुरु कर दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है – “इतना झूठ Teleprompter भी नहीं झेल पाया।”
कॉंग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा कि क्या यही वजह है कि पीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते हैं।
प्रेस कॉन्फ़्रेंस को लेकर मोदी को इसलिए घेरा जाता है कि 8 साल से एक भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस नहीं की है प्रधानमंत्री ने। हर भाषण टेलीप्रॉम्पटर से पढ़ते हैं। दांयें, बांयें लगी हुई ऐसी स्क्रीन जिसमें स्क्रिप्ट लिखी हुई आती है। फिर किसी राजनीतिक भाषण के मंच पर हों, चुनावी मंच पर या बतौर पीएम देश विदेश में संबोधन, नरेंद्र मोदी हर जगह टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल करते हैं। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में वो ऐसा नहीं कर पाएँगे क्योंकि वहाँ पत्रकारों के सवाल होंगे और उसके सीधे जवाब मोदी को देने होंगे।
इतना तो साफ़ है कि टेलीप्रॉम्पटर ख़राब हुआ था या नहीं, पर नरेंद्र मोदी अपना भाषण टेलीप्रॉम्पटर से पढ़कर बोलते हैं ये कांग्रेस देशभर को बताने में कामयाब हो गई।
गौरतलब है कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहले से भी यह बात कहते आ रहे हैं कि मोदी जी टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल करते हैं।
टेलीप्रॉम्पटर की बात भाजपाईयों ने कबूली
दूसरी ओर भाजपा समर्थकों का दावा है कि ये सारी समस्या वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की तरफ़ से हुई थी और प्रधानमंत्री मोदी का टेलीप्रॉम्पटर ख़राब नहीं हुआ था। बीजेपी समर्थकों ने भी कहना शुरु कर दिया है कि टेलीप्रॉम्पटर ख़राब नहीं हुआ था, यानी एक तरह से वो भी मान ही रहे हैं कि टेलीप्रॉम्पटर से ही पढ़ते हैं जो एकदम दुरुस्त था।
जीडी बख्शी ने बेशर्मी से कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल करते हैं। मोदी ने किया तो क्या बुरा किया।
शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने क्या कहा
शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत, जो अपनी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मना रहा है और देश में 156 करोड़ वैक्सीन खुराक का प्रशासन भी कर रहा है, ने दुनिया को आशा का एक गुलदस्ता उपहार में दिया है। पीएम मोदी ने कहा, “इस गुलदस्ते में लोकतंत्र में पूर्ण विश्वास, 21वीं सदी को सशक्त बनाने वाली तकनीक, भारतीयों की प्रतिभा और स्वभाव शामिल हैं।”