अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

पेशा कानून,पुलिस कैंप खोलने, फर्जी मुठभेड़ जैसे मामलों को लेकर अब अबूझमाड़ में आंदोलन

Share

एक बार फिर सरकार से नाराज ग्रामीण 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हजारों की संख्या में नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के ओरछा विकासखंड में अपने पारंपरिक हथियारों को लेकर मुख्य मार्ग में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।यह आदिवासी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने में बैठे हैं। जिससे ओरछा से नारायणपुर ज़िला मुख्यालय मुख्य मार्ग में आवाजाही बंद हो गई है किसी भी यात्री वाहन को आने जाने नहीं दिया जा रहा है।

People of 10 villages of Abujhmad gathered against the conversion said the  conspirators are not well the government should pay attention otherwise  there will be a fierce movement - धर्मांतरण के खिलाफ


 जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि नारायणपुर ज़िले के अबूझमाड़ के लगभग 20 पंचायतों के ग्रामीण बीती शाम 4:00 बजे के आसपास ओरछा के बटूंग में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आदिवासी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं।
11सूत्रीय मांगों में निम्न मांग हैं –
 1. अबूझमाड़ में पांचवीं अनुसूची लागू हो।
 2. अबूझमाड़ में पेशा कानून लागू हो।
 3. अबूझमाड़ में रोड निर्माण बंद हो।
 4. बिना अनुमति के सुरक्षा कैंप लगाना बन्द हो।

 5.ग्रामीण आदिवासियों को ज़मीन का पट्टा देने की जरूरत नहीं है।
 6. बस्तर में फर्जी मुठभेड़ बंद हो। 
 7. बस्तर में मौजूद खनिज संपदा को लूटने के मकसद से ही बड़े सड़क और पुलियाओं का निर्माण कराया जा रहा है इसे तुरंत बंद करो।
 8. झूठे और फर्जी नक्सल प्रकरण में जेलों में बंद आदिवासियों को तुरंत रिहा करो।
 9.ग्राम सभा के अनुमति के बिना गांवों में पुलिस कैंप खोलना बंद करो।
 10. हमारे क्षेत्रों में पुलिस अर्ध सैनिक बलों की गस्ती अभियानों को तुरंत बंद करो।
 11.पेशा कानून के तहत हमारी ग्राम सभाओं को संपूर्ण अधिकार मिलना चाहिए।
इन सभी मामलों को लेकर अबूझमाड़ के ग्रामीण आंदोलन में डटे हुए हैं।
  इस आंदोलन में जितनी संख्या में पुरूष हैं उतनी संख्या में महिलाएं भी हैं जो अपने साथ राशन पानी लिए आए हुए हैं।इस वक्त पूरे छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है इसके बावजूद कुछ महिलाएं दुधमुंहे बच्चों को लेकर इस आंदोलन को समर्थन देने पहुंची हैं ।

आंदोलन कर रहे ग्रामीणों का कहना है जब तक प्रशासन हमारी मांगों को नहीं मानेगा हम यहाँ धरने पर बैठे रहेंगे।
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में आदिवासियों का सरकार के खिलाफ़ लगातार आंदोलन जारी है और सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 
2019 से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिलों में सरकार द्वारा – सड़क बनाने , सुरक्षा कैंप खोलने , फर्जी मुठभेड़,निर्दोष आदिवासियों को जेल से रिहा करने , खनिज अयस्कों के दोहन को रोकने इत्यादि मामलो को लेकर तीन सालों के अंदर कई बड़े – बड़े आंदोलन हुए हैं और अभी भी वर्तमान में आंदोलन चल रहे हैं। तो वहीं बीजापुर ज़िले के सिलंगेर में सुरक्षा कैंप के विरोध में चल रहे आंदोलन में पुलिस की गोली से चार निर्दोष आदिवासियों की हत्या हुई थी जिसे पुलिस के द्वारा नक्सली बताया गया था जिसका सरकार के तरफ़ से कोई निष्पक्ष जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं दिया गया है और इधर सिलंगेर आंदोलन को लगभग अब 8 माह होने को है और अब सरकार से ग्रामीण न्याय की उम्मीद लिए बैठे हैं जिसका अभी तक कुछ निष्कर्ष नहीं निकला है।
तो वही बीजापुर ज़िले के बेचापाल में पुलिस कैंप , सड़क निर्माण स्कूली छात्रों को नक्सली बताकर उन पर पुलिस द्वारा करंट लगाकर प्रताड़ित करने और महिलाओं से छेड़छाड़ बलात्कार करने जैसे मामलों को लेकर ग्रामीण बीते पिछले एक महीने से अनिश्चित कालीन आंदोलन में हैं।
2019 से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 5 आदिवासी बहुल जिलों – कांकेर , बस्तर , सुकमा , दंतेवाड़ा , बीजापुर , नारायणपुर सभी जिलों में आदिवासी ग्रामीण अपनी मांगों और अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को लेकर अपने पारंपरिक देवी देवताओं और पारंपरिक हथियार , इत्यादि लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
देखा जाए तो बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में सरकार द्वारा ग्रामीणों की अनुमति के बिना पुलिस कैंप खोले जा रहे हैं जिससे आदिवासी ग्रामीण काफ़ी नाराज़ हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे है।

(बस्तर से पत्रकार रिकेश्वर राना की रिपोर्ट।)

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें