पुष्पा गुप्ता
*एक :*
सुपर सत्ता (ईश्वर)
*दो*
लिंग : नर और नारी
पक्ष : शुक्ल पक्ष, कृष्ण पक्ष
पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)
आयन : उत्तरायन और दक्षिणायन.
*तीन*
देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर
देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी
लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल
गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण
स्थिति : ठोस, द्रव, गैस
स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत
पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा
रचनाएँ : देव, दानव, मानव
अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी
काल : भूत, भविष्य, वर्तमान
नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना
संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं
शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति
*चार*
धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका
मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार
वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र
नीति : साम, दाम, दंड, भेद
वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद
स्त्रीरूप : माता, पत्नी, बहन, पुत्री
युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग
समयकाल : सुबह,दोपहर, शाम, रात
अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा
गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु
प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर
जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज
वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्
आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्रहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास
भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य
पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष
वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन
*पाँच*
तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु
देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सूर्य
ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा
आकर्षण कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि
उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा
पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य
अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर
प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस
स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा
वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान
इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन
वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट, बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)
मुख्यपत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक
पौराणिक कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी.
*छ:*
ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर
ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष
कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान
दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्.
*सात*
छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती
स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि
सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद
चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मूलाधार
वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि
मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब
महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप
ॠषि : वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक
धातु (शारीरिक) : रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य
रंग : बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल
पाताल : अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल
पुरी : मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची
धान्य : गेहूँ, चना, चांवल, जौ मूँग,उड़द, बाजरा.
*आठ*
मातृका : ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा
लक्ष्मी : आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी
वसु : अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास
सिद्धि : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व
धातु : सोना, चांदी, तांबा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा.
*नव*
दुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री
ग्रह : मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, यम, अरुण, राहु, केतु
रत्न : हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया
निधि : पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि.
*दस*
महाविद्या : काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला
दिशाएँ : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे
दिक्पाल : इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत
अवतार : मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि
सती : सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती.।