अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

नचिकेत देसाई के अनशन के बहाने !

Share

डा.सुरेश खैरनार

आज से 31 दिसम्बर तक देश में एन आर सी और अन्य सिसियो के खिलाफ आंदोलन करने वालों पर जो बर्बरता मुख्यतः उत्तर प्रदेश के सरकार द्वारा की जा रही है ! इसके खिलाफ वरिष्ठ पत्रकार और महात्मा गाँधी के निजी सचिव महादेव देसाई के नाती, और सुप्रसिद्ध गांधीवादी, नारायण देसाई के पुत्र नचिकेत देसाई ने, गाँधीजी द्वारा स्थापित अहमदाबाद के साबरमति स्तिथ,  सत्याग्रह आश्रमके प्रांगण में अनशन करने के लिए, एक सफेद चादर बिछाकर शुरुआत की थी ! तो आश्रम के विश्वस्तोंने उन्हें उठाकर बाहर निकाल दिया ! और गुजरात पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर के ले गई ! 

            यही आश्रम 2002 के समस्त गुजरातकी बदनामी होनेवाले, गुजरात दंगों के दौरान, आश्रमका परिसर किसी भी तरह के शांति सद्भावना के कार्यक्रमों के लिये  भी उप्लब्ध नहीं होंगे ! ऐसा निर्णय लिया था ! और इस बात की पुष्टि मुझे नचिकेतके पिताजिके मुहसे ही हूई थी ! तो मैंने तपाकसे नारायण भाई देसाई को कहा “की काश गुजरात दंगों को रोकने की कोशिश में, साबरमति आश्रम को दंगाईयोने जला कर राख कर दिया होता ! तो शायद इससे अच्छा स्मारक गाँधीजीका हो नहीं सकता था ! जैसा जपानी शहरों नागासाकी-हिरोसीमा के, 1945 के, ऐटम बम धमाके के बाद ! बचे हुए डोम, आजभी पुरी दुनिया को एटम बम विस्फोट की भयानकता का एहसास दिलाते हैं ! शायद वैसेही गाँधीजी द्वारा स्थापित सत्याग्रह आश्रम के जले हुए, खँडहर वर्तमान प्रधान-मंत्री के मुख्यमंत्री के कार्यकाल की विरासत का रुप में पूरे विश्व को याद दिलाते  !

 अभी कुछ दिन पहले, सुना था की सरकार गाँधी जी के सभी आश्रमो को लेनेकी बात चल रही है ! और सबसे पहले इसी आश्रमको ले रहे हैं ! तो मैंने एक विश्वस्त से फोन पर बात की ! तो उन्होंने कहा कि “हा नरेंद्र भाई देश – विदेश जाते हैं ! तो उनके मनमे आया है की , साबरमति आश्रम को अमेरिका के किंग जूनियर के मेमोरियल जैसा बनाना चाहते हैं ! तो हमारे कार्यकारी विश्वस्त से उन्होंने बात की है !” महत्मा गाँधी जी के बारे में ये सब लोग बहुत बडे विद्वान माने जाते हैं ! और किंग मेमोरियल की तरह साबरमति आश्रमको बनानेकी कल्पना से प्रभावित हो रहे हैं !

           जो महात्मा जश्न-ए-आजादी 15 अगस्त 1947 को छोडकर कलकत्तामे सांप्रदायीक दंगा रोकनेकी कोशिश में लगे थे ! उनके द्वारा दक्षिण अफ्रीका से भारत में आने के बाद स्थापित, वह भी  ‘सत्याग्रह’ नामके साबरमति आश्रमका वर्तमान संचलन करने वाले लोगों को ! कौनसा गाँधी परिचित हैं ? वह भी उनके 150 वें जन्मदिन के अवसर पर ! नचिकेता के साथ आज की गई बात हो, या 2002 के गुजरात दंगोके समय की बात एक ही है ! महात्मा गाँधी के विचार,उन्होंने 1906 में दक्षिण अफ्रीका में इजाद किया हुआ ‘सत्याग्रह’ ! और गांधी जी ने अपने अफ्रीका लौटने के बाद के पहले ही आश्रमका नाम भी उन्होंने 

‘ सत्याग्रह’ ही रखा था ! और सबसे अहम बात ! 1930 के इतिहास प्रसिद्ध दांडी मार्च को सत्याग्रह 12 मार्च के दिन 78 सत्याग्रहियो के साथ , आश्रम से सुबह सुबह  सूरज निकल ने के पहले, निकले हुए, गाँधीजी दोबारा वहां वापस नहीं आये थे ! मतलब उसिदिन आश्रमकी चेतना निकल पड़ी थी ! और पीछे छूट गया था एक कलेवर जिसकी रक्षा वर्तमान विश्वस्त बखूबी कर रहे हैं ! 

       डॉ. राम मनोहर लोहिया ने तीन प्रकार के गाँधीवादी कहे थे ! एक कुजात दूसरे मठी, और तीसरे वेशभूषा वाले ! कुजात उन्होंने समाजवादीयोको कहा ! ( यह कहा तक ठीक है ? यह मैं पाठको पर छोड रहा हूँ ) मठी, आश्रम और कर्मकांड करने वाले ! और तीसरे वेशभूषा वाले ! कॉन्ग्रेस के लोगों को कहा था ! मठी गाँधीवादियोने, जेपिके अन्दोलन के समय ! याने आजसे 45 साल पहलेही अपना परिचय दिया है  !,और 2002 में और फिर अभी ! उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार जिस तरह से, एन आर सी के खिलाफ चल रहे जनआंदोलन को कुचलने का हर संभव कोशिश कर रही है! और कुछ गाँधीवादी जो कभी जेपिके अन्दोलनमे काफी सक्रिय रहे थे ! उनका अभी हाल ही में एक वक्तव्य पढा है ! की “मैं फिलहाल तटस्थ भाव से वर्तमान स्थिति को देखते हुए किसी की भी तरफ नहीं हूँ !” डॉक्टर बाबासाहब अंबेडकर जिने बहुत मार्केकी बात कही है ! की “जो लोग वर्तमान समय में हो रहे गलत बातों को लेकर कुछ भी निर्णय नहीं लेते हैं ! इतिहास उन्हें कभिभि माफ नहीं करेगा !”

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें