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भूपेश बघेल की चांडाल चौकड़ी का एक विकेट गिरा, सुपर सीएम सौम्या चौरसिया अब ईडी की गिरफ्त में

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अनिल टुटेजा को मिला प्रदेश में उगाही का पूरा जिम्मा, ईडी की रडार पर है अनिल टुटेजा और उनके गुर्गें अनवर ढ़ेबर*

*विजया पाठक, संपादक, जगत विजन*

कहते है *”विद्या विवादाय धनं मदाय। शक्तिः परेषां परिपीडनाय“*

अथार्त: दुर्जन की विद्या विवाद के लिये, धन उन्माद के लिये और शक्ति दूसरों का दमन करने के लिये होती है। यह श्लोक छत्तीसगढ़ के लिए उपयुक्त बैठता है। यहां राजा अर्थात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने आसपास एक ऐसी “चांडाल चौकड़ी” बनाई, जिसने प्रदेश में दमन, अत्याचार और भ्रष्टाचार का ऐसा कुचक्र फैलाया, जिसका छत्तीसगढ़ राज्य साक्षी बना। चौकड़ी की प्रमुख सदस्य जिसे प्रदेश की सुपर सीएम की पदवी हासिल थी, सौम्या चौरसिया अब सलाखों के पीछे है। बीते 04 वर्षों से सौम्या चौरसिया ने एक नही बल्कि अनेकों शासकीय योजनाओं में गजब का भ्रष्टाचार मचाया। अगर हम यह कहे कि सौम्या ने भ्रष्टाचार का आतंक मचा रखा था तो इसमें कोई संदेह नहीं है। सूत्रों के अनुसार सौम्या की गिरफ्तारी राज्य के मुखिया भूपेश बघेल के लिए गले का कांटा बन सकता है क्योंकि सौम्या के भ्रष्टाचार में बघेल की सहभागिता बराबर रही है। मौजूदा भूपेश बघेल सरकार ने पिछले चार साल में भ्रष्टाचार में बड़ी कामयाबी हासिल की है। निम्न स्तर से लेकर उच्च स्तर तक भ्रष्टाचारियों ने आतंक मचा रखा है। ऐसे माहौल में आज सौम्या चौरसिया की किसी को चौकाने वाली नहीं लगती है क्योंकि सब जानते थे कि एक न एक दिन ऐसा होने वाला है।

सौम्या चौरसिया की गिरफ़्तारी के बाद यह सिलसिला यहां अब रुकने वाला नहीं। उनके चारों भाई भी ईडी की जद में आने ही वाले हैं। यह मेरे जैसे तमाम उन लोगों की जीत है, जिन्होंने सत्ता के नशे में चूर इन लोगों के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ी। आज से करीब 2.5 साल पहले मैंने अपनी पत्रिका जगत विजन में पहली स्टोरी कवर की और उसके बाद अनेकों अंक, पोस्ट छत्तीसगढ़ में दमन, अत्याचार और भ्रष्टाचार जो मुख्यमंत्री और इनकी चांडाल चौकड़ी ने स्थापित किया उस पर लिखा। 

राज्य के मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी, आईएएस और आईपीएस अफसर तक डिप्टी सेक्टरी रैंक की इस महिला अफसर का रॉब इतना अधिक था कि कई बार तो चौरसिया ने केबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री बघेल के सामने अफसरों को फटकार लगा दी। यही नहीं सौम्या चौरसिया के भ्रष्टाचार की परतें जब पत्रकार सुनील नामदेव ने खोलना शुरू की तो इस क्रूर अफसर महिला ने सुनील नामदेव का घर तुड़वा दिया, उन्हें जेल भेज दिया और उन्हें सैनेटाइजर पिलाने तक की कोशिश की। अभी यह मामला यहां रुकता खत्म नहीं होता दिख रहा। ईडी के उच्चे सूत्रों के अनुसार अब ईडी की नज़र में शराब और अन्य  कमाई भी आ चुकी है। छत्तीनसगढ़ में शराब की बिक्री सरकारी स्तर पर होती है, जिसमें लगभग 50 प्रतिशत अवैध अर्थात बिना टैक्स वाली शराब बिकती है। सूत्रों के मुताबिक इसका पूरा जिम्मा चांडाल चौकड़ी की दूसरी गैंग संभालती थी, जिसे नान घोटाले का मुख्य आरोपी और महापौर का भाई संभालते हैं। अब प्रदेश की पूरी ऊगाही इन्हीं के कंधे के ऊपर आ गई है। ईडी की नज़र अब अनिल टुटेजा और ढ़ेबर पर है। केन्द्र तक यह जानकारी भी पहुंच चुकी है, कि सुप्रीम कोर्ट की हर पेशी पर 50 लाख से ऊपर पैसा खर्चा करके टुटेजा अभयदान प्राप्त कर रहे है। चांडाल चौकड़ी के यह सदस्य भी जल्द जेल में दिखाई देंगे। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री परिवार से भी किसी की गिरफ्तारी हो सकती है। केंद्र अब छत्तीसगढ़ के पुलिस विभाग पर भी कार्यवाहियां की तैयारी कर रहा है, जिसमें जनसंपर्क आयुक्त  के साथ-साथ प्रदेश के एडीजी, आईजी, डीआईजी, एसपी और राज्य सेवा से आए पुलिस अधिकारियों की कुंडली तैयार की जा रही है। इसमें इनके द्वारा ऑनलाइन ऐप, जमीन मामले और सौम्या चौरसिया के कहने पर दमन प्रमुख है। इसके साथ ही प्रदेश एक महापौर और उनके भाई पर भी गोपनीय जांच चालू हो गई है और आगे इनका भी नंबर आयेगा। छत्तीसगढ़ में लूट खसोट का ऐसा दुश्चक्र चला की हर कोई प्रदेश की जनता का पैसा लूटने में लग गया। कोयला, लौह, शराब, जमीन, ठेके आदि में बे-हिसाब पैसा कमाया गया। आज हालत यह है कि चौकड़ी का एक सदस्य अभी अंदर गई है, अनिल टुटेजा कहीं छिप गए हैं, विनोद वर्मा के सुप्रीम कोर्ट केस में अचानक तेजी आई हुई है बल्कि आशंका यह है कि मुख्यमंत्री स्वयं की गिरफ्तारी ही ना हो जाए। इसका सीधा तात्पर्य यह है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ अशांत रहने वाला है। 

वैसे भी भूपेश बघेल के आगे की राजनीतिक यात्रा ठीक नहीं दिख रही आरक्षण मामले में आदिवासी इनके खिलाफ हो गए हैं। अभी विधानसभा में पारित आरक्षण से प्रदेश के सतनामी समाज नाराज हो गया है। गरीब सवर्ण भी सरकार से नाराज है। ऐसे में 2023 में पिछड़ा समाज और छत्तीसगढ़ी नैरेटिव से चुनाव जीता नहीं जा सकता है। आशंका तो यह है कि चुनाव तक भूपेश स्वयं ही गिरफ्तार ना हो जाए। *क्रमश:*

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