भारतीय कुश्ती संघ ने अपना कार्यालय बदल लिया है। खेल मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही कुश्ती संघ को निलंबित करते हुए कई सवाल खड़े किए थे। इनमें से एक मामला ऑफिस से जुड़ा हुआ भी था। कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के आरोप लगे थे। इसके बाद उन्हें कुश्ती संघ से दूर रहने के लिए कहा गया। कई महीने बाद चुनाव हुए और नया अध्यक्ष चुने जाने के बावजूद संघ का कामकाज पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के घर से चल रहा था।
अब खेल मंत्रालय ने इस मामले पर आपत्ति जाहिर की तो संघ का कार्यालय बदल दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुश्ती संघ का नया ऑफिस बृजभूषण सिंह के घर से काफी दूर है। मंत्रालय ने यह भी चिंता व्यक्त की थी कि नया निकाय पूर्व पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में काम कर रहा था, जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं था।
यह विवाद 21 दिसंबर, 2023 को हुए कुश्ती संघ के चुनावों के तुरंत बाद शुरू हुआ, जहां संजय सिंह विजयी हुए। उनके अध्यक्ष बनने पर शीर्ष पहलवानों ने विरोध शुरू कर दिया। ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने संन्यास का एलान किया और बजरंग पुनिया ने अपना पद्म श्री पुरस्कार लौटा दिया। विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट ने भी अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा दिया। पहलवानों का कहना था कि बृजभूषण सिंह के करीबी के अध्यक्ष बनने से चीजें जस की तस रहेंगी और कुछ भी नहीं बदलेगा।
खेल मंत्रालय ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना या पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त नोटिस दिए बिना जल्दबाजी में अंडर-15 और अंडर-20 नागरिकों के संगठन की घोषणा करने के लिए संघ की आलोचना की। मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐसे निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा कुश्ती संघ संविधान और राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के अनुसार उचित नोटिस और कोरम के साथ लिए जाने चाहिए।
इस बीच, भारतीय ओलंपिक संघ ने निलंबित भारतीय कुश्ती संघ के रोजमर्रा के मामलों को चलाने के लिए बुधवार को तीन सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया है । वुशू एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा तदर्थ समिति के प्रमुख होंगे, साथ ही हॉकी ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर अन्य दो सदस्य होंगे।