उज्जैन
सावन के तीसरे सोमवार पर उज्जैन के राजा महाकाल एक बार फिर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले हैं। चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा के अलावा गरुड़ रथ पर सवार भगवान शिव तांडव के रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी पत्नी साधना सिंह, बेटे कार्तिकेय और कुणाल भी बाबा की सवारी में शामिल हैं। मंत्री मोहन यादव, महापौर मुकेश टटवाल समेत अन्य नेता भी मौजूद हैं।
इससे पहले सीएम सपरिवार दोपहर करीब दो बजे उज्जैन पहुंचे थे। उन्होंने परिवार समेत गर्भगृह में बाबा महाकाल के दर्शन कर अभिषेक किया। इसके बाद बाबा की पालकी की पूजा-अर्चना की।

मुख्यमंत्री शिवराज और उनकी पत्नी साधना सिंह महाकाल मंदिर का ध्वज हाथों में लेकर सवारी में पालकी के आगे-आगे पैदल चल रहे हैं।

बाबा महाकाल की सवारी से पहले सीएम ने पालकी का पूजन किया।

सीएम शिवराज परिवार समेत दोपहर करीब दो बजे उज्जैन पहुंचे। उन्होंने बाबा महाकाल का दर्शन कर अभिषेक किया।
दो लाख से ज्यादा भक्तों के आने का अनुमान
भस्म आरती के लिए रात 12 बजे से भक्त मंदिर पहुंच चुके थे। तड़के 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट खोलने के बाद भगवान को भस्म चढ़ाई गई। पंचामृत, अभिषेक पूजन कर भांग, चंदन से राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया। इसके बाद आरती की गई। भस्म आरती में बड़ी संख्या में बिना परमिशन वाले भक्तों ने चलित भस्म आरती व्यवस्था से दर्शन किए। सावन के तीसरे सोमवार पर दो लाख से ज्यादा भक्तों के उज्जैन पहुंचने की उम्मीद है।

बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा ने नंदी हॉल से महाकाल के दर्शन किए। वे भोग आरती में भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भगवान के चरणों में वंदन कर आशीर्वाद लिया है। महाकाल मंदिर में आरती के बाद आशुतोष राणा महानिर्वाणी अखाड़े के महंत से मिलने पहुंचे।
पंचामृत से पूजन, चंदन से श्रृंगार
तड़के भस्म आरती में भगवान महाकाल का पहला पूजन किया गया। पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से बने पंचामृत से बाबा का पूजन किया। हरि ओम जल चढ़ाकर कपूर आरती के बाद भांग, चंदन, अबीर के साथ महाकाल के मस्तक पर ऊँ, चंद्र और त्रिपुंड अर्पित कर राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। श्रृंगार पूरा होने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढक कर भस्म रमाई गई। आखिरी में भगवान की विशेष भस्म आरती की गई। मंगलवार 4 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हुई है।

भस्म अर्पित कर महाकाल का श्रृंगार किया गया।
इस बार शाही सवारी समेत 10 सवारियां निकलेंगी
मंदिर परिसर में भगवान की प्रतिमा और गरुड़ प्रतिमा को श्रृंगारित करने के साथ ही रथ पर रंग-रोगन किया गया। भगवान महाकाल की सवारी में प्रत्येक सोमवार को नये स्वरूप की प्रतिमा प्रजा को दर्शन देने शामिल होती है। इस बार सावन का अधिकमास होने से भगवान महाकाल की शाही सवारी समेत 10 सवारियां निकलेंगी।

सावन के तीसरे सोमवार को महाकाल के दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। रात 12 बजे से ही कतारें लग गई थीं।