इंदौर
आंवला नवमी के पावन मौके पर शुक्रवार को श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में अन्नकूट महोत्व मनाया। जिसमें प्रभु वेंकटेश भगवती महालक्ष्मी व रामानुज स्वामी के साथ ही राजसी वैभव में राजधिराज स्वरूप में प्रभु वेंकटेश ने अपरस में सिद्ध 56 भोग अर्पित किया। मनोहारी दर्शन के साथ ही इस बार देवस्थान को हजारों बल्बों की टिमटिमनाती रोशनी के साथ ही फूलों से सजाया गया। जो अन्नकूट महोत्सव के आकर्षण का केंद्र रहा। ऐसा प्रतित हो रहा था मानों ठाकुर जी पुष्प बंगले में विराजमान हैं।
मंदिर में लगे गोविंदा–गोविंदा के जयघोष
मंदिर के पंकज तोतला ने बताया कि मंदिर में घंटे घड़ियाल के बीच शहनाई वादन की धुन के साथ पट खुले और मंदिर परिसर में गोविंदा-गोविंदा के जयघोष लगने लगे। प्रभु वेंकटेश की महाआरती अनंत श्री विभूषित श्रीमदजगद्गुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पिठाधिपति स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महराज ने की। विद्यार्थियों व पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार और स्तोत्र पाठ भी हुए। अन्नकूट महोत्सव में प्रभु वेंकटेश को अनेक प्रकार के प्रिय भोग लगाए गए। इसमें माखन मिश्री के लड्डू, रबड़ी, मालपुआ, चमचम, मोहन भोग, खोपरा पाक, चक्की, मोती पाक, सीताफल मिठाई सहित अन्य प्रकार की मिठाई के साथ ही नमकीन में पालक सेव, टमाटर सेव, पालक सेव के साथ ड्रॉयफ्रुट टॉफियां, विभिन्न प्रकार के फलों व रामभाजी जिसमें अनेक प्रकार की सब्जियों को मिलाया जाता है, पूड़ी, खिरान, रायता आदि का भोग अर्पित किया गया। इसके अलावा स्वामी महाराज ने वार्षिक पत्रिका अवलोकन कर भक्तों को वितरित की।
मंदिर में लगा भक्तों का तांता
रात लगा रहा भक्तों का आना
इधर, आयोजन में बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में हुए श्रृंगार को देखने और भगवान के दर्शन करने पहुंचे। रात में भी भक्तों के आने का सिलसिला लगातार जारी रहा। भक्तों ने भगवान के इस स्वरूप के दर्शन कर प्रार्थना की। वहीं अद्भुत श्रृंगार को अपने मोबाइल में भी कैद किया। हालांकि रात में भी बड़ी संख्या में भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर परिसर में जमा रहे। व्यवस्था अनुसार सभी भक्त दर्शन करते हुए द्वार पर प्रसाद लेकर मंदिर परिसर से बाहर लौट रह थे। रविन्द्र धुत पंकज तोतला, पवन व्यास, हर्ष पसारी,सुनील राठी ,नीलेश तोतला सर्वेश गट्टानी प्रथमेश मुंदड़ा आदि उपस्थित रहे।