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कूरेमल कुल्फी का नाम सुनते ही मन में ठंडक और मुंह में स्वाद का अहसास

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पूनम बिष्ट 

कुल्फी का नाम सुनते ही मन में ठंडक और मुंह में स्वाद का अहसास घुल जाता है। इस पर भी आपको पुरानी दिल्ली की मशहूर कूरेमल महावीर प्रसाद कुल्फी वाले (कूरेमल कुल्फी) की कुल्फी चखने को मिल जाए तो कहने ही क्या। यह नाम ही असल में कुल्फी के दीवानों को पुरानी दिल्ली खींच लाता है। यहां पर आपको कुल्फियों की तमाम वैरायटी मिल जाएंगी। फिर चाहे मौसमी फलों वाली कुल्फी हो या ड्राईफ्रूट्स वाली या फिर कुल्फी चाट।

कूरेमल महावीर प्रसाद कुल्फी वाले मनोज शर्मा ने बातचीत में बताया कि हमारे परिवार का कुल्फी का कारोबार 1906 से चल रहा है। यूं कहें कि दिल्ली में कुल्फी की शुरुआत ही हमारे परिवार ने की थी। वह बताते हैं, मेरे दादाजी कूरेमल आठ साल की उम्र में ही हरियाणा के झज्जर के पलड़ा गांव से दिल्ली आ गए थे। शुरुआत में उन्होंने अपने चाचाजी के साथ मिलकर घी का व्यापार किया। इस दौरान हलवाइयों के साथ भी काम करने का मौका मिला। 1906 में उन्होंने सबसे पहले दूध की रबड़ी बनाई। चावड़ी में ही उस वक्त गली में छोटी सी दुकान हुआ करती थी। 1932 के आसपास दिल्ली में पहला बर्फखाना खुला तो चाचा-भतीजे ने कुल्फी का काम फैलाया शुरुआत में केसर पिस्ता, क्रीम वाली और शरबत वाली कुल्फी बना करती थी। एक तरह से दिल्ली में कुल्फी की शुरुआत हमने ही की थी। आज हमारी चौथी पीढ़ी इस कारोबार में है।

आप तो स्टफ्ड कुल्फियों की वैरायटी के लिए मशहूर हो, इसकी शुरुआत कैसे हुई? इस सवाल पर मनोज शर्मा कहते हैं – बात 1972 के आसपास की है। मेरे पिताजी महावीर प्रसाद का कोलकाता जाना हुआ था। वहां उन्होंने देखा कि एक शख्स आम के स्लाइस पर केसर पिस्ता डालकर बेच रहा है। यहीं से उन्हें आइडिया आया और दिल्ली आकर उन्होंने स्टफ्ड कुल्फी के साथ प्रयोग शुरू किए। आज हमारे पास ड्राई फ्रूट कुल्फी, चिलगोजे की कुल्फी, ऑरेंज कुल्फी, शरीफे की कुल्फी ही नहीं वीगन कुल्फी भी है। वीगन कुल्फी फ्रूट जूस, चीनी और नींबू के मिश्रण से बनती है। कुल्फी की हमारे पास 55 वैरायटी हैं। इसके अलावा हमने फलों जैसे कि अनार, फालसा, जामुन, कीवी, मैंगो के साथ कुल्फी बनाई हैं। रोलर कुल्फी भी है। कुल्फी का रेट सौ रुपये से लेकर ढाई सौ रुपये तक जाता है। इसके अलावा हम 120 रुपये में कुल्फी फालूदा देते हैं।

चावड़ी बाजार के अलावा सीताराम बाजार, पीतमपुरा, कमला नगर, प्रीत विहार में भी हमारी शॉप हैं। सबके लिए माल एक ही जगह बनता है ताकि स्वाद में फर्क न आए। हमारी कोई फ्रेंचाइजी नहीं है। मैं खुद भी ग्रैजुएशन के बाद इस कारोबार में आ गया था और मेरा जोर कारोबार के एक्सपेंशन पर है। हमारी कोशिश है कि अब विदेश में भी फ्रेंचाइजी खोली जाए। वैसे भी विदेश में कैटरिंग सेवाएं तो हम दे ही रहे हैं। सर्दियों के मौसम में काम किस तरह का रहता है, इस सवाल पर मनोज शर्मा बताते हैं – बाकी साल के मुकाबला सर्दी के दिनों में काम 50% रह जाता है पर इस मौसम में कैटरिंग का काम रहता है।

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