इंदौर
प्रदेश में जूनियर डॉक्टर के बाद अब नर्सिंग एसोसिएशन की हड़ताल जारी है। लंबित मांगों को लेकर प्रदेश में नर्सिंग एसोसिएशन द्वारा काली पट्टी बांधकर कार्य किया जा रहा है। वहीं, शुक्रवार को नर्सों द्वारा गांधीजी के तीन बंदरों के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की। सुबह से ही एमवाय अस्पताल में 750 नर्सिंग स्टाफ नेे काली पट्टी बांध कर पहले प्रदर्शन करने के बाद काम पर लौटा। सरकार को 7 दिन का समय दिया गया है, जिसके बाद सभी नर्सिंग स्टाफ उग्र कदम उठा सकता है।
गुरुवार को अस्पताल में भर्ती मरीज और परिजनों ने भी नर्सों की हड़ताल में पर समर्थन देकर सीएम ने के नाम चिठ्ठी लिखी।
समर्थन में मरीजों ने सीएम को लिखी चिट्ठी।
मरीज और उनके परिजन भी उतरे समर्थन में
नर्सेस एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र पाठक ने बताया कि गुरुवार को स्टाफ द्वारा मुख्यमंत्री के नाम 300 पोस्ट कार्ड लिख कर भोपाल भेजे गए हैं। इनमें अपनी मांगों को लिखा गया है। एसोसिएशन का कहना है, हमने कोविड काल में काम किया। कई साथी शहीद भी हुए। हमारी मांग है कि उनके किसी परिजन को अनुकंपा नियुक्ति के साथ उन्हें कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया जाए। साथ ही, उच्च स्तरीय वेतनमान 2 ग्रेड अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में कार्यरत समस्त नर्सेस को दिया जाए। पेंशन योजना भी लागू की जाए। कोरोना काल में शासन ने जितनी भी घोषणाएं की, उन पर अमल नहीं किया गया है।
मध्यप्रदेश में कार्यरत नर्सेस को एक ही विभाग में समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए। नर्सेस एसोसिएशन ने शासन से अनुरोध किया है कि उनकी मांगों का निराकरण किया जाए, नहीं तो प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। समस्त मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत नर्सेस अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगी।
नर्सिंग एसोसिएशन मांगें
- उच्च स्तरीय वेतनमान
- पदनाम परिवर्तन — मेल फीमेल नर्स के बाद नर्सिंग ऑफिसर कहा जाए।
- कोरोना के समय मृत्यु के बाद उनके परिवार को अनुकंपा नियुक्ति।
- 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा से किया जाए सम्मानित।
- 2 माह का अग्रिम वेतनमान।
- काफी समय से रुकी हुई मेल नर्स की भर्ती शुरू की जाए।