अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

कभी चॉल में रहता था गौतम अडानी का परिवार, आज हैं एशिया के दूसरे बड़े रईस

Share

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी एशिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। अब उनसे आगे केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी रह गए हैं। आइए एक नजर डालते हैं गौतम अडानी के अब तक के सफर पर..

success story of gautam adani who is now asias second richest man after mukesh ambani

  • अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी चीन के झोंग शैनशैन को पछाड़कर एशिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। Bloomberg Billionaires Index के मुताबिक वह 67.6 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की सूची में 14वें नंबर पर आ गए हैं। एशिया में उनके आगे अब केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (76.3 अरब डॉलर) रह गए हैं। इस साल अडानी की नेटवर्थ 33.8 अरब डॉलर बढ़ी है। उनकी नेटवर्थ अडानी से 8.7 अरब डॉलर कम है। लेकिन जिस रफ्तार से इस साल अडानी की नेटवर्थ बढ़ी है, उससे वह अगले कुछ दिन में अंबानी से आगे निकल सकते हैं।
  • 100 अरब क्लब में शामिल
100-

अडानी ग्रुप की 6 लिस्टे़ड कंपनियों में से 5 का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हैं। ग्रुप की 6 सूचीबद्द कंपनियों का कुल मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से अधिक है। टाटा ग्रुप (Tata Group) और रिलायंस के बाद अडानी ग्रुप 100 अरब डॉलर से अधिक का मार्केट कैप हासिल करने वाला देश का तीसरा कारोबारी घराना है। अडानी का कारोबार माइंस, पोर्ट्स, पावर प्लांट्स, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स और डिफेंस सेक्टर तक फैला है। पिछले एक साल में उनकी नेटवर्थ में काफी उछाल आई है

चॉल में रहता था परिवार

गौतम अडानी का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में 24 जून 1962 को हुआ था। अडानी के छह भाई-बहन थे। अडानी का परिवार अहमदाबाद के पोल इलाके की शेठ चॉल में रहता था। गौतम अडानी का कारोबारी सफर तब शुरू हुआ, जब वह गुजरात यूनिवर्सिटी से बीकॉम पूरा किए बिना मुंबई आ गए। उन्होंने डायमंड सॉर्टर के तौर पर शुरुआत की और कुछ ही सालों में मुंबई के झवेरी बाजार में खुद की डायमंड ब्रोकरेज फर्म शुरू कर दी। इसके बाद मुंबई में कुछ साल बिताने के बाद वह अपने भाई की प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने के लिए वापस अहमदाबाद आ गए। यहां गौतम ने पीवीसी यानी पॉलिविनाइल क्लोराइड का इंपोर्ट शुरू करने का फैसला किया और ग्लोबल ट्रेडिंग में एंट्री की। प्लास्टिक बनाने में पीवीसी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।

1988 में अडानी ग्रुप की शुरुआत

1988-

पीवीसी इंपोर्ट में ग्रोथ होती रही और 1988 में अडानी ग्रुप पावर और एग्री कमोडिटी में आधिकारिक तौर पर स्थापित हो गया। 1991 में हुए आर्थिक सुधारों की बदौलत अडानी का बिजनस जल्द ही डायवर्सिफाई हुआ और वह एक मल्टीनेशनल बिजनेसमैन बन गए। 1995 गौतम अडानी के लिए बेहद सफल साबित हुआ, जब उनकी कंपनी को मुंद्रा पोर्ट के संचालन का कॉन्ट्रैक्ट मिला। गौतम अडानी ने अपने कारोबार में डायवर्सिफिकेशन को जारी रखा और 1996 में अडानी पावर लिमिटेड अस्तित्व में आई। 10 साल बाद कंपनी पावर जनरेशन बिजनस में भी उतरी।

अब नजर रेल और रक्षा कारोबार पर

इस समय गौतम अडानी का कारोबार कई क्षेत्र में फैला हुआ है। वह एक तरफ कोल माइनिंग के क्षेत्र में सबसे बड़े कॉन्टैक्ट माइनर बन गए हैं। दूसरी तरफ उनके पास देश का सबसे एफिशिएंट कोल बेस्ड पावर प्लांट है। मुंद्रा बंदरगाह के जरिए पोर्ट सेक्टर में अपनी दमदार उपस्थिति तो दर्ज करा ही दी है। अब उनकी नजर सीमेंट का कारखाना लगाने से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में रोड कंस्ट्रक्शन, डिफेंस प्रोडक्शन और रेलवे पर है। उन्होंने अपनी 6-7 छोटी छोटी रेलवे लाइनों को कंसोलिडेट कर एक रेलवे ट्रैक मैनेजमेंट कंपनी पहले ही बना ली है।

रिन्यूएबल सेक्टर का सबसे बड़ा सौदा

अडानी ग्रुप ने दो वर्षों से भी कम समय में, देश के सात हवाई अड्डों का प्रबंधन संभाला। इसी के साथ कंपनी का भारत के लगभग एक चौथाई हवाई यातायात पर नियंत्रण हो गया है। अडानी ग्रीन एनर्जी ने ने वर्ष 2025 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को लगभग आठ गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने हाल में रिन्यूएबल सेक्टर के इतिहास का सबसे बड़ा सौदा किया। उसने एसबी एनर्जी को करीब 26 हजार करोड़ में खऱीदने की डील की। इस अधिग्रहण के साथ अडानी ग्रीन की कुल क्षमता 24,300 मेगावॉट हो जाएगी।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें