भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल के मालवीय नगर में पत्रकार भवन बनाया जाएगा। इसे नया स्वरूप देंगे। ये मॉडर्न फैसिलिटी से लैस होगा। CM हाउस में मुख्यमंत्री ने गुरुवार को हुए पत्रकार समागम में कई घोषणाएं की।
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी ने इस बार प्रीमियम की राशि 27% बढ़ा दी है। बढ़ी हुई प्रीमियम राशि देना कई पत्रकारों के लिए कठिनाई पैदा करेगा, इसलिए हमने तय किया है प्रीमियम की राशि पिछले साल की तरह ली जाएगी। बढ़ा हुआ भार राज्य सरकार वहन करेगी। बीमा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर से बढ़ाकर 25 सितंबर कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा, ‘इस चुनाव के बाद भी हम ही रहने वाले हैं, लेकिन ये सब चीजें पहले ही पूरी कर दूंगा। बाद में भी इसे आगे बढ़ाने का काम हम ही करेंगे।’
स्टेट मीडिया सेंटर होगा नया पत्रकार भवन
CM ने कहा, ‘मालवीय नगर में पत्रकार भवन तोड़ दिया गया। जमीन वैसी ही पड़ी हुई है। इस भवन को नया स्वरूप देने का संकल्प मन में आया है। यह भवन स्टेट मीडिया सेंटर का स्वरूप लेगा। यहां पत्रकार वार्ता और दूसरी एक्टिविटीज के लिए आधुनिक सुविधाएं होंगी। लाइब्रेरी, कैंटीन और जो भी जरूरत हो सकती है व्यवस्था करेंगे।
CM ने ये ऐलान भी किए
- 65 साल से अधिक उम्र के सीनियर पत्रकार, उनकी पार्टनर (पति या पत्नी) के बीमा का पूरा प्रीमियम सरकार के द्वारा ही भरा जाएगा।
- पत्रकारों, उनके आश्रितों को सामान्य बीमारियों में अभी तक आर्थिक सहायता का प्रावधान 20000 रुपए था। इसे बढ़ाकर 40000 रुपए कर रहे हैं।
- गंभीर बीमारियों के लिए 50000 से बढ़ाकर इसको सीधा 100000 रुपए किया जाएगा। अगर और कोई जरूरत होगी तो सरकार ध्यान रखेगी।
- बुजुर्ग पत्रकारों को सम्मान निधि अब तक 10000 रुपए प्रतिमाह दी जाती थी। इसको भी बढ़ाकर 20000 रुपए किया जा रहा है।
- सम्मान निधि प्राप्त करने वाले पत्रकार के निधन पर उनकी पत्नी को 800000 रुपए की सहायता एकमुश्त दी जाएगी।
- अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत अधिकतम ऋण की सुविधा 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपए की जाएगी।
- अधिमान्य पत्रकार के बेटा – बेटी की शिक्षा के लिए बैंक से लोन लिया जाता है तो 5% ब्याज अनुदान 5 साल तक राज्य सरकार वहन करेगी।
- छोटे शहरों और कस्बों के पत्रकारों को डिजिटल ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। इसमें माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाएगा।
- पत्रकार सुरक्षा कानून बनेगा। इसके लिए समिति गठित की जाएगी। समिति में पत्रकारों को भी रखा जाएगा।
जिलों में भी पत्रकारों की कॉलोनी बनाने का रास्ता निकालेंगे
पिछले दिनों भोपाल में हमने दो पत्रकार कॉलोनी बनाई। जमीन आवंटित की। जिला और दूसरे स्थानों पर भी पत्रकार मिलते हैं तो कॉलोनी की मांग करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण कुछ कठिनाइयां बीच में आई हैं, लेकिन हम रास्ता निकालकर जहां हमारी सोसाइटी है, पत्रकारों को जमीन देने की व्यवस्था करेंगे। लीगल जो भी रास्ता होगा निकालेंगे।