डॉ. विकास मानव
ChatGPT जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है. साल 2022 में लॉन्च होने के बाद से ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का टूल ChatGPT जबरदस्त रूप से वायरल हो गया है।
यह इस्तेमाल करने वालों को उनके सवालों के आधार पर प्रतिक्रिया देता है। इस आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टूल के मुफ्त सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल दुनिया भर के करोड़ों लोग करते हैं। इनमें स्टूडेंट्स, टीचर्स और अलग-अलग क्षेत्रों में काम करनेवाले लोग भी शामिल हैं।
सबसे पहले मैं ChatGPT के इस्तेमाल से जुड़े दिलचस्प उदाहरण पेश कर रहा हूँ। जरा इन पर ध्यानपूर्वक नजर डालें :
1. एक स्टूडेंट की ओर से असाइनमेंट के लिए बनाई गई स्लाइड में लिखा था ‘जनवरी 2024 में मेरी आखिरी जानकारी के अपडेट के अनुसार…।’ इसी तरह एक रिक्रूटर (नौकरी में भर्ती करने वाला) ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान बताया कि सोशल मीडिया मैनेजर की पोस्ट के लिए 80 रेज्यूमे (Resume) का रिव्यू किया गया था। उनमें से 90 पर्सेंट लोगों ने अपने काम के अनुभव के बारे में लिखी गई पहली 3 लाइनों में ‘अग्रणी’ (Spearhead) शब्द का इस्तेमाल किया था।
2. एक दोस्त ने बताया कि भर्ती के दौरान किसी रिक्रूटर ने मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स से उन नई सुविधाओं पर प्रेजेंटेशन बनाने को दी, जिन्हें वे अपने ब्रैंड के ऐप में जोड़ना चाहते हैं। सभी स्टूडेंट्स ने इस बारे में अपने विचार बताए और प्रेजेंटेशन दी। इसके बाद रिक्रूटर ने खुद भी ChatGPT से वही सवाल पूछकर जवाब मांगा और AI से उस पर एक प्रेजेंटेशन भी बनाने के लिए कहा।
अब जैसा कि आपने अंदाजा लगा लिया होगा कि ChatGPT ने जो प्रेजेंटेशन बनाकर दी, वह काफी हद तक वैसी ही थी जैसी कि ज्यादातर स्टूडेंट्स ने कुछ देर पहले ही पेश की थी।
उपरोक्त उदाहरणों से यह बात तो साफ हो गई कि स्टूडेंट्स बिना अपना दिमाग लगाए, आंखें बंद करके ChatGPT का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिक्रूटर और टीचर भी इसका काफी इस्तेमाल करने लगे हैं। यह अब सामान्य हो चला है।
हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि ChatGPT जैसे AI आधारित सॉफ्टवेयर से काम लिया जाए तो हमारे वक्त की काफी बचत होती है। साथ ही काम की चिंता भी कम होती है। ऐसे सॉफ्टवेयर स्टूडेंट्स की भाषा और लिखने के स्किल में भी सुधार लाते हैं। उनका कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है। जब वक्त पर काम पूरा करना हो तो ये AI टूल बहुत काम के साबित होते हैं।
जो स्टूडेंट अपनी क्लास में सवाल पूछने से झिझकते हैं, उनके लिए तो यह बहुत बढ़िया है क्योंकि उन्हें तनावमुक्त वातावरण मिल जाता है। वे बेझिझक सवाल पूछ लेते हैं और स्पष्टीकरण या मदद मांग सकते हैं।
लेकिन~
इसका दूसरा पहलू भी है, जिस पर स्टूडेंट्स और टीचर्स को जरूर ध्यान देना चाहिए। ऐसे सॉफ्टवेयर पर बहुत ज्यादा निर्भरता से क्वॉलिटी और क्रिएटिविटी कम हो रही है। सटीकता और गहरी जानकारी का भी अभाव हो रहा है। यह सामाजिक कौशल को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
रिसर्च में यह भी सामने आया है कि ऐसे AI पर आधारित प्लैटफॉर्म स्टूडेंट्स को संभावित पूर्वाग्रहों और हीन भावना की ओर भी प्रेरित करते है।
हर छोटे काम के लिए ChatGPT का इस्तेमाल करने से आजकल स्टूडेंट अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. इस तरह वे अपने दिमाग, कौशल और चिंतन-मनन की क्षमता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
आज ChatGPT और ऐसे AI पर आधारित दूसरे सभी प्लेटफॉर्म बहुत आसानी से और स्पीड से मांगी गई जानकारी मुहैया करवा रहे हैं। लेकिन ये जीने के लिए जरूरी स्किल तैयार में रुकावट भी बन रहे हैं।
‘अति सर्वत्र वर्जयेत्’ यानी किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल नुकसान देता है। फिर चाहे वह होमवर्क हो या असाइनमेंट, रेज्यूमे हो या प्रेजेंटेशन की तयारी।
किसी भी स्टूडेंट को ChatGPT का इस्तेमाल करने से पहले दो बार सोचना चाहिए और ऐसे प्लैटफॉर्म्स की ओर से दी जाने वाली जानकारियों को समझकर दूसरी जगहों से भी पड़ताल कर लेना चाहिए।
ChatGPT और ऐसे दूसरे प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल न सिर्फ हमारे लिए उपयोगी है बल्कि आज वक्त की मांग भी है। लेकिन इसका इस्तेमाल करते वक्त यह देखना जरूरी है कि हम इसकी सीमाएं तय करें और उन पर कड़ाई से अमल करें। सही दिशा में और संतुलित तरीके से ऐसे प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल न केवल हमारी जानकारी बढ़ा सकता है बल्कि इसे नैतिकता और जिम्मेदारी के साथ भी जोड़कर रख सकता है।
*यहां करें AI इस्तेमाल :*
-काम के लिए उपयोगी नई AI बेस्ड ऐप्लिकेशन तैयार करने में.
-शिक्षा के क्षेत्र में, लेकिन AI की ओर से दिए गए नतीजों की पड़ताल के बाद, क्योंकि ये मॉडल कभी भी पूरी तरह से सही नहीं हो सकते.
-टाइम मैनेजमेंट, अपने कामों की लिस्ट तैयार करने में, एडमिनिस्ट्रेशन के कामों में मदद के लिए.
*यहां इस्तेमाल न करें :*
-असाइनमेंट और प्रफेशनल कामों के लिए राइटिंग में क्योंकि ChatGPT जैसे AI टूल करीब एक जैसे ही शब्दों और संरचना का इस्तेमाल करता है
-जब आप अपने अनूठे विचारों को पेश करके किसी क्षेत्र में सबसे आगे जाना चाह रहे हों.
-ऐसे AI टूल हमारे लेखों से भी खुद को अपडेट करते हैं। इसलिए वहां अपना आर्टिकल अपलोड करने से सोच लें क्योंकि अब आपका आर्टिकल दूसरों के इस्तेमाल और कॉपी करने के लिए उपलब्ध रहेगा.
AI कभी इंसान की जगह नहीं ले सकती। सचेत रहकर इसे इस्तेमाल करें। आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि रचनात्मकता, ज्ञान और आलोचनात्मक सोच सिर्फ इंसानों के पास ही है।
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